नेपाल द्वारा भारतीय फ़ोर्स के हेलिकॉप्टर रुद्र को मार गिराने और पायलट के पकड़े जाने की खबरें सोशल मीडिया में काफ़ी शेयर हो रही हैं. इस दावे का आधार हेलिकॉप्टर को हवा में ही मार गिराने का 30 सेकंड का एक वीडियो है. आपको बता दें कि इस वीडियो में कोई ऑडियो नहीं है.

इस वीडियो को ट्वीट करते हुए एक यूज़र ने लिखा, “शुक्रिया नेपाल: आज, भारतीय वायु सेना ने एयरस्ट्राइक करने के मक़सद से नेपाल की सीमा लांघी. बेलहिया में भारत ने एयर स्ट्राइक की थी. इसके परिणामस्वरूप हमने एक भारतीय HAL रुद्र को मार गिराया है और एक पायलट को पकड़ लिया है. अब हम पायलट को वापस भारत नहीं लौटने देंगे.”

ट्विटर यूज़र @Irmaknepal ने ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया है. इस वीडियो को अर्टिकल लिखे जाने तक 1500 बार रीट्वीट और 50 हज़ार बार देखा जा चुका है.

फ़ैक्ट-चेक

वीडियो के फ़्रेम्स को यांडेक्स (Yandex) पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ह्यूगो कामन का एक ट्वीट मिला जिसमें एक शब्द था – सीरिया.

साल 2019 में, ह्यूगो ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए बताया था कि 17 अक्टूबर, 2012 को सीरियन एयर फ़ोर्स (SyAAF) के हेलिकॉप्टर को ऐंटी एयरक्राफ़्ट ने हवा में ही मार गिराया था. ट्वीट में बताया गया है कि ये वीडियो सीरिया के सिवल वॉर का सबसे जाना-माना वीडियो है.

इसके आधार पर की-वर्ड्स सर्च से हमें इस वीडियो के बारे में पब्लिश हुई 2012 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.

‘टेलीग्राफ़’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि विद्रोहियों ने सीरिया के एक शहर को हासिल करने के लिए इस हेलिकॉप्टर को मार गिराया था. अंतरराष्ट्रीय शांति दूत लखदर ब्राहिमी ने विवाद के इस जोखिम के बारे में आगाह किया था. डेमेस्कस-अलेपो हाइवे के लिए हुई लड़ाई सीरिया के उत्तर-पश्चिमी शहर मारत-अल-नुमन के इर्द-गिर्द हुई जबकि लखदर ब्राहिमी सीज़फ़ायर के पक्ष में सभी को लगभग राज़ी कर चुके थे.

सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के हेड रामी अब्दुल रहमान ने ‘रॉइटर्स’ को बताया कि हेलिकॉप्टर को मारत-अल-नुमन के नज़दीक गिराया गया था.

इस तरह सोशल मीडिया में शेयर हो रहा ये दावा कि नेपाल ने भारतीय हेलिकॉप्टर रूद्र को हवा में ही मार गिराया है, ग़लत साबित होता है. ये वीडियो साल 2012 का है और सीरिया वॉर से जुड़ा हुआ है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.