सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में एक व्यक्ति कहता है कि उत्तराखंड मंदिर, मुस्लिम समुदाय का धार्मिक स्थल है. और इसे मुस्लिम समुदाय को सौंप देना चाहिए. वीडियो में ये व्यक्ति बताता है कि बद्रीनाथ असल में बदरुद्दीन शाह है. वीडियो में दिख रहे व्यक्ति को आम आदमी पार्टी का बताया गया है. उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी हिस्सा ले रही है.

 

आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड में प्रवेश करते ही रुझान आने शुरु हो गए हैं

Posted by महेन्द्र चौहान on Saturday, 24 July 2021

कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर किया है (लिंक 1 और लिंक 2). ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर और मोबाइल ऐप पर इस वीडियो की जांच के लिए कुछ रीक्वेस्ट भी आयी हैं.

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ट्विटर पर भी ये वीडियो शेयर किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर ‘बद्रीनाथ मुस्लिम’ की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें 2017 की इंडिया टीवी की रिपोर्ट मिली. चैनल ने बताया था कि ये व्यक्ति दारुल उलूम के मुफ़्ती हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई थी. नीचे वीडियो में 2 मिनट 24 सेकंड के बाद वायरल वीडियो का हिस्सा दिखता है.

जनसत्ता के मुताबिक, “मदरसा दारुल उलूम निश्वाह के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने दावा किया है कि सैकड़ों साल पहले बद्रीनाथ धाम बदरुद्दीन शाह या बद्री शाह के नाम से जाना जाता था. मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि इस धार्मिक स्थल को हिन्दुओं से लेकर मुसलमानों को सौंपा जाए.”

इस वीडियो के वायरल होने के बाद उत्तराखंड के आचार्य जगदंबा प्रसाद पंत ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ़ शिकायत दर्ज की थी. उनका आरोप था कि इस वीडियो में धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाई गई थी. और ये दावा कि बद्रीनाथ मंदिर बदरुद्दीन शाह की दरगाह है, गलत और अपमानजनक था.

यानी, 4 साल पुराना वीडियो उत्तराखंड चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी के शामिल होने के चलते झूठे दावे से शेयर किया गया.


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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.