सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग पानी में खड़े हैं. ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया है – “यह एक योजना है कि एकान्त स्थान पर गंगा नदी में अज़ान लगा कर कब्जा किया जये। इनकी योजना के अनुसार गंगा नदी के किनारे किनारे पर अस्थाई निवास बनाये जाय बाद में यह स्थाई निवास में परिवर्तन कर दिया जायेगा। क्यों कि विश्व की अगली लड़ाई पानी के लिए होनी है। और यह मॉ गंगा को आबे जमजम बनाए जाने का ऐक्सपेरिमैंट शुरू हो गया है!”.
फ़ेसबुक यूज़र संजय सिंह ने ये वीडियो इसी मेसेज के साथ पोस्ट किया है.
यह मुस्लिमोंकी एक योजना है कि एकान्त स्थान पर गंगा नदी में अज़ान लगा कर कब्जा किया जये। इनकी योजना के अनुसार गंगा नदी के किनारे किनारे पर अस्थाई निवास बनाये जाय बाद में यह स्थाई निवास में परिवर्तन कर दिया जायेगा। क्यों कि विश्व की अगली लड़ाई पानी के लिए होनी है। और यह गंगा के किनारे रह कर यह मुस्लिम इस्लाम को बुलन्द करेंगे।
Posted by Sanjay Singh on Monday, 26 July 2021
फ़ेसबुक पेज ‘I Love MODI JI’ ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया.
फ़ेसबुक, ट्विटर पर ये वीडियो वायरल है.
यूट्यूब पर भी ये वीडियो फ्लोरिडा, भारत, महाराष्ट्र का बताकर अपलोड किया गया है.
फ़ैक्ट-चेक
गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करते हुए हमें 25 मई 2020 का ढाका ट्रिब्यून का आर्टिकल मिला. रिपोर्ट में शेयर की गई तस्वीर वायरल वीडियो से मिलती है. आर्टिकल में बताया गया है कि बांग्लादेश के खुलना के कोयरा उपज़िला में अम्फ़ान तूफ़ान के कारण बाढ़ आयी थी. इस वजह से लोगों ने ईद-उल-फ़ितर के मौके पर घुटने तक भरे पानी में नमाज़ पढ़ी थी. रिपोर्ट में लिखा है कि 180 किमी प्रति घंटे की गति से आये तूफ़ान ने काफ़ी तबाही मचाई थी. कोयरा सदर उपज़िला परिषद के चेयरमैन मोहम्मद हुमायूं कबीर ने बताया था कि बाढ़ के कारण करीब 3 हज़ार लोगों ने शहर के 3 अलग-अलग स्थानों पर नमाज़ पढ़ी थी.
नीचे वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट और मीडिया रिपोर्ट में दी गई तस्वीर की तुलना की गई है.
बांग्लादेशी अखबार डेली सन, बांग्ला मिरर ने भी कोयरा में बाढ़ के कारण पानी में नमाज़ पढ़ने की खबर दी थी.
इस तरह, सोशल मीडिया पर 2020 में बाढ़ के कारण बांगलादेश में पानी में खड़े होकर नमाज़ पढ़ने का वीडियो भारत, फ्लोरिडा का बताकर शेयर किया गया. लोगों ने ये वीडियो शेयर कर झूठा दावा किया कि मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दुओं की पवित्र नदी गंगा में नमाज़ पढ़ रहे हैं.
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