असम-मिज़ोरम विवाद में हुई गोलीबारी में असम के 6 पुलिसकर्मी मारे गए. इस बीच ‘गो बैक मोदी’ के नारे लगाते हुए पुलिसकर्मियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. बांग्ला में वायरल मेसेज में दावा किया गया कि वीडियो सिलचर का है.
[वायरल दावा: শিলচর থেকে কর্ম ছেড়ে হাজার হাজার জওয়ান বাড়ির উদ্দেশ্যে রওনা দিলেন। আর মুখে গো ব্যাক মোদি গো ব্যাক মোদি স্লোগান দিচ্ছেন। মোদি হটাও দেশ বাঁচাও.]वीडियो फ़ेसबुक पर भी खासा वायरल है.
ऐसा ही वीडियो अप्रैल में भी शेयर किया गया था. इस वीडियो को अकीस मंडल नामक यूज़र के प्रोफ़ाइल पर 10 लाख से अधिक बार देखा गया है.
#জাগ্রত #ইন্ডিয়া ✊✊
গতকাল #শিলচর থেকে কর্ম ছেড়ে
নিজেদের ঘরের উদ্দেশে রওয়ানা দিলেন #হাজার #হাজার #পুলিশ জোয়ান!!
মুখে মুখে #নরেন্দ্র #মোদী গো ব্যাক
আর বিজেপি হায় হায় স্লোগান।#NoVoteToBJP
#BengalRejectsBJPPosted by Akis Mondal on Wednesday, 31 March 2021
फ़ैक्ट-चेक
हमने देखा कि अकीस मंडल की पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट किया कि ये वीडियो इस साल की शुरुआत में असम विधानसभा चुनाव के दौरान का था. और वीडियो में जो पुलिसकर्मी दिख रहे हैं वे होमगार्ड्स हैं.
यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च से हमें ‘नॉर्थईस्ट लाइव’ का एक प्रसारण मिला जिसमें बाईं तरफ ऐसा ही दृश्य देखा जा सकता है. 31 मार्च, 2021 को चैनल ने बताया, “सिलचर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, क्योंकि 2,000 से ज़्यादा होमगार्ड जो असम के अलग-अलग हिस्सों से कछार में चुनाव ड्यूटी के लिए आए थे, अपने घरों को वापस चले गए. उन्होंने उचित आवास की सुविधाओं के साथ-साथ बकाया राशि का भुगतान न करने का आरोप लगाया. असल में, अधिकारियों को सूचित किए बिना ये होमगार्ड अपने-अपने घरों को वापस जा रहे हैं.”
इस खबर को दूसरे मीडिया आउटलेट्स ने भी बताया था. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, “पहले चरण के लिए ऊपरी असम में तैनात होने के बाद लगभग 1,500 होमगार्ड ज़िले में आए थे. उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने उनके लिए उचित घर और खाना-पानी की व्यवस्था नहीं की. साथ ही, उन्होंने दावा किया कि उन्हें तीन दिनों की ड्यूटी के लिए 5,100 रुपये मिलने वाले थे, लेकिन कछार प्रशासन ने उन्हें सिर्फ 900 रुपये दिए.”
इस तरह, चार महीने पुराने एक वीडियो को हाल ही में मिज़ोरम पुलिस के साथ सीमा पार से गोलीबारी के दौरान असम के 6 पुलिसकर्मियों की हुई मौत के बाद शेयर किया गया.
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