एक वीडियो जिसमें एक शख्स को एक बड़े चम्मच में खाना उठाते हुए और फिर उसपर फूंकते हुए देखा जा सकता है, सोशल मीडिया पर ख़ूब हेयर हो रहा है. जो दावे इस वीडियो के साथ किये जा रहे हैं, उनके अनुसार मुस्लिम समुदाय के लोग राहत सामग्री में थूककर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने की कोशिश में लगे हुए हैं. फ़ेसबुक पेज नमो ऑलवेज़ के एक पोस्ट को 8,200 बार शेयर किया गया है.

गरीबों के लिए राहत कार्य में जुटे हमारे देश के इस्लामिक भाई कैसे कोरोना वायरस को आगे फैलाने की कोशिश की जा रही है जरूर देखें और अपनी बंद आंखों को खोलने की कोशिश जरूर करें?????

Posted by Namo Always on Wednesday, 1 April 2020

मेसेज में लिखा हुआ है कि देश के इस्लामिक भाई राहत सामग्री के ज़रिये कोरोना वायरस फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को अपनी आंखें खोलनी चाहिए.

कई और फ़ेसबुक, ट्विटर यूज़र्स ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है.

पुराना वीडियो जिसका कोरोना वायरस से कोई वास्ता नहीं

डिजिटल वेरिफ़िकेशन टूल InVid की मदद से हमने इस वीडियो को कई फ़्रेम्स में तोडा. इसके बाद इन फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें ये वीडियो यूट्यूब पर मिल गया. इसे 15 दिसंबर 2018 को अपलोड किया गया था. वीडियो के कैप्शन में लिखा हुआ था – “Those who understand Barkat in Islam shouldn’t eat the food they have spat on.(जिन्हें इस्लाम में बरकत के मायने मालूम हैं, उन्हें इनके थूके हुए खाने को नहीं खाना चाहिए)”

इसलिए ये साफ़ हो जाता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से इस वीडियो का कोई वास्ता नहीं है.

इस वीडियो में असल में क्या हो रहा है, ये जानने के लिए हमने एक इस्लामिक विद्वान से बात की. उन्होंने बताया कि इसे फ़ातिहा पढ़ना कहते हैं. ये खाना पकाने के बाद किया जाता है. पकाए गए खाने पर क़ुरान की कुछ आयतें पढ़ी जाती हैं जिस दौरान भगवान से दुआ मांगी जाती है. कुछ लोग इस दौरान खाने पर फूंकते हैं और कुछ ऐसा नहीं करते हैं. इसी दौरान थोड़े से खाने को निकालकर बरकत मांगी जाती है. उन्होंने ये भी बताया कि प्रार्थना के बाद मस्जिद के बाहर कई बार लोगों को अपने बीमार बच्चों के साथ देखा जा सकता है. प्रार्थना से लौटे लोगों से उन बच्चों पर फूंकने की गुज़ारिश की जाती है क्यूंकि ये मान्यता है कि प्रार्थना में शामिल लोगों को अल्लाह बरकत देता है. ये एक ऐसी प्रथा है जो कि बहुत पुरानी है और अब इसे बहुत ही कम लोग प्रैक्टिस करते हैं.

ये वीडियो बताता है कि कैसे कोई सूरा अल-फ़ातिहा पढ़ सकता है – “आप एक आयत, आयत अल-कुर्सी या सूरा अल फ़ातिहा या कुछ और भी क़ुरान से पढ़ सकते हैं और पानी पी सकते हैं, उससे वजू कर सकते हैं या नहा सकते हैं.”

जबकि ऑल्ट न्यूज़ इस वीडियो के सोर्स का पता नहीं लगा सका लेकिन इस नतीजे पर ज़रूर पहुंचा है कि इस वीडियो का कोरोना वायरस से जुड़े लॉकडाउन से कोई भी सम्बन्ध नहीं है.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.