दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येन्द्र जैन और उनके साथ तीन और लोगों की बात करने की एक तस्वीर सोशल मीडिया में इस दावे के साथ शेयर हो रही है कि जैन मौलाना साद से बातचीत कर रहे हैं. ये वही मौलाना साद बताये जा रहे हैं जो कि निज़ामुद्दीन मरकज़ प्रकरण के बाद से फ़रार मालूम चल रहे हैं. वायरल हो रही तस्वीर में सभी लोगों के मुंह पर मास्क लगा हुआ है.
ट्विटर हैंडल @sapnarat ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “दिल्ली हेल्थ मिनिस्टर #सत्येन्द्र_जैन के साथ #निजामुद्दीन_मरकज़ के जिम्मेदार और पूरे दुनिया के अमीर हज़रत #मौलाना_साद_साहब अपना #प्लाज़्मा_डोनेट करते हुवे और मिडिया बता रही है कहा फरार है मौलाना साद साहब. अब ये मीडिया नहीं बता सकती, क्योंकि इससे नफरत नहीं पैदा होगी न” इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक करीब 500 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
मौलाना साद तबलीग़ी जमात मरकज़ के प्रमुख हैं. निज़ामुद्दीन को 31 मार्च को कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के रूप में बताया गया था क्योंकि तबलीग़ी जमात ने दिल्ली के निज़ामुद्दीन में एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें शामिल होने वाले कई लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे.
फ़ैक्ट-हन्ट के को-फ़ाउन्डर @pokershash ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “Either Delhi Police was lying or Media was lying that Maulana Saad was absconding. @CPDelhi (अनुवाद – मौलाना साद के फ़रार होने की बात में या तो दिल्ली पुलिस झूठ बोल रही है या तो मीडिया @CPDelhi.)”
महबूब भगवान नाम के फ़ेसबुक यूज़र ने ये तस्वीर फ़ेसबुक पर इसी हिन्दी मेसेज के साथ शेयर की है. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
वायरल दावों की सच्चाई जानने के लिए हमने सत्येंद्र जैन के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया. 27 अप्रैल को सत्येन्द्र जैन के कार्यालय ने ये तस्वीर ट्वीट की थी.
Delhi Health Minister @SatyendarJain visited Narela plasma donation center. Where many corona recovered persons are donating there plasma for humanity pic.twitter.com/3r3crx9PDB
— Satyendar Jain Office (@SaJa_Office) April 27, 2020
ऑल्ट न्यूज़ ने सत्येन्द्र से इस बारे में बात की. उन्होंने बताया, “इस तस्वीर में मौलाना साद मौजूद नहीं है. इसे 27 अप्रैल को नरेला प्लाज़्मा डोनेशन सेंटर पर खींचा गया था.” जैन के मुताबिक, ब्लू रंग की शर्ट में दिखने वाले व्यक्ति वो खुद हैं जबकि उनके सामने डॉ. प्रदीप अग्रवाल (बाएं), हाजी मोहम्मद आज़ाद (बीच में) और डॉ. सरफ़राज (दाएं) खड़े हैं. भारत के साथ-साथ ब्लड प्लाज़्मा टेस्ट कई देशों में ट्रायल पर है. जो लोग कोरोना वायरस से ठीक हो जाते हैं उनके खून में वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ होती हैं जो इस वायरस के खिलाफ़ लड़ती हैं.
हाजी मोहम्मद आज़ाद ने हमसे बात करते हुए ये बताया कि जैन से बात करने वाले शख्स वही हैं. हमने आज़ाद की तस्वीर को साद की तस्वीर से कंपेयर भी किया. और हमें उनमें कोई समानता नज़र नहीं आई. निजता और सुरक्षा कारणों की वजह से हमने दोनों की तसवीरें एक साथ इस आर्टिकल में शेयर नहीं की हैं.
इसके अलावा, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक मौलाना साद की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने उन्हें सरकरी लैब में कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने के लिए नोटिस जारी किया था. उनके वकील ने बताया है कि साद का कोरोना टेस्ट, जो उन्होंने प्राइवेट अस्पताल में करवाया था, नेगेटिव आया है. वकील ने ये भी बयान दिया है कि साद फ़रार नहीं है क्योंकि उन्होंने पुलिस द्वारा जारी हर नोटिस का जवाब दिया है.
दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येन्द्र जैन की तीन लोगों के साथ बात करने की एक तस्वीर इस झूठे दावे के साथ शेयर हो रही है कि जैन के साथ तस्वीर में दिखनेवाले व्यक्ति मौलाना साद हैं.
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