मई का दूसरा हफ़्ता केंद्र सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के फ़ैक्ट-चेकर्स के लिए एक व्यस्त समय रहा क्योंकि इन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित 68 फ़ैक्ट-चेक किये. 7 मई से 16 मई के बीच PIB फ़ैक्ट चेक के ऑफ़िशियल X हैंडल पर ट्वीट्स की जांच करते वक्त, ऑल्ट न्यूज़ ने उनके चयन में एक पैटर्न देखा. किसे फ़ैक्ट चेक करना है और किसे नहीं ये साफ दिख रहा था. एक श्रेणी जो इस महत्वपूर्ण समय में PIB के कामकाज में लगभग पूरी तरह से अनुपस्थित थी, वो भारतीय मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा फ़ैलाया गया झूठ था.
भारत ने 7 मई कि सुबह ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (POK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इसके बाद तनाव तेज़ी से सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमलों में बदल गया जिससे चार दिनों में जम्मू-कश्मीर में करीब 21 नागरिकों की मौत हो गई. 10 मई को भारत और पाकिस्तान युद्ध रोकने की सहमति पर पहुंचे और सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हुए.
भारतीय मेनस्ट्रीम के न्यूज़ रूम (जहां बीते दिनों अंधराष्ट्रवाद से जुड़ी अति-राष्ट्रवादी बयानबाज़ी का चलन रहा) सशस्त्र संघर्ष के इन चार दिनों में बिल्कुल उन्मत्त हो गए. एंकरों और स्व-घोषित रक्षा विशेषज्ञों ने भारतीय नौसेना द्वारा कराची बंदरगाह को नष्ट करने, भारत द्वारा इस्लामाबाद पर हमला करने और यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ द्वारा भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करने जैसे अपमानजनक दावे किए. अनगिनत अवसरों पर, उन्होंने बिना किसी वेरीफ़ीकेशन के, एड्रेनालाईन-संचालित प्राइम-टाइम शो में असंबद्धित, पुराने विज़ुअल्स दिखाए, और उन्हें चल रहे संघर्ष से ग़लत तरीके से जोड़ा.
ऑल्ट न्यूज़ द्वारा इस अवधि के PIB फैक्ट-चेक के विस्तृत अध्ययन से पता चलता है कि PIB ने ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में झूठे, निराधार और भ्रामक दावे करने के लिए मीडिया आउटलेट्स पर कुछ भी न बोलने का फैसला किया. इसके ऑफ़िशियल X हैंडल पर शेयर किए गए 68 फ़ैक्ट-चेक में से सिर्फ दो संबंधित मीडिया आउटलेट थे.
PIB फ़ैक्ट-चेक यूनिट की स्थापना 2019 में भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा ‘फ़र्ज़ी न्यूज़’ के प्रसार पर चिंता व्यक्त करने के बाद की गई थी. ऑफ़िशियल वेबसाइट PIB के फ़ैक्ट-चेक कार्य की पद्धति या दायरे का ज़िक्र नहीं करती. फ़ेसबुक पेज में कहा गया है कि ये सरकारी नीतियों और योजनाओं से संबंधित ग़लत सूचनाओं की पड़ताल करता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 17 जनवरी, 2019 को IT (मध्यवर्ती गाइडलाइन्स और डिज़िटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन का एक नया अमेंडमेंट अपलोड किया जिसमें प्रस्तावित किया गया कि PIB या केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य एजेंसी द्वारा ‘फ़र्जी या ग़लत’ के रूप में पहचानी गई जानकारी को ‘मध्यस्थों’ द्वारा हटा दिया जाएगा.
उस वक्त, ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ैक्ट-चेक के क्षेत्र में PIB के काम में कमियों पर रिपोर्ट दी थी. उदाहरण के लिए, हमने देखा कि PIB ने राहुल गांधी और कार्यकर्ता से TMC सांसद बने साकेत गोखले जैसे विपक्षी नेताओं की ग़लत सूचनाओं का कई बार फ़ैक्ट-चेक किया था. लेकिन उन्होंने एक बार भी किसी भाजपा नेता के दावे का फ़ैक्ट-चेक नहीं किया. हमने ये भी डॉक्यूमेंट किया कि कैसे PIB ने कई यूट्यूब चैनल्स और वीडियो को मार्क किया था जो भाजपा विरोधी थे.
ऑल्ट न्यूज़ ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान एक समान पैटर्न देखा.
आगे, दिए गए ग्राफ़िक से पता चलता है कि PIB ने मीडिया हाउसेस के झूठे दावों का फ़ैक्ट-चेक नहीं किया. हालांकि, स्वतंत्र आउटलेट्स (ऑल्ट न्यूज़, बूम लाइव, द क्विंट के बेवकूफ़) ने इन मीडिया घरानों की ग़लत ख़बरों की पड़ताल की. पीले कॉलम में देखा जा सकता है कि संबंधित मीडिया हाउस की गलत खबर को ऑल्ट न्यूज़, बूम लाइव या वेबकूफ़ द्वारा कम से कम एक बार तो फ़ैक्ट-चेक किया गया है. सफ़ेद कॉलम में संबंधित मीडिया हाउस की गलत रिपोर्टिंग को PIB द्वारा फ़ैक्ट-चेक किया गया है.
जैसा कि रिडर्स देख सकते हैं PIB ने इनमें से सिर्फ 2 मीडिया आउटलेट्स की गलत खबर को फ़ैक्ट-चेक किया है.
दोनों में से एक “दिल्ली-मुंबई एयरलाइन मार्ग पर सेवाओं के अस्थायी रूप से बंद होने” के दावे का फ़ैक्ट-चेक है. ट्वीट में NDTV न्यूज़ बुलेटिन का एक स्क्रीनशॉट है जिसमें कथित दावा है और उसी पर “फ़र्ज़ी” शब्द लिखा है.
It is being claimed that there is a temporary closure of services on Delhi-Mumbai airline route.#PIBFactCheck
❌This claim is #FAKE
💠The Airports Authority of India has extended the temporary closure of 25 segments of Air Traffic Service (ATS) routes within the Delhi &… pic.twitter.com/jdC630a1BA
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 9, 2025
दूसरा, जयपुर के ज़िला कलेक्टर और मजिस्ट्रेट के ऑफ़िशियल हैंडल से एक पोस्ट का कोट-ट्वीट था जो टाइम्स नाउ द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो को खारिज़ करता है. चैनल ने दावा किया था कि जयपुर एयरपोर्ट पर धमाकों की आवाज़ सुनी गई. कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि ये दावा झूठा था, और PIB ने बयान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.
🚨 Jaipur Airport is Safe 🚨
Claims are circulating that explosions were heard at #Jaipur Airport.#PIBFactCheck
💠 These claims are FAKE
💠 Here is the clarification from the District Collector & Magistrate, Jaipur
🔗https://t.co/qqbbFgGZ7x pic.twitter.com/rijeLipwhY
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 9, 2025
चैनल का नाम रखने में बड़ी दुविधा
हमने 15 मई को PIB फ़ैक्ट चेक के एक ट्वीट में कुछ दिलचस्प देखा. एक पोस्ट में बताया गया कि केंद्रीय विदेश मंत्री S जयशंकर को “कई न्यूज़ चैनल्स और सोशल मीडिया पोस्ट” द्वारा ग़लत तरीके से कोट किया गया था जिसमें दावा था कि चीनी उपग्रह पाकिस्तान की मदद कर रहे थे. ट्वीट में इंडिया टुडे बुलेटिन का एक स्क्रीनग्रैब शामिल था. लेकिन चैनल का नाम और लोगो ब्लर कर दिया गया था.
Several news channels and social media posts have claimed that External Affairs Minister @DrSJaishankar stated Chinese satellites helped Pakistan.#PIBFactCheck:
▶️ EAM is being misquoted and he has not made this statement
▶️ Remain vigilant and avoid falling for deceptive… pic.twitter.com/qc5pUn98Wi
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 15, 2025
कई X यूज़र्स ने एजेंसी से आउटलेट का नाम जाहिर करने का आग्रह किया. नीचे दी गई तुलना साफ तौर से साबित करती है कि ये ब्लर स्क्रीनशॉट इंडिया टुडे के रिपोर्टिंग का था. हमें इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर इसी तरह के कई ग्राफ़िक्स मिले जिनमें एक ही हेडर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लिखा है, टेक्स्ट का एक ही फ़ॉन्ट और एक ही लाल बैकग्राउंड भी है.
इसके उलट, PIB ने दो फ़ैक्ट-चेक्स में साफ तौर से अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट अल जज़ीरा का नाम लिया था. 12 मई को इसने अल जज़ीरा के इस दावे को खारिज़ कर दिया कि एक भारतीय महिला पायलट पाकिस्तानी हिरासत में थी. इससे पहले, 10 मई को आउटलेट ने रिपोर्ट किया था कि युद्धविराम की घोषणा के बाद श्रीनगर हवाई अड्डे के पास 10 विस्फ़ोट हुए थे जिस पर PIB ने इसे मार्क किया था.
PIB की चयनात्मक फ़ैक्ट-चेक का एक और साफ उदाहरण युद्ध के विजुअल्स के रूप में शेयर किए गए वायरल गेमिंग फ़ुटेज पर ध्यान केंद्रित करना था, जबकि मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा इसी तरह की ग़लत रिपोर्ट्स को नज़रअंदाज किया गया था. एक सेशन में PIB ने अपने रिडर्स को सतर्क रहने और युद्ध के विज़ुअल्स के रूप में शेयर किए जा रहे गेमिंग फ़ुटेज के “ऐसे प्रचार पोस्ट्स का शिकार न बनने” के लिए कहा. उसी वक्त, आजतक ने गेमिंग फ़ुटेज प्रसारित करते हुए दावा किया कि इसमें भारत की ओर से मिसाइलें दागी जा रही हैं.
PIB द्वारा फ़ैक्ट-चेक न किये जाने वाली झूठी ख़बरों की एक झलक
9 मई को कई मेनस्ट्रीम भारतीय न्यूज़ चैनल्स ने नाटकीय रूप से रिपोर्ट दी कि भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह को नष्ट कर दिया है. कवरेज को विशेष ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप में पेश किया गया था जो सायरन, दूर की तोपखाने की आवाज़ और नाटकीय विजुअल्स से भरा हुआ था.
आजतक की अंजना ओम कश्यप ने ऑन एयर कहा, “…कराची पर भी भारतीय नवसेना का भीषण हमला. ये साफ बता रहा है कि चार तरफ से-अब हम सागर के भी तरफ से घेरने में कामयाब हो रहे हैं…” आजतक पर कराची पर हमले के रूप में दो विजुअल्स दिखाए गए थे, और ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये दोनों वीडियो पुराने, असंबंधित फ़ुटेज थे.
रिपोर्टिंग का एक समान लहजा ज़ी न्यूज़ के एंकर राम मोहन शर्मा ने भी अपनाया जिन्होंने कहा कि “ब्रेकिंग न्यूज़” अभी आई है कि कराची बंदरगाह नष्ट हो गया है. “इस वक्त एक बहुत बड़ी ख़बर मिल रही है, समुंदर से पाकिस्तान पर एक बड़ा एक्शन लिया गया है… इस वक्त की बहुत बड़ी ख़बर, बड़ी जानकारी इस वक्त की कराची पोर्ट तबाह कर दिया है. नवसेना ने, नेवी ने कराची पोर्ट को तबाह कर दिया है…”
9 मई की रात को इंडिया टुडे, TV9 भारतवर्ष और ABP न्यूज़ सहित कई न्यूज़रूम में कराची बंदरगाह को ‘नष्ट’ कर दिया गया था. अगली सुबह, लगभग 8 बजकर 40 मिनट पर, कराची पोर्ट ट्रस्ट ने एक ऑफ़िशियल बयान जारी कर भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स को “पूरी तरह से ग़लत और निराधार” बताया और कंफ़र्म की कि बंदरगाह “सामान्य और सुरक्षित रूप से काम कर रहा था.”
जहां तक मीडिया की ग़लत ख़बरों का सवाल है, कराची बंदरगाह का दावा सिर्फ झलक मात्र है. उदाहरण के लिए, ज़ी न्यूज़, न्यूज़18, न्यूज़18 बिहार झारखंड, वनइंडिया और प्रॉपगेंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ सभी ने दावा किया कि इस्लामाबाद पर भारतीय सशस्त्र बलों ने हमला किया, जो ज़ल्द ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के घर पर हमले में बदल गया. ज़ी न्यूज़ ने यहां तक दावा किया कि शाहबाज़ शरीफ़ ने आत्मसमर्पण कर दिया है. हालांकि, उनके घर पर हमले की पुष्टि करने वाला किसी भी देश का एक भी विश्वसनीय सोर्स नहीं है. न ही पीएम शाहबाज़ शरीफ़ के आत्मसमर्पण पर कोई रिपोर्ट या विश्वसनीय जानकारी है.
रिपब्लिक, CNN न्यूज़18, ABP न्यूज़ और ज़ी न्यूज़ सहित कई मेनस्ट्रीम मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कारी मोहम्मद इकबाल नाम का एक लश्कर आतंकवादी मारा गया था. रिपोर्ट्स इस हद तक दावा कर रही हैं कि इकबाल पाकिस्तान के कोटली में छिपा हुआ था जो ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा टारगेटेड जगहों में से एक था. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कश्मीर के पुंछ का निवासी इकबाल पाकिस्तान द्वारा सीमा पार गोलाबारी के दौरान मारे गए नागरिकों में से एक था. वो पुंछ के एक स्थानीय हाई स्कूल में शिक्षक थे. इकबाल के परिवार ने भी एक बयान जारी कर मीडिया चैनल्स द्वारा फ़ैलाई गई ज़बरदस्त ग़लत सूचना की निंदा की. हमारी डिटेल रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
न्यूज़ आउटलेट मातृभूमि, DNA, वनइंडिया और ग्रेट आंध्र ने आर्टिकल्स पब्लिश किए जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने इस्तीफा दे दिया है और उनकी जगह जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को नियुक्त किया जाएगा. उपरोक्त उदाहरणों की तरह, एक भी विश्वसनीय सोर्स नहीं था जिसने इसकी पुष्टि की हो. फ़ैक्ट-चेकिंग आउटलेट बूमलाइव ने पाकिस्तानी न्यूज़ आउटलेट डॉन के उप संपादक ज़हरा मज़हर से बात की जिन्होंने कहा कि मुनीर के इस्तीफ़े का कोई ज़िक्र नहीं था.
ये भी पढ़ें: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सेना में सामूहिक इस्तीफ़े? मनगढ़ंत पत्र के आधार पर मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट
मीडिया आउटलेट फ़र्स्टपोस्ट, NDTV, फ्री प्रेस जर्नल और द स्टेट्समैन ने भी एक डीपफ़ेक वीडियो पर रिपोर्ट की जिसमें पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के अंतर-सेवा जनसंपर्क (ISPR) के महानिदेशक अहमद शरीफ़ चौधरी बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच दो लड़ाकू जेट खोने की बात स्वीकार कर रहे हैं.
इनके साथ-साथ, मेनस्ट्रीम मीडिया आउटलेट्स द्वारा कई वेरीफ़ाईड वीडियो और चित्र प्रसारित किए गए. उदाहरण के लिए, इज़राइल की वायु रक्षा प्रणाली, आयरन डोम का चार साल पुराना वीडियो न्यूज़ चैनल्स द्वारा अलग-अलग दावों के साथ चलाया गया था. ज़ी न्यूज़, टाइम्स नाउ नवभारत और अन्य ने वीडियो को कथित कराची बंदरगाह विनाश से जोड़कर शेयर किया, जबकि आज तक जैसे कुछ अन्य ने क्लिप को प्रसारित करते हुए दावा किया कि ये जैसलमेर पर हमले के विजुअल्स हैं.
फिर, ABP आनंद और TV9 बांग्ला सहित अन्य द्वारा शेयर एक वीडियो जिसमें कथित तौर पर भारतीय सशस्त्र बलों के हमले के बाद पाकिस्तान की स्थिति को दिखाया गया था, वो फ़िलाडेल्फिया में एक जेट दुर्घटना स्थल का तीन महीने पुराना फ़ुटेज निकला.
PIB फ़ैक्ट चेक ने इनमें से किसी भी दावे की पड़ताल नहीं करने का फैसला क्यूं किया, इसका कारण स्पष्ट नहीं है. हालांकि, इन झूठी खबरों को करोड़ों भारतीय टेलीविज़न दर्शकों ने देखा और ग्रहण किया. इस बात पर विचार करने पर लगता है कि इनमें से ज़्यादातर चैनल साल भर न्यूज़ के नाम पर सरकार-समर्थक प्रचार करते हैं, तो ये आश्चर्य होता है कि क्या इस पागलपन का कोई और तरीका भी था.
यहां तक कि जब भारतीय मेनस्ट्रीम के चैनलों को संघर्ष के दौरान लगातार ग़लत जानकारी देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आलोचना का सामना करना पड़ा, तो भाजपा ने टाइम्स नाउ नवभारत के सलाहकार संपादक सुशांत सिन्हा को इस झूठ को सही ठहराने के लिए मंच दिया. बीजेपी के ऑफ़िशियल X हैंडल से ट्वीट किए गए एक वीडियो में सुशांत सिन्हा ने उन लोगों द्वारा चलाए जा रहे ‘प्रॉपगेंडा’ की आलोचना की जिन्होंने मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा ग़लत ख़बरें पेश कीं. उनका कहना था कि राष्ट्रीय हित में झूठ को स्वीकार किया जाना चाहिए, सुशांत सिन्हा ने बार-बार उन लोगों का ज़िक्र करते हुए कहा, जिन्होंने इसे ‘दो-रुपये इकोसिस्टम’ के रूप में उजागर किया था. 9 मिनट के मोनोलॉग में हर गुजरते मिनट के साथ, फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रति सुशांत सिन्हा का बचाव, ज़्यादा अजीबोग़रीब होता गया. हालांकि, ये उत्साही कदम था. ‘कंसल्टिंग एडिटर’ ने बताया कि जब कोई ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ आएगी, अगर एंकर लाइव ऑन एयर होगा, तो उसके पास इसे वेरिफ़ाईड करने का समय नहीं होगा. भले ही ये झूठ निकला हो, जवाबी सवाल पूछने को उन्होंने ‘राष्ट्र-विरोधी’ एजेंडा’ बात दिया.
ये भी पढ़ें: कराची बंदरगाह पर काल्पनिक हमले, भारतीय मीडिया का असली चेहरा उजागर
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.