सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को फ्रांस का बताया जा रहा है. दावे के मुताबिक, सड़कों पर नमाज़ अदा करने के लिए मुसलमानों ने गाड़ियों के आवागमन को पूरी तरह जाम कर दिया है. साथ ही इसमें कुछ गुस्साए लोग हैं जो सुरक्षा जैकेट पहने लोगों को घसीट रहे हैं.
अनुराग राव नाम के एक ट्विटर यूज़र ने 21 मई 2023 को ये वीडियो शेयर किया और लिखा कि फ्रांस में सड़क पर नमाज़ पढ़ने वालों से परेशान लोग नमाज़ियों को घसीट कर साइड करते हैं. (आर्काइव लिंक)
🤲सड़क पर नमाज़!!!
नाराज फ्रांसीसी लोग वाहनों के लिए रास्ता बनाने के लिए नमाजियों को सड़कों से घसीटते हैं। कोई एक देश नहीं पूरी दुनिया के लोग इन जाहिल लोगों से परेशान हैं।🤣🔥pic.twitter.com/WDJ72wccaT
— Anurag Rao (@TheAnuragRao) May 21, 2023
कई ट्विटर यूज़र्स ने ऐसे ही दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया है. @thegauravjaat और @angryladki शेयर करने वालों की लिस्ट में शामिल हैं.
2022 से वायरल
ग़लत जानकारियां फैलाने के लिए जानी जाने वाली मधु पूर्णिमा किश्वर ने 21 दिसम्बर 2022 को ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “लोग अपनी कारों से उतरकर नमाज़ियों द्वारा कब्ज़ा की गई सड़क को खाली कर रहे हैं.” जाहिर है कि उनके पोस्ट के निशाने पर मुसलमान थे. हालांकि, उन्होंने मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल करने के बजाय, एक ‘अल्गोस्पीक’ मुज़बीज़ का इस्तेमाल किया. अल्गोस्पीक एक ऐसा शब्द या वाक्यांश है जिसका इस्तेमाल किसी दूसरे शब्द या वाक्यांश की जगह पर किया जाता है, ताकि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम द्वारा फ़्लैग या हटाए जाने से बचा जा सके.
उन्होंने बाद में ट्वीट डिलीट कर लिया लेकिन इससे पहले इसे 230 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका था. (आर्काइव)
मीरा नायर नामक एक अन्य यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “फ्रांस में… लोग अपनी कारों से निकलकर रास्ता खाली कर रहे हैं जिसे नमाज़ियों ने जाम कर दिया है.”
In France …people coming out of their cars to clear the road of Namazis who have blocked traffic. pic.twitter.com/zP0mdUzf2X
— Meera Nair (@Bingo_mk) December 21, 2022
‘भीम’ नाम के एक यूज़र ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ ये वीडियो शेयर किया था.
फ़ैक्ट-चेक
हमने वीडियो से की-फ्रेम्स लेकर इसका गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें एक्सप्रेस की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो जलवायु एक्टिविस्ट का है जिन्होंने पेरिस के लेवालोइस-पेरेट में लेवलोइस पुल पर ट्रैफ़िक रोक दिया था.
इसके आलावा, हमने फ्रेंच में की-वर्ड्स सर्च किया जिससे हमें मिडी लिब्रे नामक एक आउटलेट की ख़बर मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन 26 नवंबर को हुआ और प्रदर्शनकारियों ने पोंट डे सेंट-क्लाउ (सेंट क्लॉउ ब्रिज) को सरकार की ऊर्जा नवीकरण योजना पर चुनौती देने के लिए जाम कर दिया. इसमें ये भी ज़िक्र किया गया है कि इन प्रदर्शनकारियों को बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
हमने वीडियो क्लिप में दिख रही जगह को भी वेरीफाई किया. मालूम चला कि ये सेंट क्लॉ ब्रिज ही है.
पत्रकार क्लेमेंट लैनोट ने 26 नवंबर को एक ट्वीट में डेर्निएर रेनोवेशन ग्रुप को टैग किया था. कथित तौर पर इस ग्रुप ने ही विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था.
Blocage de route par @derniere_renov : les automobilistes forcent le passage.
Ils ne comprennent pas ce mode d’action de « désobéissance civile ». pic.twitter.com/scHUHYOfx0
— Clément Lanot (@ClementLanot) November 26, 2022
कुल मिलाकर, जलवायु एक्टिविस्ट द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. दावा है कि मुसलमानों ने नमाज़ अदा करने के लिए फ़्रांस में ट्रैफ़िक जाम कर दिया. जून 2022 में, बॉक्सपार्क रेस्टोरेंट के बाहर सुरक्षाकर्मियों और एक व्यक्ति के बीच हुए विवाद का वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया था कि एक मुस्लिम को वेम्बली स्टेडियम से बाहर निकाल दिया गया था क्योंकि वह जबरदस्ती स्टेडियम के अंदर नमाज़ पढ़ने की कोशिश कर रहा था.
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