भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी और दो अज्ञात लोगों की एक तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि ये लोग इंदिरा गांधी के पति फ़िरोज़ खान और उनके ससुर बरकत अली हैं.
इंदिरा गांधी अपने शौहर फ़िरोज़ खान और ससुर बरकत अली के साथ । पर देश को बताया गया कि ये कश्मीरी पंडित परिवार है 🤔🤔
Posted by Aditya Mishra on Friday, 14 May 2021
फ़ेसबुक पर ये तस्वीर इस दावे के साथ काफ़ी ज़्यादा शेयर की जा रही है.
ट्विटर पर भी ये तस्वीर शेयर की गयी है.
इंदिरा गांधी अपने शौहर फ़िरोज़ खान और ससुर बरकत अली के साथ ।
पर देश को बताया गया कि ये कश्मीरी पंडित परिवार है 🤔
और ये कारनामा किया उस महान व्यक्ति ने जो नोट पर छपा हुआ है pic.twitter.com/m0UNRxrSIj— माखन सिंह तंवर🚩RSS 💥 उपखंड प्रमुख🚩🇮🇳 (@MakhanSinghTan1) May 16, 2021
2020 में अलग दावे से वायरल
फेसबुक यूज़र सुखी राजपूत ने ये तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया था, “बहुत खोजने के बाद ये चित्र प्राप्त हुआ है। चित्र में बायीं ओर खड़ा शख्स (लाल निशान) कोई और नहीं जवाहरलाल नेहरू का समधी और इंदिरा नेहरू का ससुर यूनिस खान है, इंदिरा के पति फिरोज खान का पिता। सोचा इन दत्तात्रेय ब्राह्मणों के दर्शन आपको भी करा दूं।”
इस तस्वीर को कुछ यूज़र्स इस दावे से भी शेयर कर रहे थे- “नेहरू, इंदिरा, यूनुस खान (इंदिरा के ससुर) और फिरोज़ खान (इंदिरा के पति) इसे सुरक्षति रख लीजिए, यह इस मिश्रित खानदान की दुर्लभ तस्वीर है, जो बाद में ईसाई बन गयी।”
ये तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने शेयर की है.
फ़ैक्ट-चेक
यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च से ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के साथ शेयर किया गया दावा ग़लत है. तस्वीर में बाएं से दाएं खड़े लोगों के नाम कुछ इस प्रकार हैं- जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, रूसी कलाकार निकोलस रोरिक (दाढ़ी वाले) और भारतीय राजनयिक मोहम्मद यूनुस. इसे 1942 में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित रोरिक्स एस्टेट में लिया गया था.
गूगल पर एक कीवर्ड सर्च करने से यही तस्वीर हमने विकीपीडिया पर पोस्ट की हुई पाई. तस्वीर के स्रोत के रूप में एक किताब ISBN संख्या (978-5-86988-179-3) दी गई थी. इस संख्या को गूगल पर सर्च करने से पता चला कि ये निकोलस रोरिच की पत्नी एलेना रोरिच (हेलेना रोरिक) के पत्रों के सातवें खंड से संबंधित है.
इस किताब में ऑल्ट न्यूज़ को उसी आदमी (एकदम दाहिने) के साथ नेहरू, रोरिक और इंदिरा गांधी की तस्वीर मिली. उनकी पहचान एम. यूनुस के रूप में बताई गई है. द ट्रिब्यून में प्रकाशित एक शोक-संदेश में मोहम्मद यूनुस को “पूर्व स्वतंत्रता सेनानी, प्रतिष्ठित राजनयिक और नेहरू परिवार का करीबी दोस्त” बताया गया था. वह इंदिरा गांधी के ससुर नहीं थे बल्कि खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान के भतीजे थे. इंदिरा गांधी के ससुर यानी फ़िरोज़ गांधी के पिता, फरीदून जहांगीर गांधी थे.
तस्वीर में दाढ़ी वाले आदमी निकोलस रोरिक हैं जो 20वीं सदी के प्रसिद्ध रूसी चित्रकार हैं. रोरिक एस्टेट, हिमाचल प्रदेश के नग्गर में स्थित है. इस एस्टेट में निकोलस रोरिक आर्ट गैलरी है. लेखक ने स्वतंत्र रूप से नग्गर में इस गैलरी का दौरा किया. रोरिक निकोलाई कोन्सतांतिनोविच उर्फ़ निकोलस रोरिक का जन्म सेंट पीटर्सबर्ग में 1874 में हुआ था. उनकी मृत्यु वर्ष 1947 में नग्गर में हुई थी. गैलरी में उपलब्ध एक दस्तावेज के अनुसार, वह रूसी कलाकार, पुरातत्वविद, दार्शनिक, यात्री और लेखक थे. उन्होंने 1954 में हस्ताक्षरित अंतर्राष्ट्रीय रोरिक पैक्ट में सन्निहित सांस्कृतिक स्मारकों की सुरक्षा के लिए एक विश्व आंदोलन भी शुरू किया था.
इस गैलरी में सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर समेत, जवाहरलाल नेहरू और निकोलस रोरिक की कई तस्वीरें मौजूद हैं.
कई तस्वीरों में वर्णन है कि नेहरू और इंदिरा गांधी ने 1942 में रोरिक एस्टेट का दौरा किया था.
निष्कर्ष के रूप में, भारतीय राजनयिक मोहम्मद यूनुस और रूसी चित्रकार निकोलस रोरिक के साथ इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर झूठे दावे के साथ शेयर की गयी. इंदिरा गांधी के ससुर “यूनुस खान” के साथ नेहरू परिवार का फोटो नहीं था. वास्तव में, उनके ससुर, फरीदून जहांगीर गांधी, इस तस्वीर में मौजूद ही नहीं हैं.
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