प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरमपुर, गुजरात में एक रैली के दौरान कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर के बयान का हवाला देते हुए दावा किया कि अय्यर ने कांग्रेस पार्टी की तुलना मुगल राजवंश से की है। मणिशंकर अय्यर को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “…श्रीमान मणिशंकर अय्यर ने आज कहा कि जहाँगीर की जगह जब शाहजहाँ आए, क्‍या तब इलेक्‍शन हुआ था? जब शाहजहाँ की जगह पर औरंगजेब आए, तब क्‍या कोई इलेक्‍शन हुआ था? ये तो पहले से ही पता था कि जो बादशाह है उसकी औलाद को ही सत्ता मिलेगी। इसका मतलब ये हुआ कि कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता ये खुद मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी, ये पार्टी नहीं है, कुनबा है, और किसी का सत्ता पर आने का मतलब है, कि बादशाह की औलाद का बैठना। ये औरंगजेब राज, उनको मुबारक।”

मोदी मणिशंकर अय्यर द्वारा एबीपी न्‍यूज़ चैनल को दी गई उस साउंड बाइट का हवाला दे रहे थे जो अय्यर ने कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष पद पर नामांकन के अवसर पर दी। बीजेपी सोशल मीडिया इन्‍चार्ज अमित मालवीय ने इस टेक्स्ट के साथ इस वीडियो को ट्वीट किया, “मणिशंकर अय्यर ने फिर से कर दिखाया ! कांग्रेसी शासन की तुलना मुगल राज से की।”(अनुवाद)

तो क्‍या मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस पार्टी में होने वाले अध्‍यक्ष पद के चुनाव की तुलना मुगलकाल में उत्तराधिकार में गद्दी मिलने से की थी? पूरी साउंड बाइट यहाँ सुनिए

“एक तो जब जहाँगीर के जगह शाहजहाँ आए, तब कोई इलेक्शन हुआ? जब शाहजहाँ के जगह औरंगजेब आए, तब कोई इलेक्शन हुआ? नहीं। पहले से पता था, कि जो भी बादशाह है, उनके औलाद जो है, वो ही बनेंगे, वो भी बनेंगे, आपस में लड़े तो अलग बात है। लेकिन, डेमोक्रेसी में चुनाव होता है, और शहज़ाद पूनावाला को आमंत्रण मैं दे रहा हूँ, कि आपको यहाँ आके खड़ा होना हो तो आप पहुंच जाइए, एप्‍लीकेशन दीजिए, आपने कभी शहज़ाद पूनावाला का नाम पहले कभी सुना था।”

वीडियो से यह साफ हो जाता है कि मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस पार्टी की तुलना मुगलों के साथ नहीं की थी। हालाँकि, बीजेपी के प्रमुख पदाधिकारियों को इस तथ्‍य से कोई फर्क नहीं पड़ता और वे इस अधूरे वीडियो को लगातार ट्वीट करते रहते हैं।

हालाँकि अय्यर पहले भी विवादास्‍पद टिप्‍पणी करने के लिए जाने जाते हैं जिसमें उनकी कुख्‍यात ‘चायवाला’ टिप्‍पणी भी शामिल है। लेकिन यह किसी अधूरे बयान को संदर्भ के बगैर, राजनीतिक कारणों से उल्‍लेखित करने का एक सटीक उदाहरण है। पार्टी अध्‍यक्ष के चुनाव और मुगलों के वंशवादी शासन के बीच अंतर को रेखांकित करने वाले अय्यर के बयान को धूर्ततापूर्वक काट-छाँटकर छोटा किया गया और इसे किसी और ने नहीं, बल्कि खुद प्रधानमंत्री ने विश्‍वसनीयता के साथ पेश किया। पार्टी अध्‍यक्ष को चुनने की प्रक्रिया लोकतांत्रिक है, मणिशंकर अय्यर द्वारा कही गई इस बात की व्‍याख्‍या किसी खास नैरेटिव में फिट करने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार की गई।

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