प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया। वाराणसी की यात्रा में, पीएम ने महाराज सुहेलदेव स्मारक डाक टिकट जारी किया और एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने के लिए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में उन्होंने पड़ाव किया था। रैली को संबोधित करते हुए, मोदी ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन के शासन को आड़े हाथ लेते हुए यह दावा किया कि उन्होंने लाखों किसानों के लिए ऋण माफी का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 800 किसानों को ही लाभ पहुंचाया गया है।
कर्नाटक में लाखों किसानों को कर्ज माफी का वादा किया था लेकिन सिर्फ 800 किसानों का ही कर्ज माफ हुआ। ये कैसा खेल, कैसा धोखा: पीएम नरेन्द्र मोदी #PMInGhazipur https://t.co/i7LtsMt7tO pic.twitter.com/8AECV2K2NH
— BJP (@BJP4India) December 29, 2018
इस साल जुलाई में, कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने जेडी(एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार द्वारा पेश किए गए पहले बजट में अलग से 34,000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी की घोषणा की थी। बाद में, यह आंकड़ा 44,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था क्योंकि सरकार ने 1 जुलाई, 2018 तक लिए गए सहकारी बैंकों के 1 लाख रुपये के सभी फसल ऋणों को माफ करने का फैसला किया था।
गलत और पुराना दावा
पीएम मोदी का दावा कि केवल 800 किसानों ने ही कृषि ऋण माफी का लाभ उठाया है, एक पुराने आंकड़े पर आधारित है। इसकी उत्पत्ति 13 दिसंबर के टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट है, जिसमें बताया गया था कि कर्नाटक सरकार ने 800 किसानों को कृषि ऋण माफी योजना के लिए 44,000 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है। यह आगे कहता है, “सहकारिता मंत्री बंदेपा काशमपुर ने विधायक को बताया कि केवल 800 किसानों ने 5 जुलाई को सीएम द्वारा घोषित योजना का लाभ उठाया है।”
तब से, कई रिपोर्टें आई हैं जो कर्नाटक सरकार द्वारा ऋण माफी अदायगी की प्रगति को दर्शाती हैं। एनडीटीवी द्वारा 19 दिसंबर, 2018 को एक रियलिटी-चेक रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक के लगभग 27,000 किसानों को उनके सहकारी बैंक ऋण माफी प्रमाणपत्र प्राप्त हुए हैं, जिनकी कुल लागत लगभग 150 करोड़ रुपये है। प्रत्येक परिवार की ऋण सीमा 2 लाख रुपये तय की गई थी, जबकि अभी 50,000 रुपये प्रति ऋण माफ किया जा रहा है।
27 दिसंबर, 2018 को द मिंट के एक लेख में कृषि ऋण माफी अदायगी के अद्यतन आंकड़ों का वर्णन किया गया, जो एनडीटीवी की रिपोर्ट से मिलते हैं।
द हिंदू द्वारा 28 दिसंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक, विशेष रूप से सहकारी क्षेत्र में लगभग 70,000 किसानों ने योजना का लाभ उठाया है और कुल छूट लगभग 348 करोड़ रुपये है।
निष्कर्ष : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा कि कर्नाटक सरकार द्वारा किए गए ऋण माफी के वायदे से अब तक केवल 800 किसानों को लाभ हुआ है, गलत है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के बाद कई मीडिया संगठनों ने नए और अद्यतन आंकड़े प्रकाशित किए हैं, लेकिन पीएम मोदी ने अपने भाषण में पुराने आंकड़े को चुना।
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