बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। कुछ लोग मान रहे है कि मोदी ने आडवाणी के प्रति दुर्व्यवहार किया है, क्यूंकि ऐसा लग रहा है कि आडवाणी मोदी को नमस्कार कर रहे थे जबकि मोदी ऐसा नहीं कर रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 100 रुपये के स्मारक सिक्के के विमोचन समारोह में नेताओं को एक मंच साझा करते हुए देखा गया।
बीबीसी हिंदी ने इस तस्वीर को ट्वीट किया और कैप्शन के सुझाव के लिए लोगों को आमंत्रित किया।
पीएम नरेंद्र मोदी और आडवाणी की तस्वीर का आप बताइए कैप्शन…
(PC: GETTY) pic.twitter.com/awVXbkZ1tB— BBC News Hindi (@BBCHindi) December 25, 2018
बीबीसी के ट्वीट के जवाब में यह दिख रहा है कि उपयोगकर्ताओं को ये लग रहा है की पीएम भाजपा के दिग्गज के प्रति नामुनासिब व्यवहार कर रहे हैं।
गेट्टी इमेजेज के अनुसार, ये तस्वीर दिसंबर 24, 2018, को संसद भवन एनेक्सी में एक स्मारक सिक्का जारी होने के बाद खींची गयी है।
गलत व्याख्या
ऑल्ट न्यूज़ को उस समय का वीडियो मिला है, जब आयोजन ख़त्म होने के बाद दोनों नेताओं को एक दूसरे को नमस्कार करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो देखकर साफ़ पता चलता है कि आडवाणी और मोदी ने एक दूसरे को हाथ जोड़कर अभिवादन किया है। अगर वीडियो को धीमी गति से, फ्रेम दर फ्रेम देखा जाए, तो मोदी के मुड़ने और प्रणाम करने से पहले ही आडवाणी अपने हाथ की उँगलियाँ जोड़ कर अपनी छाती के पास रख लेते हैं। नीचे स्क्रीनशॉट्स में ये बहुत साफ़ दिखाई दे रहा है। एक दूसरे को नमस्कार करने के बाद, मोदी ने अपने हाथ पीछे कर लिए, और आडवाणी ने उँगलियाँ जोड़ कर हाथ अपने छाती पर रख दिए, जैसे पहले थे।
एक और वीडियो में यह देखा जा सकता है कि आडवाणी अपने मेहमानों का अभिवादन करने के बाद भी अपने हाथों को छाती से लगा रहे हैं। ऐसा लगता है कि आडवाणी दूसरों के साथ बातचीत करते समय अपने हाथों को पकड़े हुए हैं, जैसे उनका यह सहज व्यवहार हो।
इस प्रकार, ये धारणा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता के प्रति दुर्व्यवहार किया, ये गलत है, और वीडियो से निकाली हुई एक अलग सन्दर्भ की तस्वीर पर आधारित है।
अनुवाद: ममता मंत्री के सौजन्य से
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