प्रधानमंत्री मोदी ने 6 फरवरी को लोकसभा में करीब 1 घंटा से ज़्यादा लंबा भाषण दिया। इस लम्बे भाषण के दौरान उन्होंने कांग्रेस और वामपंथी दलों पर हमला करते हुए, नागरिकता संशोधन कानून (CAA), इसके खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन और अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को रद्द करने के बारे में भी बात की।

अपने भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के हवाले से कथित तौर पर यह कहा कि, “आर्टिकल 370 को हटाना ऐसा भूकंप लाएगा कि कश्मीर भारत से अलग हो जायेगा।” उमर अब्दुल्ला पिछले छह महीने नज़रबंद है।

नीचे शामिल की गई ट्वीट में या फिर प्रधानमंत्री कार्यालय की यूट्यूब चैनल पर प्रधानमंत्री मोदी को उमर अब्दुल्ला के हवाले से बयान देते हुए सुना जा सकता है।

इसे भारतीय जनता पार्टी ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से भी साझा किया है।

यह ध्यान देने लायक है कि प्रधानमंत्री के इस भाषण के बाद, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मेहबूबा मुफ़्ती पर पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (पीएसए) के तहत मामला दर्ज़ किया गया है।

प्रधानमंत्री ने ‘फेकिंग न्यूज़’ के हवाले से दिया बयान

यह काफी मनोरंजक होता अगर चिंता का विषय न होता कि प्रधानमंत्री संसद में व्यंगयात्मक वेबसाइट ‘फेकिंग न्यूज़’ के हवाले से बयान दिया। इस वेबसाइट ने समान उद्धरण को 28 मई, 2014 को साझा किया था।

नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में व्यंगयात्मक हिस्से को देखा जा सकता है।

इस व्यंगयात्मक लेख के प्रकाशित होने के एक दिन पहले अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में ट्वीट किया था। ट्वीट में लिखा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा अगर अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया जाता है। हमें प्रधानमंत्री के बयान से मिलती-जुलती यह ट्वीट मिली। हालांकि, ट्वीट में ‘भूकंप’ का कोई उल्लेख नहीं है, जिसे व्यंग में शामिल किया गया है।

गूगल पर एक आसान सा सर्च करने पर हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट्स नहीं मिली, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब्दुल्ला के हवाले से दिया हुआ बयान प्रकाशित किया हो। इसके अतिरिक्त ट्विटर पर प्रधानमंत्री के बयान से सम्बंधित की-वर्ड्स से अंग्रेजी और हिंदी भाषा में सर्च करने पर ‘फेकिंग न्यूज़’ के लेख के अलावा कोई परिणाम नहीं मिला। यह काफी अजीब है कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री ने संसद में छह साल पुराने व्यंगयात्मक लेख को उद्धृत किया।

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, नेशनल कांफरेंस (NC) के राष्ट्रिय प्रवक्ता इमरान नबी ने बताया कि, “मुझे नहीं लगता कि उन्होंने (उमर अब्दुल्ला) ने कभी भी ऐसा बयान दिया हो। ऐसा लगता है कि इस बयान को व्यंगयात्मक वेबसाइट फेकिंग न्यूज़ से उठाया गया है। उनके द्वारा किये गए अंतिम ट्वीट में उन्होंने शांत रहने की बात की है।”

अब्दुल्ला के अकाउंट से किये गए अंतिम ट्वीट को नीचे शामिल किया गया है। यह ट्वीट 4 अगस्त, 2019 को किया गया था।

इस तरह, यह दोहराया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में व्यंगयात्मक वेबसाइट ‘फेकिंग न्यूज़’ के लेख को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बताकर, निशाना साधा।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.