8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, 26-सेकंड का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें व्हीलचेयर पर बैठे एक व्यक्ति को एक कंबल लेते हुए दिखाया गया है. अपना परिचय देने व विकलांगों को कंबल बांटनें के लिए आयोजक को धन्यवाद देने के बाद, वह व्यक्ति व्हीलचेयर से उठ कर चला जाता है. वीडियो को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का प्रचार वीडियो बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह घटना मंच-प्रबंधित थी और कंबल प्राप्त करने वाले लोग विकलांग होने का नाटक कर रहे थे.
3 फरवरी को, फेसबुक उपयोगकर्ता रोडनी अल्मीडा ने इस वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “भाजपा ने दिव्यांगों को कम्बल बांटे लेकिन वे कैमरा बंद होने से पहले ही चले गए।” (मूल सन्देश – “BJP distributing blankets to the disabled people, before turning off the camera the disabled walked away.”)
BJP distributing blankets to the disabled people, before turning off the camera the disabled walked away. 🤣🤣🤣
Posted by Rodney Almeida on Monday, 3 February 2020
समान रूप से, सईद अब्दुलमुकतदार ने इस वायरल वीडियो को इसी दावे के साथ अपलोड किया है. इस पोस्ट के वीडियो को करीब 86,000 बार देखा जा चूका है. कई उपयोगकर्ताओं ने इस वीडियो को ट्विटर और फेसबुक पर भाजपा के प्रोपगंडा दावे से शेयर किया है.
ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो की जांच करने के लिए अपने आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर (+91 76000 11160) और मोबाइल एप पर कई अनुरोध प्राप्त हुए है. एप पर मिले अनुरोध के साथ हिंदी सन्देश साझा किया गया है –“भाजपा नेता प्रचार प्रसार में इतने विलीन हैं कि परफेक्ट टाइम पर कैमरा ऑफ करना भूल जाते हैं मित्रो, कंबल मिलने के बाद दिव्यांग अपने पैरों पर चलने लगा.”
भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार
अभी हाल ही में, ये वीडियो इस झूठे दावे से शेयर हो रहा था कि आम आदमी पार्टी ने दिव्यांगों को ‘मैजिक’ कंबल’ बांटे हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने इसपर भी एक फैक्ट-चेक रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
वायरल वीडियो में उस व्यक्ति ने अपना परिचय रमेश सिंह के रूप में दिया है। बैकग्राउंड में एक बैनर देखा जा सकता है, जिसमें ‘डिजिटल साक्षरता संस्थान’ लिखा हुआ है.
इसके बाद एक कीवर्ड सर्च से हमें ‘डिजिटल साक्षरता संस्थान’ का फेसबुक पेज मिला. इस पेज के अनुसार, यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो उत्तर-प्रदेश के सेउहारा में स्थित है. इसी प्रोफ़ाइल पर, ऑल्ट न्यूज़ को मुरादाबाद स्थित हिंदी समाचार चैनल ‘अभी तक’ की एक तथ्य-जांच रिपोर्ट मिली. हमें ये वीडियो रिपोर्ट अभी तक के यूट्यूब चैनल पर भी मिली.
https://www.youtube.com/watch?v=DrSpB0aqItU&feature=emb_title
अभी तक की रिपोर्ट में, सिंह ने अपनी विकलांगता का प्रमाण प्रदर्शित किया और कहा, “कुछ गलतफहमी जनता को हो गई है. मैं सच में दिव्यांग हूं और प्रूफ मेरे पास है. UD ID (यूनिक डिसएबिलिटी आईडी) कार्ड बना है मेरा 40%का.” रिपोर्टर ने उनसे उस विवादास्पद क्षण पर टिप्पणी करने के लिए कहा, जब वह व्हीलचेयर से उठे थे, तो सिंह ने जवाब दिया, “उपहार प्राप्त करते समय, मुझे (व्हीलचेयर पर) बैठाया गया था. जब मैं खड़ा हुआ, तो लोग (जिन्होंने वीडियो देखा) मेरी विकलांगता का अनुभव नहीं हुआ.”
ऑल्ट न्यूज़ ने यह भी देखा कि डिजिटल साक्षरता संस्थान के फेसबुक अकाउंट ने उस आयोजन के कई अन्य वीडियो अपलोड किए हैं. 19 जनवरी को अपलोड किए गए एक वीडियो में व्हीलचेयर पर बैठे एक अन्य व्यक्ति द्वारा कंबल प्राप्त करने और फिर उठ जाने के पूरे क्रम को दिखाया गया है.
1 फरवरी को, ‘द क्विंट’ ने एक तथ्य-जांच रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसके अनुसार, अभी तक के लिए उस कार्यक्रम को रिपोर्टर नजम ने कवर किया था. इन्होंने बताया कि सिंह को लोकोमोटर (locomotor) विकलांगता है. (हालांकि यह चलने-फिरने में असमर्थता संबंधी विकलांगता है, लेकिन मुख्य रूप से हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों की अशक्तता से संबंधित है, और जैसा कि सिंह ने बताया- वे 40% विकलांग हैं) द क्विंट की रिपोर्ट में सिंह की यूनिक डिसेबिलिटी आईडी की तस्वीरें भी हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने प्राइवेसी की खातिर तस्वीरें अपलोड नहीं की हैं.
द क्विंट से बात करते हुए, नजम ने कहा, “व्हीलचेयर पर बैठा आदमी रमेश सिंह है और कंबल देने वाला व्यक्ति रवि सैनी है. AAP इसमें कहीं से भी शामिल नहीं है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि सैनी ‘डिजिटल साक्षरता संस्थान’ का एक हिस्सा हैं. सैनी ने द क्विंट को बताया कि उन्होंने 100 कंबल वितरित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था.
ऑल्ट न्यूज़ ने कीवर्ड सर्च करके सैनी का ट्विटर अकाउंट निकाला। उन्होंने ट्वीट करके इस घटना की जानकारी स्थानीय मीडिया को दी थी.
In local newspapers our NGO @Digital_Sakshar @drajaykumar_ias @rsprasad @narendramodi @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/9ZYo0bIRRt
— Ravi Saini (@RsDigitalIndia) January 21, 2020
इसके अलावा, सैनी का ट्विटर अकाउंट (नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट) देखकर यह आकलन किया जा सकता है कि उनके AAP से जुड़े होने की संभावना नहीं है.
इसलिए, सोशल मीडिया का दावा झूठा साबित होता है कि भाजपा ने अपने प्रचार के लिए उन लोगों को कंबल वितरित किए जो दिव्यांग नहीं थे.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.