8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, 26-सेकंड का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें व्हीलचेयर पर बैठे एक व्यक्ति को कंबल लेते हुए दिखाया गया है। अपना परिचय देने व दिव्यांगों को कंबल वितरण के लिए आयोजक को धन्यवाद देने के बाद, वह व्यक्ति व्हीलचेयर से उठ कर चला जाता है। वीडियो को आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रचार वीडियो बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह घटना मंच-प्रबंधित थी और कंबल प्राप्त करने वाले लोग दिव्यांग होने का नाटक कर रहे थे।

30 जनवरी को, ट्विटर-यूजर @ugtunga ने यह वायरल वीडियो पोस्ट किया और कहा, “AAP का मैजिक कंबल। जिस क्षण इस दिव्यांग को कंबल मिला, वह चलने लगा। यह विश्वास करने के लिए इसे देखें”। इसे 1,200 से अधिक बार रिट्वीट किया गया है।

29 जनवरी को, भुवनेश्वर के आईपीएस अधिकारी अरुण बोथरा ने यह वायरल वीडियो ट्वीट किया और कहा, “ब्रेकिंग न्यूज़: जादुई कंबल से ‘विशेष रूप से सक्षम’ व्यक्ति अपनी व्हील चेयर को त्याग कर तेज़ी से चलता है।” कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के विपरीत, बोथरा ने इस वीडियो को किसी राजनीतिक दल से नहीं जोड़ा। उनका ट्वीट 1,100 से अधिक बार रिट्वीट किया गया।

इसी तरह, कई ट्विटर और फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने वायरल वीडियो यह दावा करते हुए साझा किया है कि यह AAP का प्रचार वीडियो है।

ऑल्ट न्यूज़ को इस वायरल वीडियो की सच्चाई पता करने के कई अनुरोध हमारे व्हाट्सएप नंबर (+91 76000 11160) और आधिकारिक मोबाइल ऐप पर मिले हैं।

AAP के खिलाफ दुष्प्रचार

वायरल वीडियो में उस व्यक्ति ने अपना परिचय रमेश सिंह के रूप में दिया है। पृष्ठभूमि में एक बैनर देखा जा सकता है, जिसमें ‘डिजिटल साक्षरता संस्थान’ लिखा हुआ है।

दूसरे कीवर्ड सर्च से हमें ‘डिजिटल साक्षरता संस्थान’ का फेसबुक पेज मिला। इस पेज के अनुसार, यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो उत्तर-प्रदेश के सेउहारा में स्थित है। इसी प्रोफ़ाइल पर, ऑल्ट न्यूज़ को मुरादाबाद स्थित हिंदी समाचार चैनल ‘अभी तक’ की एक तथ्य-जांच रिपोर्ट मिली। हमें एक वीडियो रिपोर्ट अभी तक के यूट्यूब चैनल पर भी मिली।

https://youtu.be/DrSpB0aqItU

अभी तक की रिपोर्ट में, सिंह ने अपनी विकलांगता का प्रमाण प्रदर्शित किया और कहा, “कुछ गलतफहमी जनता को हो गई है। मैं सच में दिव्यांग हूं और प्रूफ मेरे पास है। UD ID (यूनिक डिसएबिलिटी आईडी) कार्ड बना है मेरा 40%का।” रिपोर्टर ने उनसे उस विवादास्पद क्षण पर टिप्पणी करने के लिए कहा, जब वह व्हीलचेयर से उठे थे, तो सिंह ने जवाब दिया, “उपहार प्राप्त करते समय, मुझे (व्हीलचेयर पर) बैठाया गया था। जब मैं खड़ा हुआ, तो लोग (जिन्होंने वीडियो देखा) मेरी विकलांगता का अनुभव नहीं हुआ।”

ऑल्ट न्यूज़ ने यह भी देखा कि डिजिटल साक्षरता संस्थान के फेसबुक अकाउंट ने उस आयोजन के कई अन्य वीडियो अपलोड किए हैं। 19 जनवरी को अपलोड किए गए एक वीडियो में व्हीलचेयर पर बैठे एक अन्य व्यक्ति द्वारा कंबल प्राप्त करने और फिर उठ जाने के पूरे क्रम को दिखाया गया है।

1 फरवरी को, द क्विंट ने एक तथ्य-जांच रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसके अनुसार, अभी तक के लिए उस कार्यक्रम को रिपोर्टर नजम ने कवर किया था। इन्होंने बताया कि सिंह को लोकोमोटर (locomotor) विकलांगता है। (हालांकि यह चलने-फिरने में असमर्थता संबंधी विकलांगता है, लेकिन मुख्य रूप से हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों की अशक्तता से संबंधित है, और जैसा कि सिंह ने बताया- वे 40% विकलांग हैं) द क्विंट की रिपोर्ट में सिंह की यूनिक डिसेबिलिटी आईडी की तस्वीरें भी हैं। ऑल्ट न्यूज़ ने प्राइवेसी की खातिर तस्वीरें अपलोड नहीं की हैं।

द क्विंट से बात करते हुए, नजम ने कहा, “व्हीलचेयर पर बैठा आदमी रमेश सिंह है और कंबल देने वाला व्यक्ति रवि सैनी है। AAP इसमें कहीं से भी शामिल नहीं है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि सैनी ‘डिजिटल साक्षरता संस्थान’ का एक हिस्सा हैं। सैनी ने द क्विंट को बताया कि उन्होंने 100 कंबल वितरित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था।

ऑल्ट न्यूज़ ने कीवर्ड सर्च करके सैनी का ट्विटर अकाउंट निकाला। उन्होंने ट्वीट करके इस घटना की जानकारी स्थानीय मीडिया को दी थी।

इसके अलावा, सैनी का ट्विटर अकाउंट (नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट) देखकर यह आकलन किया जा सकता है कि उनके AAP से जुड़े होने की संभावना नहीं है।

इसलिए, सोशल मीडिया का दावा झूठा साबित होता है कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने प्रचार के लिए उन लोगों को कंबल वितरित किए जो दिव्यांग नहीं थे।

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.