जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 5 जनवरी को हुए हमले में घायल 36 लोगों में से एक, कमलेश मंडरिया, JNU के सामाजिक चिकित्सा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एमफिल के प्रथम वर्ष के छात्र हैं. मंडरिया के सिर पर लगी चोट वाली तस्वीरें सोशल मीडिया में इस दावे के साथ वायरल हुई कि उन पर वामपंथियों ने हमला किया था.
16 जनवरी को, दिल्ली निवासी प्रणव स्वाहनी ने होर्डिंग की तस्वीरें पोस्ट कीं, जिनमें घायल छात्रों की तस्वीरें हैं. ये होर्डिंग इस हैशटैग- #LeftAttackstudents के साथ शेयर की गई थी. स्वाहनी के इस इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया गया कि इन तस्वीरों को एक इंस्टाग्राम यूज़र@hameenasto द्वारा क्लिक किया गया था. पूरा कैप्शन इस प्रकार है- “Tax-funded propaganda at North Campus, University of Delhi. (अनुवाद- नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय में कर-वित्त पोषित प्रचार.)” इससे आगे हिन्दी में लिखा था- “यदि आप सोच रहे हैं कि आपका टैक्स का पैसा कहां जा रहा है. आपके ही देश के छात्रों को आतंकवादी घोषित करने में लगी है यह सरकार.” फिर अंग्रेजी- “Images by and @Hameenasto (अनुवाद- तस्वीरें @Hameenasto द्वारा और.”
एक होर्डिंग में मंडरिया (पीले रंग में हाइलाइट) की दो तस्वीरें दिखाई गई हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने @hameenasto उर्फ़ अदामया तोमर से संपर्क किया जिन्होंने यह तस्वीरें ली थीं. तोमर, जो दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के छात्र हैं, के अनुसार होर्डिंग को दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पास लगाया गया था. ऑल्ट न्यूज़ से हुई बातचीत में तोमर ने कहा, “इस तरह के होर्डिंग के साथ, नॉर्थ कैंपस और उसके आसपास कई छोटे पोस्टर लगाए गए थे. जो मैंने सुना और देखा है, उसके अनुसार, ये पोस्टर 15 जनवरी को लगाए गए थे. 18 जनवरी तक, सभी को हटा दिया गया था.”
हालांकि, नॉर्थ कैंपस के पास होर्डिंग पर मंडरिया की तस्वीरों के सामने आने से पहले ही, ट्विटर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कई खातों से वही तस्वीरें प्रसारित की गई थीं. ABVP हैंडल 5 जनवरी से ही #LeftAttacksJNU हैशटैग के साथ ये तस्वीरें पोस्ट की गयी थी.
JNU छात्र कमलेश मांडरिया पर हमले के लिए ABVP ने लेफ्ट को ज़िम्मेदार ठहराया
ABVP कर्नाटक ने चार तस्वीरें ट्वीट कीं, जिनमें मंडरिया की तस्वीर भी मौजूद थी और हमले के लिए वामदलों के छात्र निकायों पर आरोप लगाया था. इस ट्वीट को कन्नड़ मेसेज के साथ शेयर किया गया है- “ಹಿಂಸಾಚಾರ ಮಾತ್ರ ಎಡಪಂಥೀಯರನ್ನು ವಿವರಿಸುತ್ತದೆ ಎಂದು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಸಾಬೀತಾಗಿದೆ. ಎಡ ಗೂಂಡಾಗಳು ವಿನಾಶಕ್ಕೆ ಹೋಗಲು ಜೆಎನ್ಯು ನೆಲವಾಗಿರಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ. ಇದು ಈಗ ಸೈದ್ಧಾಂತಿಕ ಯುದ್ಧವಲ್ಲ. ಸಾಕು ಸಾಕು! ಎಬಿವಿಪಿ ಅವರು ಅರ್ಥಮಾಡಿಕೊಳ್ಳುವ ಭಾಷೆಯಲ್ಲಿ ಉತ್ತರಿಸುತ್ತಾರೆ. #LeffAttacksJNU #SOSJNU”
ಹಿಂಸಾಚಾರ ಮಾತ್ರ ಎಡಪಂಥೀಯರನ್ನು ವಿವರಿಸುತ್ತದೆ ಎಂದು ಮತ್ತೊಮ್ಮೆ ಸಾಬೀತಾಗಿದೆ. ಎಡ ಗೂಂಡಾಗಳು ವಿನಾಶಕ್ಕೆ ಹೋಗಲು ಜೆಎನ್ಯು ನೆಲವಾಗಿರಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ. ಇದು ಈಗ ಸೈದ್ಧಾಂತಿಕ ಯುದ್ಧವಲ್ಲ. ಸಾಕು ಸಾಕು!
ಎಬಿವಿಪಿ ಅವರು ಅರ್ಥಮಾಡಿಕೊಳ್ಳುವ ಭಾಷೆಯಲ್ಲಿ ಉತ್ತರಿಸುತ್ತಾರೆ#LeffAttacksJNU #SOSJNU pic.twitter.com/Nyt9DoALIM
— ABVP Karnataka (@ABVPKarnataka) January 5, 2020
(गूगल अनुवाद- यह एक बार फिर से साबित हो गया है कि हिंसा केवल वाम का वर्णन करती है. JNU वाम गुंडों के विनाश का मैदान नहीं बन सकता. यह अब वैचारिक युद्ध नहीं है. बहुत हो गया! ABVP उस भाषा में उत्तर देती है जो वे समझते हैं #LeffAttacksJNU #SOSJNU”
ABVP दिल्ली ने भी मंडरिया की तस्वीर ट्वीट की और लिखा- “समाज में नकारात्मक कार्य करना और नकारात्मक सोच फैलाना ही वामपंथ का असली चेहरा #LeftAttacksJNU”
समाज मे नकारात्मक कार्य करना और नकारात्मक सोच फैलाना ही वामपंथ का असली चेहरा #LeftAttacksJNU pic.twitter.com/y6v8FBA5iK
— ABVP Delhi (@ABVPDelhi) January 5, 2020
इसी तरह के आरोप ABVP की केरल और उत्तराखंड इकाइयों द्वारा लगाए गए थे. उपरोक्त प्रत्येक ट्वीट 5 जनवरी को रात 9 से 10 बजे के बीच किए गए थे. ट्विटर हैंडल ‘Friends of RSS’ ने भी उसी दिन मंडरिया की तस्वीर ट्वीट की और वामपंथियों पर इस हमले का आरोप लगाया.
मंडरिया ने ABVP के दावे का खंडन किया, ABVP को दोषी ठहराया
मंडरिया ने अस्पताल से अपनी छुट्टी के बाद अपनी चोटों की चार तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट कीं थी. ऑल्ट न्यूज़ के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये तस्वीरें एक दोस्त ने एम्स में क्लिक की थीं.
भाजपा के गुंडों ने JNU में घुसकर छात्रों एवं शिक्षकों पर किया जानलेवा हमला.@CMMadhyaPradesh kindly help me..
Save JNU@ChhattisgarhCMO @RahulGandhi @priyankagandhi @SanjayAzadSln @_YogendraYadav @kanhaiyakumar @Shehla_Rashid @UmarKhalidJNU @TheDeshBhakt #JNUSOS #JNUAttack pic.twitter.com/Y1BxSzkpiI— Kamlesh Mandriya (@mandriyakamlesh) January 5, 2020
उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझ पर वामपंथी गुंडों द्वारा नहीं, बल्कि ABVP के सदस्यों द्वारा हमला किया गया था. मैं JNU में किसी भी राजनीतिक समूह का हिस्सा नहीं हूं. हालांकि, हिंसा के खिलाफ JNU शिक्षक संघ (JNUTA) के साथ एकजुटता मार्च का मैं हिस्सा था जो 4 जनवरी को आयोजित हुआ था.”
हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी के विरोध के बीच, JNU में शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण 1 जनवरी से शुरू हुआ कई मीडिया प्लेटफार्मों ने JNU छात्रों के संघ (JNUSU) द्वारा कथित रूप से पंजीकरण प्रक्रिया को रोकने के बाद 4 जनवरी को परिसर के अंदर हिंसा की खबर दी थी.
ऑल्ट न्यूज़ ने JNU के एक वर्तमान छात्र (अनुरोध पर पहचान छुपाया गया) से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि 5 जनवरी को एकजुटता मार्च के बारे में बातचीत हुई थी और छात्रों को उसी के बारे में संदेश भेजे गए थे.
मंडरिया ने दावा किया कि उन पर पेरियार हॉस्टल के पास लगभग 10 ABVP सदस्यों के एक समूह द्वारा धातु की लाठी से हमला किया गया था. उन्होंने कहा, “होश खोने से पहले मैं केवल जयंत कुमार और विजेंद्र ठाकुर को पहचान सका.”मंडरिया ने 13 जनवरी को विशेष जांच दल (SIT) को आधिकारिक बयान दिया था. ऑल्ट न्यूज़ ने उस FIR की एक कॉपी प्राप्त की, जिसमें कथित हमलावरों के नामों का उल्लेख किया गया है. मंडरिया ने अपने कथित हमलावरों की तस्वीरें साझा कीं थी. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ उन्हें गोपनीयता की वजह से अपलोड नहीं कर रहा है.
18 जनवरी को, Newslaundry ने एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें JNU हिंसा में कथित रूप से शामिल छात्र के रूप में ‘विजेंद्र ठाकुर’ का नाम दिया गया था.
प्रेस के साथ मंडरिया का साक्षात्कार
ट्विटर पर प्रासंगिक कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए, ऑल्ट न्यूज़ को CNN News18 की विशेष संवाददाता ज़ेबा वारसी का एक ट्वीट मिला. इसमें उन्होंने मंडरिया का एक साक्षात्कार वीडियो अपलोड किया था. वीडियो में इस JNU छात्र ने वारसी से कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं और उन्होंने अपनी चोटों की तस्वीरें दिखाईं. ये वही तस्वीरें थीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. मंडरिया ने इस बात से भी इनकार किया कि वामपंथी दलों से जुड़े छात्रों ने उन पर हमला किया. वीडियो एकाएक समाप्त हो जाता है.
WATCH- Kamlesh Mandriya, JNU student- his picture was being shared by ABVP as being an ABVP activist who was attacked by LEFT.
He tells us he doesn’t belong to any org and alleges he was attacked by ABVP on Sun
He has sustained 10 stitches on his head. #JNUAttack #JNUViolence pic.twitter.com/v6CUasaFHp
— Zeba Warsi (@Zebaism) January 8, 2020
ऑल्ट न्यूज़ ने वारसी से संपर्क किया. उन्होंने स्पष्ट किया, “जेएनयू में खराब नेटवर्क के कारण, मैं वीडियो का केवल एक हिस्सा अपलोड कर सकी. यह साक्षात्कार 8 जनवरी को न्यूज़18 के अपराह्न 3 बजे के बुलेटिन में भी था.” वारसी ने एक और वीडियो (नीचे संलग्न) साझा किया, जिसमें वह हिस्सा दिखाया गया है जो उनके ट्वीट में शामिल नहीं है.
[emned]https://vimeo.com/384225697[/embed]उपरोक्त वीडियो में, मंडरिया ने कहा कि JNUTA के साथ लगभग 300 छात्रों ने छात्रावास-से-छात्रावास एक शांतिपूर्ण मार्च की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा, “पेरियार [छात्रावास] में दिल्ली पुलिस का PCR और JNU में प्राइवेट सिक्यूरिटी, साइक्लोप्स के 50-60 कर्मचारी थे. उनके ठीक पीछे ABVP के छात्र थे जो छड़ और पत्थर लिए थे. जैसे ही हम उनके पास पहुँचे, उन्होंने पथराव शुरू कर दिया, जिससे प्रदर्शनकारी भागने लगे.” मंडरिया ने आरोप लगाया कि वह 10 लोगों से घिरे थे, जिन्होंने उनके ज़मीन पर गिरने के बाद एक रॉड और एक ईंट से उन पर हमला किया. “जब मैं उठने में कामयाब हुआ, तो ABVP के छात्रों ने फिर से हमला किया. अंत में, दो लोग मुझे एक दोपहिया वाहन पर बैठाकर प्रशासनिक ब्लॉक तक ले गए जहां दो पीसीआर खड़े थे, लेकिन कुछ नहीं किया” – ये कहते हुए उन्होंने बताया कि इस स्थान से एक एम्बुलेंस उन्हें एम्स ले गई.
इसलिए, विभिन्न ABVP अकाउंट ने JNU के छात्र कमलेश मंडरिया की तस्वीरें इस दावे के साथ साझा कीं कि उन पर वामपंथियों ने हमला किया था. वास्तव में उनकी तस्वीरों को दिल्ली के नॉर्थ कैंपस के पास स्थापित एक होर्डिंग पर लगाया गया था. हालांकि, मंडरिया ने खंडन किया कि उन पर वामपंथियों ने हमला किया था, अपनी चोटों के लिए उन्होंने ABVP सदस्यों को दोषी ठहराया था.
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