राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल है. इसमें वो कहते हैं, “जब भारत एक निष्पक्ष जगह होगी तो हम आरक्षण ख़त्म करने के बारे में सोचेंगे.” कई यूज़र्स ने इस क्लिप को शेयर करते हुए दावा किया है कि इससे राहुल गांधी का ‘एजेंडा’ जाहिर हो गया है और उनका इरादा आरक्षण खत्म करने का है.

बीजेपी दिल्ली के ऑफ़िशियल X पेज (@BJP4Delhi) ने 11 सितंबर को ये क्लिप शेयर करते हुए लिखा, “…राहुल गांधी ने SC, ST और OBC के लिए आरक्षण खत्म करने के बारे में अपने इरादे साफ कर दिए हैं.” (आर्काइव लिंक)

प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X यूज़र प्रदीप भंडारी (@pradip103) ने 10 सितंबर को ये वीडियो किया और लिखा, “राहुल गांधी का एजेंडा उजागर! राहुल और कांग्रेस का इरादा भारत में आरक्षण खत्म करने का है. यही कारण है कि उन्होंने कर्नाटक में दलितों के अधिकार छीन लिए. कांग्रेस दलित विरोधी है.” (आर्काइव लिंक)

कई अन्य पेज और यूज़र्स जैसे  @BJP4Haryana@TheSquind@AshokShrivasta6@RealBababanaras ने ऐसे दावों के साथ ही ये क्लिप शेयर की.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने देखा कि ये क्लिप जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ एक इंटरव्यू और बातचीत के दौरान का था. पूरा इंटरव्यू राहुल गांधी के ऑफ़िशियल यूट्यूब चैनल पर मौजूद है.

वीडियो में 53 मिनट 37 सेकेंड पर, एक छात्रा राहुल गांधी से सवाल पूछती है, “आपकी बातचीत में आपने जाति और आरक्षण का ज़िक्र किया… मैं आपके और आपकी पार्टी के विचार जानना चाहती हूं कि किस पॉइंट पर हम जाति-आधारित आरक्षण के विचार से दूर चले जाएंगे जो अंतर्निहित ज़मीनी मामलों का स्थायी समाधान है जिसके लिए ऐसी आरक्षण-आधारित प्रणाली की ज़रूरत है. किस पॉइंट पर, एक समाज के रूप में हम बल्कि इससे भी ज़रुरी बात ये है कि आप और आपकी पार्टी जाति-आधारित आरक्षण को लक्षणों के उपचार के रूप में देखते हैं न कि असली समस्या के रूप में”?

जवाब में राहुल गांधी उन आंकड़ों का हवाला देते हुए शुरुआत करते हैं जो देश के निर्णय लेने वाले क्षेत्रों में दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों जैसी वंचित जातियों और वर्गों के व्यक्तियों के प्रतिनिधित्व में असमानता को दिखाते हैं. राहुल गांधी कहते हैं: “… मामले की सच्चाई ये है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है और समस्या ये है कि 90 प्रतिशत भारत खेलने में सक्षम नहीं है. भारत में हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखिये, मुझे आदिवासी नाम दिखाइये, मुझे दलित नाम दिखाइये, मुझे OBC नाम दिखाइये. मुझे लगता है कि टॉप 200 में से एक OBC है. वे भारत के 50 प्रतिशत लोग हैं. हम लक्षण का इलाज नहीं कर रहे हैं, यही समस्या है.” 57 मिनट पर इंटरव्यू का वायरल हिस्सा शुरू होता है, इस पॉइंट पर, अपने विचार जारी रखते हुए, कांग्रेस नेता कहते हैं, “ये (कास्ट-आधारित आरक्षण) एकमात्र उपकरण नहीं है. अन्य उपाय भी हैं. लेकिन, हम आरक्षण ख़त्म करने के बारे में तब सोचेंगे जब भारत एक निष्पक्ष जगह होगी और अभी भारत एक निष्पक्ष जगह नहीं है…”

कुल मिलाकर, राहुल गांधी से पूछा गया सवाल जाति-आधारित आरक्षण के भविष्य पर कांग्रेस पार्टी के रुख के बारे में था. उन्होंने किसी भी वक्त इसे ख़त्म करने का सुझाव नहीं दिया. इसके उलट, उन्होंने ऐसे आरक्षण के महत्व और जरूरत के बारे में विस्तार से बताया. इंटरव्यू का वो हिस्सा जो वायरल है, उसमें राहुल गांधी को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘जब भारत एक निष्पक्ष जगह होगा तो वे आरक्षण खत्म करने की सोचेंगे’, इसे बिना संदर्भ के शेयर किया जा रहा है. उसी लाइन में राहुल गांधी ने ये भी कहा कि ‘भारत एक निष्पक्ष जगह नहीं है.’ वायरल वीडियो में वाक्य के इस हिस्से को एडिट किया गया है.

यानी, ये दावा ग़लत है कि राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस या भारतीय गुट सत्ता में आने पर आरक्षण खत्म कर देगा. वायरल वीडियो एक घंटे लंबे इंटरव्यू और बातचीत का हिस्सा है और 6 सेकंड की क्लिप बिना संदर्भ के शेयर की जा रही है.

11 सितंबर को कांग्रेस सांसद ने इस पर स्पष्टीकरण जारी किया. उन्होंने कहा, ”कल किसी ने मेरे बयान को ग़लत तरीके से पेश किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं. लेकिन मैं साफ कर दूं- मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं. हम आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जायेंगे.”

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