भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक वीडियो ट्वीट किया. इस वीडियो के ज़रिये वो राहुल गांधी का मज़ाक उड़ाना चाह रहे थे. 6 सेकंड की क्लिप में राहुल गांधी को कहते हुए सुना जा सकता है – “जो रेड ज़ोन है वो ऐक्चुअली ग्रीन ज़ोन है और जो ग्रीन ज़ोन है वो ऐक्चुअली रेड ज़ोन है.” संबित पात्रा ने कहा कि पहले तो राहुल गांधी पीछे से आलू डालो, आगे से सोना निकलेगा जैसी बातें कह रहे थे और अब ये अजीब बात कह रहे हैं. इस वीडियो को 5 लाख से भी ज़्यादा बार देखा जा चुका है और 10,000 से ज़्यादा बार इसे शेयर किया गया है. (आर्काइव किया हुआ ट्वीट)

इस क्लिप को सोशल मीडिया पर संबित पात्रा के शेयर करने से पहले भी ‘पीछे से आलू आगे से सोना’ कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा था. ट्विटर हैंडल @Divyans47789162 ने भी इसे ट्वीट करते हुए सोने और आलू वाली बात लिखी और राहुल गांधी पर निशाना साधा.

फ़ेसबुक पेज भईया जी कहिन पर अपलोड किये गये इसी वीडियो को 5 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया लेकिन यहां अलग कैप्शन दिखाई दिया. यहां लिखा था – ” जो RED है वो GREEN है जो GREEN है वो RED है. कभी मैं पार्टी अध्यक्ष हूँ तो कभी मां मां इस्तीफा देंगी मैं बन जाऊंगा .. मैं इस्तीफा दूंगा माँ बन जाएगी”

फ़ैक्ट-चेक

ये पूरा मामला असल में ग़लत जानकारियों की खिचड़ी है. एक ग़लत जानकारी दूसरी ग़लत जानकारी की शह पर शेयर की जा रही है. ‘आलूऔर सोने’ वाली बात ग़लत है और ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी सच्चाई पहले भी आपको बतायी है. हम इसपर अभी कुछ देर में बात करेंगे मगर फ़िलहाल हम अभी वायरल हुए वीडियो पर नज़र डालते हैं.

1. “लाल हरा है, हरा लाल है”

संबित पात्रा और तमाम लोगों ने जो वीडियो शेयर किया है, उस 6 सेकंड के हिस्से को घंटे भर लम्बी राहुल गांधी की प्रेस ब्रीफ़िंग से निकाला गया है. ये प्रेस ब्रीफ़िंग इंडिया में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर की गयी थी. कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर 7 मई को इसका वीडियो अपलोड किया गया था.

वीडियो में लगभग 18 मिनट 45 सेकंड बाद PTI के पत्रकार राहुल गांधी से विकेन्द्रीयकरण पर सवाल पूछते हैं. राहुल गांधी इसके जवाब में मज़बूत लोकल नेताओं की ज़रूरत बताते हैं और कहते हैं कि वायरस से लड़ने के लिए ज़मीनी स्तर से काम शुरू करना होगा. इसके बाद वो अलग अलग बनाए गए ज़ोन के बारे में बात करते हैं. इन ज़ोन को केंद्र सरकार ने संक्रमण की मात्रा के आधार पर बनाया है. राहुल गांधी ने कहा कि इन ज़ोन को बनाने के लिए लोकल इनफ़ॉर्मेशन का इस्तेमाल होना चाहिए.

20 मिनट से आप ये सुन सकते हैं – “ये ज़ोन, रेड ऑरेंज और ग्रीन, इन्हें नेशनल लेवल पर बनाया गया है. ये ज़ोन्स स्टेट लेवल पर बनने चाहिए. हमारे (कांग्रेस शासित) स्टेट्स के चीफ़ मिनिस्टर्स हमें कह रहे हैं कि नेशनल लेवल पर जो रेड ज़ोन है वो ऐक्चुअली ग्रीन ज़ोन है. और जो ग्रीन ज़ोन है वो ऐक्चुअली रेड ज़ोन है.” वो आगे कहते हैं कि जब मुख्यमंत्रियों के पास ये जानकारी है तो वो ज़ोन्स को बनाते हुए सीएम या डीएम से बात कर के बनने चाहिए.

असली क्लिप से ‘नेशनल लेवल’ को हटा दिया गया और क्लिप को अलग सन्दर्भ में लोगों के सामने पेश करते हुए ये दिखाने की कोशिश की कि राहुल गांधी एक अजीब बयान दे रहे हैं.

2. पीछे से आलू, आगे से सोना

2017 में राहुल गांधी का एक वीडियो आया जिसमें वो कह रहे थे, “ऐसी मशीन लगाऊंगा, इस साइड से आलू घुसेगा उस साइड से सोना निकलेगा.” इस क्लिप को भाजपा आईटी सेल के अमित मालवीय ने शेयर किया था. (आर्काइव किया हुआ लिंक)

हेमा मालिनी से बात करते हुए ANI के एक रिपोर्टर ने भी यही बयान दोहराया था.

ये बयान भी एक क्लिप किये हुए वीडियो का हिस्सा था. इसमें 12 नवम्बर 2017 को राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए एक रैली में बोल रहे थे.

राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर पूरा वीडियो अपलोड किया गया था. इसमें 17 मिनट 50 सेकंड से ये सुना जा सकता है – “कुछ महीने पहले यहां बाढ़ आयी. 500 करोड़ रुपये दूंगा, (पीएम मोदी ने) एक भी रूपया नहीं दिया. आलू के किसानो को कहा ऐसी मशीन लगाऊंगा इस साइड से आलू घुसेगा उस साइड से सोना निकलेगा… मेरे शब्द नहीं हैं. नरेंद्र मोदीजी के शब्द हैं.”

राहुल गांधी की इस बात की ख़ूब खिल्ली उड़ाई गई थी क्यूंकि प्रधानमंत्री मोदी की कही ऐसी कोई बात रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है.

इसलिए ये दावे के साथ कहा जा सकता है कि राहुल गांधी के एक क्लिप किये गए वीडियो को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने उनका मज़ाक उड़ाने के उद्देश्य से शेयर किया. इसके साथ ही संबित पात्रा का दावा इस ग़लत दावे की शह पर किया गया था कि राहुल गांधी ने कभी एक तरफ़ से आलू डालने पर दूसरी तरफ़ से सोना निकलने वाली मशीन लगाने की बात कही थी.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.