2 मिनट 20 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन का बताकर शेयर किया जा रहा है. दावा है कि 12 वर्षों के बाद जब सद्दाम हुसैन की लाश कब्र से निकाली गई तो उनका शरीर पहले जैसा ही निकला. बता दें कि 2003 में इराक़ पर अमेरिका के नेतृत्व में हमला हुआ था जहां इसी साल के आख़िरी महीने में सद्दाम हुसैन को अमरीकी सेना ने पकड़ लिया था. इसके बाद 30 दिसम्बर 2006 को सद्दाम हुसैन को दुजैल गांव में हुए नरसंहार मामले में फांसी दी गई थी.

30 अगस्त 2020 को एक फ़ेसबुक पेज ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “इराकी सदर ने 12 साल बाद सद्दाम हुसैन की कब्र मुनतकिल करने के लिए खोदी तो चेहरा उसी तरह तरोताजा ही है”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 1,800 बार देखा गया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

इराकी सदर ने 12 साल बाद सद्दाम हुसैन की कब्र मुनतकिल करने के लिए खोदी तो चेहरा उसी तरह तरोताजा ही है

Posted by Mullaji mobile center Kairana – SAMLI u.p on Sunday, 30 August 2020

एक और फ़ेसबुक यूज़र ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है. (पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न)

इराकी सदर ने 12 साल बाद सद्दाम हुसैन की कब्र मुनतकिल करने के लिए खोदी तो चेहरा उसी तरह तरोताजा ही है

Posted by Hafiz.Iftkhar.Alam on Saturday, 29 August 2020

ये वीडियो ऐसे ही दावे वाले एक गुजराती मेसेज के साथ 31 अगस्त को फ़ेसबुक पर पोस्ट किया गया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 500 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

ઇરાક ના સદરએ સદ્દામ હુસેનની કબર12 વર્ષ પછી બીજી જગ્યા એ મુંતકીલ કરવા માટે ખોલી તો આજ પણ તેમનો ચહેરો

Posted by નબીપુર ની એકતા on Monday, 31 August 2020

इस वीडियो के वेरीफ़िकेशन के लिए ऑल्ट न्यूज़ की ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर कुछ रीक्वेस्ट आई हैं.

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहली बात जो इस दावे की सच्चाई पर शक करने को मजबूर करती है, वो है 12 साल बाद शव निकाले जाने का दावा. सद्दाम को दफ़न किये 14 साल बीत चुके हैं. इस हिसाब से ये दावा गणित के मानकों पर खरा नहीं उतरता है.

की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें शेयर किये जा रहे वीडियो का लंबा वर्ज़न यूट्यूब पर मिला जिसे 2007 में अपलोड किया गया था. ये वीडियो सद्दाम हुसैन को फांसी दिए जाने के 7 दिन बाद यानी 6 जनवरी 2007 को अपलोड किया गया था. ये वीडियो सद्दाम हुसैन की अंतिम यात्रा का है जिसमें सद्दाम के शव को दफ़न होते हुए भी देखा जा सकता है. 9 मिनट लंबे इस वीडियो में आपको वायरल वीडियो के दृश्य 6 मिनट 27 सेकंड पर देखने को मिलेंगे.

वायरल वीडियो और 2007 के वीडियो के फ़्रेम्स का मिलान करने पर दोनों के एक होने की बात साफ़ हो गई.

This slideshow requires JavaScript.

सद्दाम हुसैन के अंतिम संस्कार के बारे में सर्च करते हुए 23 जुलाई 2015 को एपी आर्काइव (AP Archive) पर अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला. इस वीडियो में लोगों को सद्दाम हुसैन को दफ़न करते हुए देखा जा सकता है.

बता दें कि सद्दाम हुसैन को इराक के तिकरित शहर के अल-औजा में दफ़न किया गया था. सद्दाम हुसैन सुन्नी पक्ष के थे और उनके करीबियों को इस बात की चिंता थी कि शिया पक्ष के हाथ अगर उनका शरीर लग गया तो उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है. इस आशंका के चलते 2014 में सद्दाम के करीबियों ने सद्दाम का शव कब्र से निकाल कर किसी सुरक्षित जगह रख दिया था. असल में सद्दाम ने दुजैल में जिन 148 लोगों को मरवाया था, वो सभी शिया थे. सद्दाम का पार्थिव शरीर कहां रखा गया है इस बात की कोई जानकारी नहीं है.

इस तरह, सोशल मीडिया का ये दावा ग़लत है कि मौत के 12 वर्षों के बाद भी सद्दाम हुसैन का शव पहले जैसा ही है. सद्दाम हुसैन के अंतिम संस्कार का कम से कम 12 साल पुराना वीडियो अब शेयर कर झूठा दावा चलाया जा रहा है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.