ऑल्ट न्यूज़ द्वारा पर्दाफाश किये जाने के बावजूद एक झूठे बयान का उल्लेख लगातार किया जाता है। बयान के लिए जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जिसके अनुसार उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि ,“मैं शिक्षा से अंग्रेज हूं, संस्कृति से मुस्लिम और संयोग से हिंदू”। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने हाल में हुए एक टेलीविजन बहस में इस कथित बयान का उल्लेख किया।
#Hallabol, @sambitswaraj: राहुलजी ने अपनी नानीमां का गोत्र ले लिया, बेहतर है अपनी मां का गोत्र ले लेते! ये तो हिंदू धर्म में गोत्र घोटाला है
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उपरोक्त वीडियो में 00:45 से 01:05 के बीच इसे सुना जा सकता है। डॉ पात्रा ने कहते हैं कि जवाहरलाल नेहरू ने खुद कहा था कि “शिक्षा से मैं अंग्रेज हूं, संस्कृति से मैं मुस्लिम और संयोग से हिंदू।”
यह बयान हिन्दू महासभा के नेता का है
ऑल्ट न्यूज ने पहले भी अपने एक लेख में बताया था कि नेहरू के नाम मढ़ा गया यह बयान झूठा है। ये शब्द पहली बार 1959 में हिंदू महासभा नेता और जवाहरलाल नेहरू के कठोर आलोचक एन बी खरे द्वारा लिखित लेख ‘द एंग्री एरिस्टोक्रेट’ (The Angry Aristocrat) नामक लेख में पढ़े गए थे। यह लेख, नेहरू पर लिखी किताब ‘नेहरू का अध्ययन’ (A Study of Nehru) का एक हिस्सा था। इस किताब में कई राजनीतिक शख़्सियतो ने नेहरू पर टिप्पणियां की थीं।
दिलचस्प बात यह है कि खरे ने अपने इस लेख में दावा किया था कि यह नेहरू ही थे जिन्होंने अपनी आत्मकथा में ऐसा उल्लेख किया था कि वो खुद को हिंदू केवल संयोगवश कहते थे, लेकिन संस्कृति से मुस्लिम होने और शिक्षा से अंग्रेज होने का दावा करते थे।
हालांकि, जवाहरलाल नेहरू की आत्मकथा में ऑल्ट न्यूज़ को इस बयान का कोई संदर्भ नहीं मिला। यह एन बी खरे ही थे जिन्होंने खुद पहली बार नेहरू के नाम से इस कथित टिप्पणी का संदर्भ दिया था।
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब डॉ पात्रा ने नेहरू की आलोचना करने के लिए इस झूठे बयान का सहारा लिया है। इससे पहले भी रिपब्लिक टीवी पर एक बहस के दौरान उन्होंने इस झूठे बयान का उल्लेख किया था।
हाल ही में, डेक्कन क्रॉनिकल ने इस बयान को छापने और नेहरू को जिम्मेदार ठहराने के लिए खेद जाहिर किया व् माफी भी माँगी थी। सच्चाई यह है कि जवाहरलाल नेहरू ने इन शब्दों को कभी कहा ही नहीं था। जैसाकि हमने पहले भी देखा है, नेहरू दक्षिणपंथी वर्गों का पसंदीदा निशाना रहे हैं जो उन्हें बदनाम व् हिंदू विरोधी के रूप में चित्रित करने के लिए दृढ़ संकल्प रखते हैं, जैसा कि डॉ पात्रा ने किया है।
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