सुदर्शन न्यूज़ ने अपने एक बुलेटिन में कई ग़लत सूचनाएं दीं और ये दावा किया कि सिविल सेवा परीक्षाओं में मुस्लिम समुदाय के कैंडिडेट्स को फ़ायदा पहुंचाया जाता है. ऑल्ट न्यूज़ ने इस शो में इन्हीं ग़लत दावों पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी.

जब से मीडिया ने शोएब आफ़ताब के नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) में पहली रैंक लाने की बात रिपोर्ट की है, कई ट्विटर यूज़र्स राष्ट्रीय परीक्षाओं में ‘मुस्लिम घुसपैठ’ की बात को दोबारा तूल देने लगे. कई लोगों ने तंज़ कसते हुए कहा कि #NEETJihad क्यों नहीं ट्रेंड हो रहा.

ऐसे ही एक मज़ाकिया पोस्ट में कहा गया कि NEET के टॉप 5 रैंक मुस्लिम कैंडिडेट्स लाये हैं. और साथ में रैंक वाइज़ नाम लिखा है- शोएब आफ़ताब, ज़ीशान अशरफ़, यासिर हमीद, साजिद महमूद और सना मीर. इस पोस्ट को हिंदी और इंग्लिश दोनों में ट्विटर और फे़सबुक पर शेयर किया गया.

ट्विटर यूज़र @Asmaparveen77 ने लिखा, “शुऐब आफताब के साथ साथ टॉपर मे शामिल 5 मुस्लिम स्टूडेंट्स के नाम है [जिसके बाद रैंक और नाम हैं] वो जले हुए पकोड़े जेसी शक्ल वाला चवन्नी धारी गैंडा कोन सी गुफा मे छुपा बेठा है @Troll_Ziddi.” (आर्काइव लिंक)

एक अन्य ट्विटर यूज़र ने इन्ही नामों के साथ पोस्ट को लिखते हुए सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुरेश चव्हाणके की तस्वीर भी शेयर की. (आर्काइव लिंक)

नीचे दिए गये वीडियो से पता चलता है कि ये कितना वायरल हो रहा है.

मज़ाक को लोगों ने सच मान लिया

NEET की ऑफ़िशियल वेबसाइट के मुताबिक ग़ैर-आरक्षित श्रेणी के 5 टॉपर्स हैं – शोएब आफ़ताब, आकांक्षा सिंह, तुम्मल स्निकिथा, विनीत शर्मा और अम्रिषा खेतान.

शोएब आफ़ताब के अलावा जो 4 नाम वायरल हो रहे हैं वो काल्पनिक हैं. NEET 2020 ने जो परिणाम जारी किया है उसमें इन नाम वाला कोई कैंडिडेट नहीं हैं.

असल में 4 में से 3 नाम पाकिस्तानी क्रिकेटरों के हैं और साजिद महमूद इंग्लैंड के क्रिकेटर हैं. कई लोग पोस्ट के व्यंग्य को समझ नहीं पाए और कैंडिडेट्स को टॉप रैंक्स लाने की बधाई दे दी.

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NEET विवाद का सन्दर्भ

शेफ़ाली वैद्या और विवेक रंजन अग्निहोत्री समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने आकांक्षा सिंह के रैंक 2 आने पर सवाल खड़े किये थे क्यूंकि शोएब और आकांक्षा, दोनों ने ही बराबर स्कोर किया था. शेफ़ाली वैद्या और विवेक अग्निहोत्री के ट्वीटस को मिलाकर करीब 20,000 बार रीट्वीट किया गया था.

नीचे दिए गये स्क्रीनशॉट में NEET के टॉप 20 क्वालिफ़ायर्स के नाम हैं. मार्क्स के ऐसे 3 सेट हैं जिपर कैंडिडेट्स का टाई हुआ था लेकिन सबको एक ही रैंक नहीं दी गयी है.

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक शोएब को पहली रैंक इसलिए दी गयी थी क्योंकि परीक्षा के नियम के अनुसार ज़्यादा उम्र के कैंडिडेट्स को तरजीह दी जाती है. विवेक अग्निहोत्री और भाजपा सदस्य प्रीति गांधी ने कहा कि ये नियम वाजिब नहीं है.

हालांकि, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के NEET 2020 इनफॅ़ार्मेशन बुलेटिन (PDF देखें) में कहा गया है कि टाई ब्रेकर के लिए और भी अन्य कारकों को देखा जाता है.

इसके अलावा, NEET इकलौती परीक्षा नहीं है जिसमें टाई ब्रेक करने के लिए उम्र को तरजीह दी जाती है. UPSC (ऑफ़िशियल वेबसाइट का PDF देखें) और जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE, PDF का पेज 12) में भी कैंडिडेट्स की अन्य मेरिट के अलावा उम्र को देखा जाता है.

यानी, UPSC में मुस्लिम समुदाय के कैंडिडेट्स को फ़ायदा पहुंचाने वाले विवाद से जोड़ कर NEET पर एक मज़ाकिया पोस्ट कर दिया गया और कई लोगों ने इसे सच मान लिया. इसके अलावा, आकांक्षा सिंह के बराबर अंक हासिल करने के बावजूद शोएब आफ़ताब की पहली रैंक पर विवाद निराधार है, क्योंकि कई राष्ट्रीय परीक्षाओं में आयु को टाई-ब्रेकर के लिए एक मानक माना जाता है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.