“नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की खुशी में *मेक इन इंडिया* के तहत 2 करोड़ों युवाओं को *मुफ्त लैपटॉप* देने का ऐलान किया है, अभी तक 30 लाख युवा सफलतापूर्वक आवेदन कर चुके हैं अब आपकी बारी है अंतिम तिथि से पहले अपना आवेदन जल्द से जल्द सबमिट कर” – इस संदेश को व्हाट्सअप पर एक लिंक (modi-laptop.sarkaari-yojana.in) के साथ साझा किया जा रहा है।

व्हाट्सप्प पर बड़े पैमाने में एक सरकारी योजना के रूप में इसे साझा किया जा रहा है।

इसके अलावा इस संदेश को कुछ व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं द्वारा फेसबुक पर भी शेयर किया गया है।

नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की खुशी में *मेक इन इंडिया* के तहत 2 करोड़ों युवाओं को *मुफ्त लैपटॉप* देने का…

Posted by Ajay Dish on Thursday, May 23, 2019

ट्विटर पर भी यह संदेश शेयर हो रहा है।

साझा किया लिंक सरकारी वेबसाइट नहीं

संदेश में साझा किये गए URL में ‘सरकारी योजना’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इस वेबसाइट के संस्थापक ने यह दिखाने की कोशिश की है कि यह एक सरकारी वेबसाइट है।

कोई भी सरकारी वेबसाइट .gov से और कोई भी सरकरी योजना से संबधित वेबसाइट .nic से समाप्त होती है, लेकिन साझा की गई लिंक .in से समाप्त होती है। इससे मालूम होता है कि यह वेबसाइट फ़र्ज़ी है। उदहारण के तौर पर नीचे तस्वीर में दिखाई दे रही वेबसाइट केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (cbse.nic.in) और भारतीय जन संचार संसथान (iimc.nic.in) की है, जिसका अंत .nic हो रहा है।

इसके अलावा इस तरह की कोई भी घोषणा भारत सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। अगर ऐसी कोई घोषणा सरकार द्वारा की गई होती तो उसके बारे में अधिकृत वेबसाइट पर भी जानकारी साझा की जाती।

मात्र अफवाह है यह

सोशल मीडिया में किया गया दावा कि 2 करोड़ युवाओं को मुफ्त में लैपटॉप दिया जायेगा, यह गलत है। इस वायरल संदेश की जांच पुलिस द्वारा की गई, उन्हें मालूम हुआ कि यह वेबसाइट राजस्थान के नागौर में चलाई जा रही है। पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले राकेश जांगिड़ को गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, राकेश जांगिड़ IIT- कानपूर से इसी साल पोस्ट ग्रेजुएट हुए हैं। उन्होंने इस वेबसाइट को 23 मई को चुनाव के नतीजे के बाद खरीदा था। उनका मकसद पैसे कमाना और लोगों की निज़ी जानकारी को इक्क्ठा करना था, ताकि उसे बेचकर वह पैसा कमा सकें।

इस संदेश को पहले भी कई मीडिया संगठन जैसे BBC हिंदी, दैनिक भास्कर, आजतक ने खारीज किया है। इन मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी ही दो वेबसाइट, solor-panel.sarkaari-yojana.in और modi-laptop.wish-karo-yar.tk को भी झूठा साबित किया गया है।

इसके अलावा इस संदेश में दिए गए लिंक को खोलने पर पृष्टभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर दिखाई देती है। लिंक पर मांगी गई जानकारी को भरने के बाद एक अन्य पेज खुलता है, जिस पर दो सवाल पूछे गए है, पहला- “क्या आप पहले इस योजना का लाभ उठा चुके है?” और दूसरा सवाल है, “क्या आप अपने दोस्तों को इस योजना के बारे में बताएंगे?” इसके बाद इस संदेश को अन्य 10 व्यक्तियों को व्हाट्सअप पर भेजने के लिए अनिवार्य किया गया है।

हाल ही में ऐसे ही कुछ अन्य संदेश भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से जुड़ा हुआ एक अन्य संदेश भी सोशल मीडिया में वायरल है। जिसमें यह दावा किया गया है कि, “13 से 70 साल के 10 करोड़ लोगो को 5 लाख रुपये का निःशुल्क बीमा दिया जा रहा है।” और साथ में एक लिंक पर मांगी गई जानकारियों को भरने के लिए कहा गया है।

यह पहली बार नहीं है, ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी इस तरीके के वायरल संदेश की जांच की है। पिछले साल सरकार की तरफ से 500 रुपये का मुफ्त बैलेंस देने के झूठे दावे के साथ सोशल मीडिया में एक लिंक वायरल हुआ था। इसके अलावा सरकार की तरफ से मुफ्त में हेलमेट और साईकल बांटने की योजना बताकर भी सोशल मीडिया में एक संदेश वायरल था, जिसपर ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल आप यहां पर पढ़ सकते हैं। व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करने और विज्ञापनों के माध्यम से पैसा कमाने के उद्देश्य से बनाए गए ऐसे वेबसाइटस को URL देखकर पहली नज़र में पहचाना जा सकता है।

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.