“मधु ने 1 किलो चावल चुराया। उबैद, हुसैन और अब्दुल करीम की भीड़ ने इस गरीब आदिवासी पुरुष को पीट-पीटकर मार डाला…।” केरल में हाल ही में हुई पीट-पीटकर मारने की घटना के लिए वीरेंद्र सहवाग ने “भीड़” और इस घटना में मृतक व्यक्ति का नाम बताते हुए ट्वीट किया। मानसिक रूप से कमजोर आदिवासी व्यक्ति को चावल की एक थैली के लिए पीट-पीटकर मारने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। स्थानीय दुकान से सामान चुराने के संदेह पर भीड़ द्वारा क्रूरतापूर्वक पीटे गए, 30 वर्षीय मधु ने अस्पताल जाते हुए दम तोड़ दिया। हालांकि इस हत्या की व्यापक रूप से भर्त्सना सभी तबकों द्वारा की गई है लेकिन जानी-पहचानी संदिग्ध वेबसाइट शंखनाद ने इस मौके का फायदा उठाकर इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया। हम भीड़ के बारे में क्या जानते हैं? क्या इसमें केवल वे तीन लोग ही थे जिनका नाम सहवाग ने दिया है?
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने सेल्फी लेने वाले व्यक्ति, उबैद सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। समाचार की खबरों में जिन सात लोगों के नाम बताए गए हैं, उनमें हुसैन मुहम्मद, मनु दामोदरन, अब्दुल रहमान, अब्दुल लतीफ, अब्दुल करीम, एपी उमर और माथचन जोसफ शामिल हैं।
एनडीटीवी की केरल ब्यूरो प्रमुख, स्नेहा कोशी ने गिरफ्तार लोगों की एक लंबी सूची पेश की है।
It's is a crime to name accused from only one religion . Here is the name of all arrested. Aneesh, Hussain, Shamshudeen, Radhakrishnan, AbuBakkr, Jaijimon, Ubaid, Najeeb, Abdul Kareem, Harish, Biju, Muneer, Sateesh! Do you have the courage to put out all names, @virendersehwag ? https://t.co/C3jB3QVGHR
— Sneha Koshy (@SnehaMKoshy) February 24, 2018
लोगों की मिली-जुली भीड़ में से केवल मुसलमान नामों को छांटकर हाइलाइट करने की सहवाग की कोशिश को ट्विटर पर बहुत सारे लोगों ने नोटिस किया। वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने जोर देकर बताया कि गिरफ्तार होने वाले 16 लोग अलग-अलग धर्म को मानने वाले लोग हैं।
16 arrested belong to various faiths. This crime is awful enough and killers need severest punishment. Communalising it is unfortunate & unexpected of an icon like Sehwag https://t.co/KdOjOoRnlq
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) February 24, 2018
सोशल मीडिया पर हंगामा मचने के बाद, सहवाग ने अपने ट्वीट में अधूरी और गुमराह करने वाली सूचना देने के लिए अब माफी मांग ली। हालांकि नुकसान हो चुका था क्योंकि उनके ओरिजनल ट्वीट को ट्विटर पर 12,000 बार से अधिक शेयर किया गया।
अभी सहवाग ने अपने दोनों ट्वीट डिलीट कर दिए हैं। हालांकि सहवाग के भ्रम फैलाने वाले ट्वीट ने ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, लेकिन इस बात से दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी बेहद उत्साह में आ गए कि यह घटना केरल में हुई और संदिग्ध लोगों में मुसलमान शामिल हैं। ‘‘अब हंगामा क्यों नहीं हो रहा?‘‘ कुछ लोगों ने पूछा हालांकि यह घटना काफी चर्चा में है। सांप्रदायिक भावना भड़काने के इस अवसर को न चूकते हुए, दूसरे लोगों ने कहा, ‘‘कोई हंगामा नहीं हो रहा क्योंकि इस राज्य में सीपीएम सत्ता में है और मरने वाला व्यक्ति मुसलमान नहीं है।‘‘
Madhu, a 27 years old tribal youth was beaten to death by a group of over 16 people.
His crime- He allegedly stole some…Posted by Shankh Naad on Friday, 23 February 2018
हालांकि आदतन झूठी खबरें फैलाने वाली शंखनाद जैसी वेबसाइट से ऐसा ही व्यवहार होने की पूरी उम्मीद थी लेकिन यह देखना दुर्भाग्य है कि देश की शान कहे जाने वाले सहवाग जैसे खिलाड़ियों ने छांट-छांटकर मुसलमान नामों का ट्वीट करके विभाजनकारी शक्तियों को मदद पहुंचाई।
अभी हाल ही में, गुड़गांव में एक स्कूल बस पर हमले के बाद, सोशल मीडिया पर आरोपियों के रूप में पांच मुस्लिम नाम प्रचारित किए गए। यह एक जाना-पहचाना पैटर्न है। ऐसी हरेक घटना के बाद, सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और समुदायों का ध्रुवीकरण करने के सामूहिक प्रयास किये जाते हैं।
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