सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले पोस्ट के अनुसार, पाकिस्तान आर्थिक तंगी से इस तरह जूझ रहा है कि अब यह अपनी राष्ट्रीय संपत्ति बेचने पर मजबूर हो गया है। समस्या की गंभीरता इस बात से समझ में आती है कि विश्व बैंक ने पाकिस्तान को दिए गए 83 अरब डॉलर का लोन चुकाने को कहा है और अगर पाकिस्तान ऐसा करने में नाकाम होता है तो कराची बंदरगाह नीलाम कर दी जाएगी।

इसमें ऐसा लिखा गया है, “पाकिस्तान के ऊपर 83 अरब डॉलर का कर्ज है उनके जेब मे 3 अरब डॉलर है। वर्ल्ड बैंक ने कहा पैसा चुकाये नही तो कराची बंदरगाह नीलाम करने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा”

वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को कहा – कर्ज चुकाओ वरना कर देंगे – कराची बंदरगाह को नीलाम
जिस व्यक्ति की कूटनीति से चीन जैसा म…

Posted by Akash Shivnarayan Soni आकाश सोनी on Saturday, 17 February 2018

यह सन्देश आकाश सोनी ने 18 फरवरी को अपने फेसबुक पेज से साझा किया था जिसे 8000 से अधिक बार शेयर किया गया है। यह सन्देश पाकिस्तान के बारे में एक अपमानजनक दावा करता है और इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी जी की सफल विदेश निति को जिम्मेदार ठहराता है। सोनी फेसबुक पर कई ऐसे पेज चलाते हैं जो भाजपा के समर्थन में हैं।

दिलचस्प बात यह है कि इस सन्देश में जो कुछ भी लिखा है, यूट्यूब पर उसे इसी तरह विडियो बनाकर पेश किया गया है और इस विडियो को व्यापक संख्या में देखा भी गया है। एक यूट्यूब आधारित चैनल Only News 24X7 ने 3 फरवरी, 2018 को इस विशेष वीडियो को अपलोड किया है, जिसके करीब 6,50,000 सब्सक्राइबर्स हैं।

इसे यूट्यूब पर 1,80,000 से अधिक बार देखा गया है और फेसबुक पर कुछ पेजों और समूहों में व्यापक रूप से साझा किया गया है। एक फेसबुक पेज ‘बार बार मोदी सरकार – Modi Forever‘ पर इस विडियो को 60,000 से अधिक बार साझा किया गया है।

यह ट्रेंड ट्विटर पर भी देखा जा सकता है, जहाँ कई यूजर्स ने यह ट्वीट किया कि कैसे पाकिस्तान को विश्व बैंक ने अल्टीमेटम दिया है। गौरव प्रधान भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने इस बारे में ट्वीट किया। उनको प्रधानमंत्री मोदी भी ट्वीटर पर फॉलो करते हैं। प्रधान ने पहले भी कई बार ट्विटर पर नकली खबरें फैलाई है।

वायरल करने वालों में सबसे पहला दैनिक भारत है जिसने यह खबर प्रसारित किया। दैनिक भारत को पहले भी कई बार ऑल्ट न्यूज़ ने फर्जी खबर फ़ैलाते हुए पकड़ा है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस खबर का कोई भी सन्दर्भ नहीं था। गूगल न्यूज़ पर “World Bank” और “Karachi port” कीवर्ड्स से एक सामान्य सी खोज में कोई परिणाम नहीं मिला।

ऑल्ट न्यूज़ ने आर्काइव न्यूज़ (संरक्षित समाचार) पर भी इस खबर को ढूंढने की कोशिश की लेकिन इस दावे का कोई परिणाम नहीं मिला। इसके अलावा, यह समझ से बाहर है कि प्रमुख समाचार संगठन कराची बंदरगाह की ऐसी नाटकीय खबरों से बेखबर रहेगा, जो कि लोन भुगतान के डिफ़ॉल्टर होने पर कराची बंदरगाह के बंद होने से सम्बंधित है। यह समाचार सबसे पहले ट्विटर पर नवम्बर, 2017 में फैलाया गया था, अभी तीन महीने बाद भी फेसबुक और ट्विटर पर यह वायरल है।

जितनी संख्या में यह सोशल मीडिया के कई प्लेटफोर्म के माध्यम से पेजों और ग्रुपों में साझा किया जा रहा है इस तथ्य से इसे अफवाह होने का पता चलता है, और सिर्फ तीन महीने में हजारों लोगों ने इसे देखा है। इस झूठ को प्रमाणिकता कहीं से नहीं बल्कि क्लिकों और शेयरों के माध्यम से दी गयी। साथ ही, प्रसारित किये गए संदेश पड़ोसी देश की निंदा और एक राजनीतिक पार्टी या नेता की प्रशंसा जैसे सामान्य विषयों के आसपास केंद्रित है। वास्तविक मुद्दों को छुपाने की कोशिश की जा रही है ताकि वे सार्वजनिक बहस का मुद्दा न बन सके।

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