ऑल्ट न्यूज पर हमने ऐसे फर्जी वीडियो और फर्जी खबरों के बारे में कई पोस्ट लिखे हैं जिन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित किया जाता है। जितनी बड़ी तादाद में झूठी खबर मौजूद है, उसमें फिलहाल मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि कोई भी व्यक्ति जो सोशल मीडिया पर वायरल हुए किसी फेक वीडियो या झूठी खबर को अनजाने में फॉरवर्ड करता है, उसपर आईपीसी की ऐसी धाराएँ नहीं लगाई जानी चाहिए जिनमें दोषी पाये जाने पर जेल की सजा हो सकती है। नादानी की वजह से जेल भेजना सही नहीं है। और अगर हम झूठे व्हाट्सऐप फॉरवर्ड के लिए लोगों को जेल भेजना शुरू करें तो भारत की एक बड़ी आबादी को जेल भेजना पड़े, इसके बजाय अच्छा-खासा जुर्माना लगाना इसे रोकने का अच्छा तरीका हो सकता है।

हालांकि कोई वेबसाइट या सोशल मीडिया एकाउंट जैसे कि फेसबुक पेज जो लगातार और जानबूझकर झूठी खबरें, वीडियो और तस्वीरें फैलाता है, उसके खिलाफ ऐसे मामलों के लिए कानून के दायरे में आने वाली सबसे गंभीर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन समस्या यह है कि इन फर्जी समाचार वेबसाइटों में से कई वेबसाइटों में उनको चलाने वाले की पहचान छिपाकर रखी जाती है और तकनीक की अधिक जानकारी न रखने वाले लोगों के लिए यह पता लगाना मुश्किल होता है कि असल में इन वेबसाइटों को कौन चला रहा है। यदि आप पुलिस के पास जाकर यह शिकायत करें कि यह वेबसाइट फर्जी समाचार फैला रही है तो आम तौर पर पुलिस इन फर्जी समाचार वेबसाइट के बारे में जाँच करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती और ऐसी नकली वेबसाइट चलाने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। इसका नतीजा यह है कि आज हमारे यहाँ दर्जनों ऐसी फर्जी समाचार वेबसाइट हैं जो अनियमित रूप से नकली खबर तैयार कर रही हैं और इनमें से बहुत सारी खबरें हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए खतरनाक है।

कई सारी फर्जी समाचार वेबसाइट के पीछे मौजूद लोगों को ढूँढने में मदद करने के लिए, हम लेखों की एक श्रृंखला चलाएंगे ताकि इन फर्जी समाचार वेबसाइटों से परेशान लोगों और पुलिस को अपनी जाँच में मुश्किल का सामना न करना पड़े। वेबसाइट को चलाने वाले का ब्यौरा सामने लाने के साथ-साथ, हम संक्षेप में वह तरीका भी समझाएंगे ताकि दूसरे लोग भी इसका फायदा ले सकें। आइए पहले मामले के तौर पर हम DainikBharat.org (दैनिकभारत डॉट ऑर्ग) से शुरू करते हैं। हमने कम से कम तीन मौकों पर दैनिकभारत को झूठी खबरें फैलाते हुए पकड़ा है।

रवीश कुमार के खिलाफ झूठा प्रचार, जिसमें किसी अनजान को उनकी बहन बताकर उसे भ्रष्‍टाचार के आरोपों की वजह से निलंबित बताया गया – go.altnews.in/2qt2w4s
किस तरह फर्जी समाचार में न्यूज लॉन्ड्री की मधु त्रेहन को फिल्म बाहुबली पर उनकी ऐसी टिप्‍पणी के लिए वामपंथी करार दिया गया जो उन्होंने कभी की ही नहीं थी – go.altnews.in/2pVTLzO
नकली फतवे की पड़ताल करते हुए, सामने आया फर्जी समाचार तंत्र का काला सच- go.altnews.in/2qsyoG2

ऐसे कई मामले मौजूद हैं जिनमें दैनिक भारत झूठी खबरें फैलाते हुए पकड़ा गया है जिनमें जेएनयू चुनाव में जीत के जश्‍न की 2 वर्ष पुरानी फ़ोटो दिखाकर यह बताना कि जेएनयू के छात्र सुकमा हमले पर खुशी मना रहे है, फ़वाद खान की ऐसी टिप्‍पणी जो उन्होंने कभी नहीं की और पाकिस्‍तान ने ममता बनर्जी की प्रशंसा की शामिल हैं।

DainikBharat.org लगातार झूठी खबरें फैलाने वाली वेबसाइट है और झूठी खबर से प्रभावित लोगों को जानना चाहिए कि इस वेबसाइट के पीछे कौन है। आम तौर पर मैं किसी डोमेन नाम की WHOIS जानकारी देखकर शुरुआत करता हूँ जिससे नाम, पता, फ़ोन नंबर और ईमेल पता जैसे विवरण मिल जाते हैं जिनका इस्तेमाल करके किसी डोमेन नाम को पंजीकृत कराया जाता है, बशर्ते इन विवरणों को किसी भुगतान सेवा का उपयोग कर नकाबपोश नहीं किया गया हो/छिपाया नहीं गया हो। यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी होती है। जैसा कि इस पोस्‍ट में मौजूद छोटी से छोटी सूचना भी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है यदि व्यक्ति जानता हो कि इन्हें कहाँ खोजना है। इस पोस्‍ट के अंत में हम देखेंगे कि किस तरह दैनिक भारत वेबसाइट को चलाने वाले के खिलाफ संभवत: एक एफ़आईआर इस वेबसाइट के शुरू होने से पहले ही दर्ज हो चुकी थी। इस मामले में, WHOIS जानकारी यहाँ https://www.whois.com/whois/dainikbharat.org उपलब्ध है। इसी तरह, कोई व्‍यक्ति whois वेबसाइट पर जाकर किसी डोमेन के बारे में जानकारी देख सकता है। आइए DainikBharat.org की whois जानकारी पर नजर डालें।

Whois information of DainikBharat.org

इसके अनुसार, पंजीकृत व्यक्ति का नाम शशि सिंह है, ईमेल पता [email protected] है, फ़ोन नंबर +91-9728987971 और यह डोमेन फ़रवरी 2016 में पंजीकृत कराया गया था।

मैं आम तौर पर Wayback Machine नामक एक सेवा उपयोग करता हूँ जो पूर्व के अलग-अलग समय पर वेबसाइटों के स्नैपशॉट लेती है। मैं यह देखने के लिए इसका इस्तेमाल करता हूँ कि वेबसाइट का प्रारंभिक संस्करण कैसा दिखता था। फ़रवरी 2016 में DainikBharat.org इस तरह दिखती थी। यह web.archive.org पर उपलब्ध दैनिकभारत का सबसे पुराना स्नैपशॉट है => http://web.archive.org/web/20160207052035/dainikbharat.org। यदि आप वेबसाइट के आर्काइव्ड वर्जन पर नीचे स्क्रोल करें तो आपको यह दिखाई देगा।

Dainik Bharat web.archive.org whatsapp number

दैनिक भारत को चलाने वालों ने अपनी वेबसाइट के आरंभिक वर्जन में एक व्हाट्सऐप नंबर दिया था जो डोमेन पंजीकरण के समय दिए गए उनके फोन नंबर से मेल खाता है। हालांकि शशि सिंह नाम काफी सामान्‍य नाम है और [email protected] ऐसे ईमेल पते जैसा नहीं लगता है जिसका इस्तेमाल आधिकारिक पत्राचार के लिए किया जाएगा, लेकिन फ़ोन नंबर “9728987971” एक ऐसी विशिष्‍ट सूचना है जिससे हम आगे की जानकारी हासिल कर सकते हैं। अगर हम इस नंबर को truecaller पर देखें तो कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आती है। इसमें दिखता है कि नाम ”विकी विकी” है जो कोई असली नाम नहीं लगता है। इसलिए हमने इस नंबर को गूगल पर सर्च किया और हमें दिखा कि यह नंबर दैनिक भारत के फेसबुक पेज पर कम से कम दो बार उल्‍लेखित किया गया है।

Googling Ravi Singh's phone number

हम उनमें से एक पोस्ट को खोलते है जिसका उल्‍लेख गूगल खोज परिणामों में हुआ है।

Dainik Bharat post which shows Ravi Singh is the Chief Editor

इस पोस्ट में भी फिर से उसी व्हाट्सऐप नंबर का उल्‍लेख किया गया है जो पहले दिखा था और इसके अलावा बताया गया है कि रवि सिंह, दैनिक भारत के मुख्‍य संपादक है। इसके बाद हमने गूगल में सर्च किया ‘”ravi singh” dainik bharat’।

Ggoogle Search results for Ravi Singh Dainik Bharat

इस खोज से एक फेसबुक पेज (https://www.facebook.com/RaviSingh216), एक लिंक्डइन अकाउंट, स्‍वयं दैनिक भारत वेबसाइट में ”रवि सिंह” का कुछ जगहों पर उल्‍लेख और कुछ और ट्विटर लिंक्स सामने आए। हम रवि सिंह के बारे में जानकारी जुटाने के लिए इन सभी खोज परिणामों का उपयोग करेंगे। आइए हम लिंक्डइन अकाउंट से शुरू करते हैं।

Ravi Singh Dainik Bharat Linkedin Profile

अब हमारे पास इस नाम के साथ-साथ एक चेहरा भी है। रवि सिंह ने अपने लिंक्डइन प्रोफ़ाइल में बताया है कि वह दैनिक भारत के मुख्‍य संपादक है। लेकिन यह रवि सिंह कौन है और उनके सहयोगी कौन हैं? अधिक जानने के लिए, हमने उस फ़ेसबुक पेज पर क्लिक किया जिसे हमने ऊपर गूगल सर्च परिणाम में देखा था(https://www.facebook.com/RaviSingh216)। बदकिस्मती से यह फ़ेसबुक पेज डिलीट कर दिया गया है। लेकिन हमारी खुशकिस्‍मती यह है कि गूगल द्वारा एक अनिर्धारित अवधि तक इंटरनेट पर कई चीजों का कैश रखा जाता है और वहाँ पर रवि सिंह के अब डिलीट कर दिए गए पेज का कैश मौजूद है => http://bit.ly/2qS45sB। यदि कभी गूगल लंबे समय से निष्क्रिय लिंक को अपने कैश से डिलीट करने का निर्णय लेले इसलिए कैश का बैकअप ले लेना सबसे अच्‍छा है। इसके लिए, हम “archive.is” नामक सेवा का उपयोग करेंगे जो काफी हद तक web.archive.org सेवा के समान है जिसे हमने पहले देखा था। web.archive.org वेबसाइट स्नैपशॉट रखने वाली एक स्वचालित सेवा है, वहीं archive.is द्वारा मांग के मुताबिक वेबसाइट के बैकअप रखे जाते हैं। हमने रवि सिंह के अब डिलीट किए जा चुके फ़ेसबुक पेज के गूगल कैश का बैकअप यहाँ रखा है => http://archive.is/IiMpd

Ravi Singh Deleted Facebook Page

रवि सिंह के फ़ेसबुक पेज के गूगल कैश वर्ज़न में आरएसएस विचारक विनायक दामोदर सावरकर की फ़ोटो लगी है। यदि आप पेज में नीचे जाएँ तो आपको दैनिक भारत वेबसाइट के कई लिंक शेयर किए हुए दिखेंगे जो बताते हैं कि हम उसी रवि सिंह को देख रहे हैं जो खुद को दैनिक भारत वेबसाइट का मुख्‍य संपादक बताते है। अगर हम और नीचे स्क्रोल करें तो हमें कुछ तस्वीरें दिखेंगी जो रवि सिंह ने हिंदू सेना नामक पेज से शेयर की हैं। इन तस्वीरों में, वे ‘being Hindu’ नारे वाली टी-शर्ट का प्रचार करते दिखते हैं जो उन्होंने अपने समर्थकों को बेची।

Ravi Singh shared Hindu Sena pictures

हमारे लिए अच्‍छी बात यह है कि हिंदू सेना का पेज अभी भी मौजूद है और हम इन तस्वीरों को यहाँ देख सकते हैं => https://www.facebook.com/HinduSenaOfficial/posts/891274427588221। हमने इन तस्वीरों को डाउनलोड कर लिया जो अब यहाँ उपलब्ध हैं।

इन तस्वीरों में छोटे कद वाला व्यक्ति विष्‍णु गुप्ता है जो खुद को हिंदू सेना का संस्थापक और राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष कहते है। उन पर शारीरिक हमले और तोड़फोड़ करने जैसे कई मामलों के इल्जाम है। अभी कुछ दिनों पहले भी वह खबरों में थे क्योंकि उनकी टीम ने डोनाल्ड ट्रंप का जन्मदिन मनाया था, डोनाल्ड ट्रंप के बड़े से पोस्‍टर पर केक लगाया और चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के लिए ‘हवन पूजन’ किया।

Vishnu Gupta Twitter Profile

इस फ़ोटो को ज़ूम करने पर दिखेगा कि विष्‍णु गुप्ता के पास जो व्यक्ति खड़ा है वो रवि सिंह ही है। नीचे हमने रवि सिंह के लिंक्डइन फ़ोटो की तुलना विष्‍णु गुप्ता के साथ खड़े आदमी के कट-आउट के साथ की। हमने पाया कि इन दोनों के चेहरे-मोहरे में काफी समानता है।

Ravi Singh Zoomed In

असल में, रवि सिंह की पहचान ट्विटर हैंडल द्वारा भी की गई थी।

Ravi Singh HIndus For Trump
Ravi Singh old Twitter account

रवि सिंह के ट्विटर हैंडल का नाम अब @rrksingh21 से बदलकर @realravii हो गया है और यहाँ कोई भी उनका ट्रंप के लिए प्रार्थना करने वाले वीडियो और फ़ोटो पोस्ट देख सकता है जो हिंदू सेना ग्रुप ने अपने ट्विटर प्रोफ़ाइल पर डाली थीं।

VIdeo: we prayed god to make realdonaldtrump US president to wipe out islamic terror from globe.

रवि सिंह के बारे में और क्‍या जानकारी हमें मिल सकती है? रवि सिंह के लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के अनुसार, दैनिक भारत शुरू करने से पहले, रवि सिंह ‘रेनोवेट एन केयर’ नाम की कंपनी में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के तौर पर काम करते थे। जब हमने ‘”ravi singh” renovate n care’ को गूगल पर सर्च किया तो हमें एक और फ़ोन नंबर मिला। Truecaller ने यह नंबर भी रवि सिंह का बताया। ‘renovate n care 7053161976’ को गूगल में सर्च करने पर, हमें रवि सिंह का ईमेल पता => [email protected] भी मिल गया।

Ravi Singh renovate n care
Ravi Singh Truecaller 7053161976
Ravi Singh Email address

आम तौर पर लोग कई सोशल मीडिया अकाउंट में एक ही यूज़रनेम का बार-बार इस्‍तेमाल करते हैं। इसलिए हमने “iamravi216” के लिए गूगल सर्च की जोकि जीमेल के लिए रवि सिंह का यूज़रनेम है। और हमें यह मिला। ऐसा साफ देखा जा सकता है कि @iamravi216 ट्विटर एकाउंट ने कुमार विश्‍वास की एक लड़की के साथ झूठी तस्वीर लगाई थी जिस कारण @iamravi216 ट्विटर एकाउंट वाले व्यक्ति के खिलाफ एक एफ़आईआर दर्ज कराई गई। उस व्यक्ति का नाम भी रवि सिंह है और इसी नाम के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज कराया गया था।

Google Search Results for iamravi216

संबंधित ट्वीट के स्क्रीनशॉट ये रहे।

Rightwing goon Ravi Singh @iamravi216 posted random pic of a vol & KV on FB after media stories
He @iamravi216 share it on his page Facebook.com/RaviSingh216 and right wing & BJP trolls started spreading it on Whatsapp & FB
This photo reaches the girl in the poster created by @iamravi216 & she filed an FIR against this guy and few other.
Here is the copy of FIR which names @iamravi216 and 3 other people. Delhi police still not able to trace them.

ऊपर दूसरे ट्वीट में, यह बताया गया है कि रवि सिंह ने मूल रूप से वह तस्वीर अपने फ़ेसबुक पेज “facebook.com/ravisingh216” पर पोस्ट की थी जिसके बारे में हमने ऊपर देखा था कि यह दैनिक भारत के संपादक रवि सिंह का फ़ेसबुक पेज है। अगर दिल्ली पुलिस की मर्जी होती तो वे वर्ष 2015 में ही इस आदमी को पकड़ सकती थी जिससे वह दैनिक भारत नाम की फर्जी समाचार वेबसाइट नहीं बना पाता, जो उसने वर्ष 2016 में पंजीकृत करवाई। हालांकि दिल्ली पुलिस की इच्‍छा की कमी की वजह से, अब हमारे सामने एक पूरी तरह सक्रिय फर्जी समाचार वेबसाइट मौजूद है।

हम यह जान चुके हैं कि रवि सिंह कौन है। उनके दो फ़ोन नंबर 9728987971 और 7053161976 हैं, उनका ईमेल पता [email protected] है, और कुमार विश्‍वास के साथ आम आदमी पार्टी की किसी वालंटियर के साथ झूठी तस्वीर फैलाने और इनके बीच अफ़ेयर होने की बात कहने के लिए संभवत: उनके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज हुई है। जेएनयू छात्रों की ओर से भी DainikBharat.org के खिलाफ एफ़आईआर कराई गई थी जब इस वेबसाइट ने चुनावी जश्‍न की पुरानी फ़ोटो को सीआरपीएफ़ जवानों पर सुकमा नक्सल हमले की खुशी मनाते हुए बताकर प्रचारित किया था। गूगल के शुरुआती परिणामों में ही हमने देखा कि रवि सिंह का नाम दैनिक भारत वेबसाइट में सामने आया। जब हमने इसके बारे में आगे छानबीन की तो पाया कि रवि सिंह फिलहाल इस फ़ेसबुक पेज => https://www.facebook.com/profile.php?id=100008537796839 का इस्तेमाल कर रहे है।

Ravi Singh's present Facebook profile

इस तरह अब हमारे पास रवि सिंह जोकि इस वेबसाइट के मुख्‍य संपादक है उनकी सारी जानकारी है। उम्‍मीद करते हैं कि अगली बार जब इनके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज कराई जाएगी तो दिल्‍ली पुलिस के पास मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त जानकारी होगी। या क्या दिल्‍ली पुलिस के पास यह जानकारी पहले से है जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है जैसा कि इस पोस्ट से प्रमाणित होता है, तो क्या वह कारण है जिन कारणों से दिल्‍ली पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहती है?

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