कुछ दिन पहले #ISupportRohitSardana नाम से एक ट्विटर हैशटैग कल देर तक ट्रेंड करता रहा. रोहित सरदाना भाजपा समर्थक जी न्यूज़ के स्टार एंकर और मोदी भक्तों की आँखों के तारे हैं. उनके लिए समर्थन मांगने की क्या ज़रूरत पड़ गयी? भक्तों का दावा है कि अपने एक शो में किसी मौलाना से अल्लाह के पैदा होने का सबूत मांग लेने के कारण उनके खिलाफ 150 फतवे जारी कर दिए गए. सरदाना के समर्थन में की गयीं कई ट्वीट्स तो सैंकड़ों बार रीट्वीट हुईं. नीचे इसका एक नमूना देखें:

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बाद में मालुम हुआ कि ऐसा कोई फतवा आया ही नहीं और यह एक कोरी गप्प्प थी. इस बात का खुलासा खुद रोहित सरदाना ने अपने ट्विटर अकाउंट पे किया.

rohit sardana jhoota fatwa

ऐसे में सवाल लाजिमी है कि फतवे की यह झूठी खबर उडी कहाँ से? कई संघी वेबसाइटस ने फतवे की यह खबर चलायी, जिनमें logicalbharat.com, dainikbharat.org, hindutva.info, newspur.in, thelotpot.com आदि शामिल हैं.

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इस खबर को चलने वाली जो साइट्स मेरी नज़र में आ पायीं उनके लिंक इस प्रकार हैं:

लिखे जाने के समय तक dainikbharat.org की लिंक फेसबुक पर 25214 बार, hindtuva.info की 17019 बार व newspur.in की 10109 बार शेयर की जा चुकी हैं. जिन छह साइट्स का ऊपर ब्यौरा दिया गया है, उनके फेसबुक पेज पर शेयर किये गए इस लिंक का कुल योग लिखने के समय तक 52208 है. दक्षिणपंथी रुझान रखने वाली कुछ अन्य साइट्स ने भी इस फर्जी खबर को पोस्ट किया होगा. ट्विटर व फेसबुक में ट्रेंड होने से लेकर इन वेबसाइटस तक, लाखों लोगों ने इस खबर को देखा है. सवाल है कि इस सब की शुरुआत कहाँ से हुई?

dainikbharat.org के अनुसार खबर का स्त्रोत hindutva.info है. पर जहाँ hindutva.info में यह खबर पब्लिश होने का समय 26 मार्च 2017 की सुबह ग्यारह बजकर सत्रह मिनट है, फेसबुक पर किये गए सर्च के अनुसार यह लिंक newspur.in पर उसी दिन सुबह नौ बजकर अट्ठारह मिनट पर शेयर हुआ था. संभवतः यही वह वेबसाइट है जहाँ से यह खबर फैली है.

हमारा अगला काम यह पता लगाना था कि इस वेबसाइट को चलने वाला कौन है. ज्यादातर ऑपरेटिंग सिस्टम्स में वेबसाइट के मालिक (डोमेन यूजर) का पता लगाने के लिए ‘हुइज’ (whois) नामक कमांड प्रोग्राम मौजूद रहता है. मालुम होता है कि newspur.in का मालिक सुभाष चौधरी नामक शख्स है, जिसके पास sanantansanskriti.org व dainikhindu.org नाम के दो और डोमेन हैं. नीचे तस्वीर में इसका तकनीकी खाका दिया गया है:

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sanatansanskriti.org पर एक नज़र दौडाने के दौरान हमें ‘क्या दुनिया का पहला परमाणु बम अश्वत्थामा ने छोड़ा था?’ और ‘टेस्ट ट्यूब तकनीक नयी नहीं है, सालों पहले महाभारत में हो चूका है ज़िक्र’ जैसे फीचर लेख मिलते हैं. साफ़ है कि यह हिन्दू मिथकों के नाम पर विज्ञान का मखौल उड़ाने वाली फर्जी जानकारियों को पोस्ट करने वाली साईट है.

सुभाष चौधरी को ऐसे फर्जी खबर या जानकारियाँ फैलाने वाले पोर्टल चलाकर क्या मिलता है? क्या है उसका प्रेरणा स्त्रोत? हमें newspur.in पर सुभाष चौधरी की फेसबुक प्रोफाइल का लिंक मिला => https://www.facebook.com/aslisubhash. उसकी प्रोफाइल कहती है कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल व विहिप का सक्रीय कार्यकर्ता है.

उसकी टाइमलाइन पर एक हालिया पोस्ट में फीलिंग हैप्पी’ स्टेटस के साथ adnow नामक कंपनी से 16000 रुपये प्राप्त होने पर ख़ुशी व्यक्त की गयी है. पेज का 80% हिस्सा विज्ञापनों से भरा पड़ा है.

newspur.in वेबसाइट खोलने पर उभरकर आने वाले विज्ञापनों के कुछ नमूने आप नीचे तस्वीर में देख सकते हैं. ‘सनातन संस्कृति’ के नाम पर वेबसाइट चलाने वाला यह व्यक्ति अपने पेज के विज्ञापनों में ‘संस्कारों’ का बहुत ख्याल रखता नहीं दीखता.

देखा जा सकता है कि सोलह हज़ार रुपये माह के एवज़ में यह नौजवान एक फर्जी सूचना तंत्र चला रहा है जिससे लाखों लोगों तक नकली खबरें पहुंचाई जा रही हैं.

अनुवाद, Akshat Seth के सौजन्य से।
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