प्रधानमंत्री मोदी और राजनाथ सिंह की दो नकली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है। राजनाथ सिंह जिस तस्वीर में है, वह तस्वीर एक फिल्म का हिस्सा है, उस फिल्म के एक दृश्य की तस्वीर का फोटोशॉप किया गया है। आप देख सकते है कि इस तस्वीर में एक पुलिस इंस्पेक्टर एक राजनेता के पैरों पर है। उस फ़िल्मी किरदार का चेहरा राजनाथ सिंह के चेहरे से फोटोशॉप करके बदल दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी की नकली तस्वीर में उन्हें जमात-उद-दवा के प्रमुख हाफिज सईद के साथ दिखाया गया है। हाफिज सईद को 26/11 को मुंबई में हुए हमले और नरसंहार के मामले में चार्जशीट किया गया है और वह NIA की ‘मोस्ट वांटेड लिस्ट’ में है। हालाँकि, असली तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ का एक दुसरे के साथ हाथ मिलाते हुए है।

ये दोनों तस्वीरें कांग्रेस से जुड़े लोगो ने ट्विटर पर पोस्ट की। जहाँ आलमगीर रिजवी ने अपने आप को ‘फ्रेंड्स ऑफ़ कांग्रेस‘ वेबसाइट पर NRI टीम के सोशल मीडिया वालंटियर के रूप में सूचीबद्ध किया है, वही अरशद चिश्ती के ट्विटर बायोग्राफी पर उनके कांग्रेस के IT सेल के सदस्य होने की बात है। आलमगीर रिज़वी को कई बार उनके तस्वीर के नकली होने की बात बताये जाने पर भी उन्होंने यह तस्वीर नहीं हटाई। अंत में कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने तस्वीर को रीट्वीट करते हुए कहा की, “अगर ये सच है, तो वाकई बहुत ही अतिशय है। दंग कर देने वाली यह तस्वीर समझ के परे है। (अनुवाद)”

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यह पोस्ट लिखे जाते समय तक दोनों ही ट्वीट हटाये जा चुके है। तस्वीर के फोटोशॉप होने की बात पता चलते ही संजय झा ने माफ़ी मांगते हुए अपने रीट्वीट को वापस ले लिया है।

असली तस्वीरें जिनका फोटोशॉप किया गया, आप यहाँ देख सकते है।
actual images modi-rajnath fake

राजनाथ सिंह वाली तस्वीर तो काफी समय से चल रही है। सबसे पहले इस तस्वीर का भंडाफोड़ SMHoaxSlayer ने की थी।

मोदी-हाफिज की नकली तस्वीर पिछले डेढ़ साल से सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है। इस मुद्दे को मुख्यधारा मीडिया ने भी रिपोर्ट किया है।

वे सारे लोग, जो इन तस्वीरों को बार बार घूमाते है, वे सोशल मीडिया पर काफी समय से सक्रिय है और इस बात से भली भांति वाकिफ है कि राजनैतिक प्रभुता को बढ़ावा देने वाली ये तस्वीरें नकली है। फिर भी वे ऐसी संदिग्ध तस्वीरों को अपलोड करने से पूर्व सत्यापित करने से इंकार करते है।

अगर एक पुलिस अफसर सच में राजनाथ सिंह के पैर पड़ता, तो यह खबर राष्ट्रीय समाचार बनती। अगर ये वाकई में हुआ होता तो ऐसा हो ही नहीं सकता की संजय झा जैसे वरिष्ठ नेता ने यह खबर ना सुनी हो। फिर भी ‘अगर ये सच है तो (अनुवाद)’ जैसे कथाचित्र का इस्तेमाल इस तस्वीर के साथ किया गया। ठीक वैसे ही, अगर प्रधानमंत्री मोदी हाफिज सईद से मिलते, तो ये खबर राष्ट्रीय और अंतरर्राष्ट्रीय अख़बारों के पहले पन्ने की खबर होती। इसको समझने के लिए बहुत बुद्धिमान होने की ज़रुरत नहीं है। फिर भी लोग, बिना सोचे समझे ऐसी तस्वीरें शेयर करते है।

ऑल्ट न्यूज़ ने, पहले भी, गूगल तस्वीर खोज (Google Image search) की सहायता से रिवर्स सर्च इमेज (Reverse Search Image) को समझाने के लिए एक टुटोरिअल वीडियो बनाया और साझा किया था। कृपया इस वीडियो को देखकर रिवर्स सर्च करना सीखें, और असली तस्वीरों को पहचाने। अपनी समझ का भी इस्तेमाल करें। सिर्फ कुछ क्षणों का गंभीर विचार और विश्लेषण, आपको नकली तस्वीर/वीडियो/फॉरवर्ड्स को शेयर करते हुए पकड़े जाने की शर्मिंदगी से बचा सकता है।

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