वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा वकील प्रशांत उमराव पर सोशल मीडिया में झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद, उमराव ने अपनी खास शैली में सरदेसाई पर व्यक्तिगत हमले बोल दिए। उन्होंने पूछा, ‘’क्या मैं राजदीप के बाद उसके बेटे की पोल खोलूं?’’ इसके बाद राजदीप सरदेसाई के बेटे का मणिपाल यूनिवर्सिटी में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के बारे में संदेह व्यक्त करते हुए ‘’क्या वाकई यह सही है’’ किस्म के प्रश्न के साथ ट्वीट करने लगे: ‘’प्रिय @sardesairajdeep क्या यह सही है कि आपके बेटे ईशान को 2013 में मणिपाल यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में बिना किसी मेरिट के, नियमों का उल्लंघन करते हुए एक करोड़ रुपए चुकाने के बाद एनआरआई कोटा से एडमिशन मिला (अनुवाद)?’’ यह ट्वीट किए जाने के बाद से इसे लगभग 9000 बार रीट्वीट किया जा चुका है।
Dear @sardesairajdeep Is it true that your Son Ishan got admission at MBBS in Kasturba Medical College, Manipal University in 2013 on NRI quota w/o having merit after paying ₹ 1Cr by violating rules?
— Prashant P. Umrao (@ippatel) February 7, 2018
ट्वीट की श्रृंखला में, उमराव ने राजदीप सरदेसाई पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने अपने ‘’पढाई में औसत’’ बेटे के एडमिशन के लिए मेडिकल कॉलेज को धमकाया और कई तरह से डराया। उमराव ने राजदीप सरदेसाई पर ‘’सुपारी पत्रकार’’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने टीवी पर मेडिकल सीट घोटाले का अभियान चलाया जिसका अंतिम उद्देश्य अपने बेटे के लिए मेडिकल में एडमिशन कराना था।
Rajdeep threatened almost all Medical colleges in Goa & Mangalore for admission of his average Son in 2013 But Colleges denied so he ran campaign on CNN IBN about selling management seats, which after few days stopped due to settlement via back door. https://t.co/lZOETJCLmh
— Prashant P. Umrao (@ippatel) February 7, 2018
From 4 April 2013 Rajdeep ran Medical seat scam campaign on CNN IBN & on 24 May 2013 his son Ishan got MBBS seat. Real face of Supari Journalist @sardesairajdeep! pic.twitter.com/Q0mpaeYCK4
— Prashant P. Umrao (@ippatel) February 7, 2018
राजदीप सरदेसाई ने अपने बेटे का एडमिशन फॉर्म पोस्ट करते हुए जवाब दिया और उमराव तथा ट्विटर इंडिया को 100 करोड़ के मानहानि के मुकदमे की धमकी दी।
For the Bhakt army of liars: here is my son, a merit rank school topper, medical college admission form. Also marking @TVMohandasPai of Manipal board. Next step 100 crore defamation suit against @ippatel and @TwitterIndia Sad it has reached this but enough is enough. pic.twitter.com/RRbcrfBGVx
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) February 10, 2018
एक नफरती अभियान
राजदीप सरदेसाई के खिलाफ इस घृणित अभियान को फेक न्यूज वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज का भी समर्थन मिला। पूरी तरह से उमराव के बेबुनियाद आरोप पर आधारित इस लेख की हेडलाइन में कहा गया, ‘’राजदीप सरदेसाई के बेटे की मेडिकल सीट खत्म हो जाएगी क्योंकि उसने एडमिशन के लिए कहा कि उसके पिता एनआरआई थे?’’
उमराव को पूर्व आप विधायक कपिल मिश्रा का भी समर्थन मिला जिसने ट्विटर द्वारा उमराव का अकाउंट बंद करने के बाद वीडियो संदेश ट्वीट किया।
Prashant can't tweet as his account is restricted so here is a direct video message from him
Very simple and clear message from @ippatel to @sardesairajdeep
🙏👍🌶️ pic.twitter.com/Q4Uvo3h3lR— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 10, 2018
राजदीप सरदेसाई और उनकी पत्नी सागरिका घोष को दक्षिणपंथी ट्विटर अकाउंट द्वारा लगातार ट्रोलिंग का निशाना बनाया जाता रहा है।
प्रमाण-रूपी दस्ताबेज
क्या इन आरोपों के पीछे कोई सच्चाई है या यह दुर्भावना से लगाए गए हैं? ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए दस्तावेजों और तर्कों को एक जगह एकत्र किया।
1. राजदीप सरदेसाई ने मणिपाल यूनिवर्सिटी से मिले एडमिशन ऑर्डर को साझा किया है। इस आर्डर में उनके बेटे की रैंक 1050 है। यह साफ तौर पर लिखा गया है कि एडमिशन ‘सामान्य’ श्रेणी में है तथा यह धोखा देकर या एनआरआई कोटे में नहीं हुआ है जैसा कि उमराव का आरोप है।
2. उसके नीट स्कोर के बारे में? ट्विटर पर कई लोगों ने यह सवाल पूछा है। वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष जो ईशान सरदेसाई की मां है, उन्होंने स्पष्ट किया कि 2013 में मणिपाल की प्रवेश प्रक्रिया के लिए नीट की आवश्यकता नहीं थी लेकिन इससे पहले कि वह नीट स्कोर पोस्ट कर पाती, कुछ ट्विटर यूजर्स ने इसे खोज निकाला और पोस्ट कर दिया।
He sure did! I'll post up Ishan's NEET results as soon as I find them. Manipal did not use NEET five years ago, they had their own online entrance test for admissions. Ishan has now completed his MBBS and about to start his internship. Am sure your good wishes are with him! https://t.co/vyBeFCwgR7
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) February 10, 2018
Folks, the obliging Mr Dubey of the ABVP has dug out Ishan's NEET score card and here it is below! https://t.co/bjsIuV8rjD
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) February 10, 2018
2013 में एक लेख में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक युवा के रूप में ईशान सरदेसाई ने अपने अनुभव के बारे में लिखा है जिसमें छात्रों के मन में यह बात थी कि कॉमन नीट-यूजी ही एकमात्र परीक्षा है जो उन्हें देनी होगी लेकिन कई मेडिकल कॉलेजों ने अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा की घोषणा कर दी। ईशान ने नीट के साथ-साथ मणिपाल यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा भी दी और उसे इन दोनों में अच्छे अंक मिले।
3. टी.वी. मोहनदास पाई जो कि मणिपाल यूनिवर्सिटी बोर्ड के सदस्य भी हैं, उन्होंने कई ट्वीट्स द्वारा यह पुष्टि की कि उमराव के दावे गलत हैं और प्रवेश मेरिट के आधार पर हुआ था।
This person is making false claims, without data, and attacking @sardesairajdeep family. Unacceptable. R has produced documents to say his son got a seat on merit, if you still do not believe, it is fine, show utmost hatred, https://t.co/yYcEaGAJaG
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) February 10, 2018
All lies, seats are through tests and on merit https://t.co/nV6Bbniu9C
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) February 10, 2018
मणिपाल यूनिवर्सिटी की प्रवेश प्रक्रिया से वाकिफ ट्विटर के अन्य यूज़र्स ने भी राजदीप सरदेसाई की बात का समर्थन किया।
He has secured rank 1050 in the entrance exam and gotten a legitimate seat. Even though seats are less, ranks upto 2800 get admission coz lot of students dropout of counseling due to admission elsewhere or high fee structure. If it was NRI seat, it would be mentioned on the order
— Abhishek Ravindra (@Abhigonibeed) February 10, 2018
4. मणिपाल यूनिवर्सिटी के ट्विटर अकाउंट से भी इस बात की पुष्टि की गई और ईशान के प्रवेश प्रक्रिया पर लगाये गए आरोप गलत बताए गए।
Ishan Sardesai, rank 1050, was admitted to the MBBS course KMC, MANIPAL in 2013 under the General category based on merit. The allegations made about his admission are malicious and totally false. The controversy is uncalled for.
— Manipal Academy of Higher Education (@ManipalUni) February 12, 2018
यह बेहद ही दुःखद और शर्मनाक स्थिति है कि ट्विटर के प्लेटफार्म का इस्तेमाल झूठी खबरें फैलाने और असहमति रखने वाले लोगों के खिलाफ हमला बोलने के लिए उमराव जैसे लोगों द्वारा लगातार किया जा रहा है। यह पैटर्न अब काफी जाना-पहचाना है – कोई बेबुनियाद अफवाह फैलाओ, नफरती भीड़ को इकट्ठा करो, किसी आदमी को निशाना बनाते हुए ट्रोल करो और बिना कोई परिणाम झेले यह प्रक्रिया बार-बार दोहराते रहो। यह मामला खासतौर पर इसलिए दुर्भावनापूर्ण है क्योंकि इसमें एक युवा मेडिकल छात्र पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं क्योंकि उसके पिता के साथ कुछ लोगों का विचारधारात्मक मतभेद है। बदले की यह शर्मनाक राजनीति जो बच्चों को भी नहीं छोड़ती है, उसकी कड़ी भर्त्सना सभी राजनीतिक दलों के लोगों द्वारा की जानी चाहिए। यह समय की मांग है कि ट्विटर इस प्लेटफार्म पर फिर से विवेकपूर्ण माहौल तैयार करे और बार-बार दोषी पाए जाने वाले कुछ जाने-पहचाने लोगों द्वारा नफरत और झूठी खबरें फैलाने पर रोक लगाने के लिए उनपर ठोस कारवाई करे।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.