[चेतावनी: रिपोर्ट यौन शोषण से संबंधित है.]

19 मार्च को ANI ने पुणे में हुई यौन शोषण की घटना के बारे में ट्वीट किया था. ट्वीट में लिखा था, “पुणे में एक 11 साल की लड़की का उसके परिवार के चार लोग पिछले चार सालों से यौन शोषण कर रहे थे. बंड गार्डन पुलिस स्टेशन में लड़की के पिता, भाई, दादा और मामा के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज: पुणे पुलिस.”

इसके ठीक एक घंटे बाद, ट्विटर यूज़र @DharAnilkumar ने चार मुस्लिम लोगों का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि एक मुस्लिम घर में ये बर्बर घटना हुई. यूज़र के मुताबिक, अब्दुल, जावेद, फरहान और निज़ाम ने 11 साल की बच्ची के साथ रेप किया. इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 1 हज़ार से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है.

फ़ेसबुक यूज़र और बीजेपी समर्थक अतुल कुमार ने भी @DharAnilkumar के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए यही दावा किया.

ट्विटर यूज़र @Right_Wing_Guyy ने ANI के ट्वीट पर जवाब देते हुए यही दावा किया और बाद में इसे डिलीट कर दिया.

हालांकि, उन्होंने ट्वीट पर किए गए उस कमेंट को डिलीट नहीं किया. उन्होंने लिखा, “जब आर्टिकल में आरोपियों के नाम का ज़िक्र नहीं किया जाता है तो नामों का अनुमान लगाना आसान हो जाता है.”

कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने @Right_Wing_Guyy के हटाए गए ट्वीट के स्क्रीनशॉट्स शेयर किए. इस PDF में कुछ ऐसे एकाउंट्स हैं जिन्होंने कई हाई नेटवर्क ग्रुप या पेज पर ये दावा शेयर किया था.

क्या है इस मामले की असलियत?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के साथ यौन उत्पीड़न पांच साल तक किया गया. 2017 में जब लड़की आठ साल की थी तबसे उसके साथ ग़लत किया जा रहा था. रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपियों में 14 वर्षीय भाई, 45 वर्षीय पिता, 60 वर्षीय दादा और 25 वर्षीय चाचा शामिल थे. ये मामला अलग-अलग भारतीय दंड संहिता (IPC) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है.

बंड गार्डन पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अश्विनी सातपुते ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “ये घटना उस वक़्त सामने आई जब लड़की ने अपने स्कूल में ‘गुड टच एंड बैड टच’ सेशन के दौरान बात की.”

21 मार्च को फ़ोन कॉल पर हुई बातचीत में इंस्पेक्टर सातपुते ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मैं ये कंफ़र्म बता सकता हूं कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से नहीं हैं. फिलहाल नाना, मामा और भाई हिरासत में हैं. हम पिता को हिरासत में लेने की प्रक्रिया में हैं जो इस समय बिहार में है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने एक प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक के क्राइम रिपोर्टर से भी बात की. रिपोर्टर के पास FIR की कॉपी थी. उन्होंने FIR के स्क्रीनशॉट शेयर किए जिसमें सभी आरोपियों के नाम थे. इनमें आरोपियों के नाम अब्दुल, जावेद, फरहान और निज़ाम नहीं हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने आरोपियों के नामों का ज़िक्र नहीं किया है क्योंकि इससे पीड़िता की पहचान भी सामने आ जाएगी.

कुल मिलाकर, पुणे में एक नाबालिग के यौन शोषण के मामले को इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स ने ANI के ट्वीट को आरोपियों के काल्पनिक नामों के साथ शेयर किया.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.