“देश में एक ही समय में कई बम हमले करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ .. श्रीलंकाई सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ लंदन में विरोध प्रदर्शन ..! उनके भाइयों ने ही श्रीलंका में 290 ईसाइयों को मार डाला ..! क्या यह मजाक है या कुछ और .. अब आतंकवादी पीड़ित हैं ..!!” -(अनुवाद)
उपरोक्त संदेश सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से शेयर किया गया है। साथ में, तख्तियां पकड़े हुए प्रदर्शनकारियों के समूह का एक वीडियो है। दावा किया गया है कि हाल ही में जिन हमलों में 300 से अधिक लोग मारे गए थे, उसके बाद श्रीलंका सरकार द्वारा आतंकवाद पर कार्रवाई के खिलाफ मुस्लिम समुदाय का यह विरोध प्रदर्शन लंदन में हुआ था।
Protest in London against Srilankan govt for taking action against Jihadis, post terror attack..
This is the biggest reason for growing terror attacks. The muslims around the world come together in support playing victim card.
And terrorists are the” Victims.” pic.twitter.com/fD5MrGXP4W
— Pratheesh Viswanath (@pratheesh_Hind) April 29, 2019
तख्तियों पर लिखे गए संदेशों में, ‘इस्लाम और मुसलमानों की दुश्मन श्रीलंका सरकार’, ‘मुस्लिम राष्ट्र एक राष्ट्र’ और ‘मुस्लिम उदय’ हैं।
29 अप्रैल को पोस्ट किए गए एक यूज़र के उपरोक्त ट्वीट को पहले ही 1,200 से अधिक बार रिट्वीट किया जा चुका है। संदेश और साथ वाला वीडियो ट्विटर और फेसबुक पर वायरल हो गया है। कई व्यक्तिगत यूज़र्स ने इसी संदेश के साथ अपनी टाइमलाइन पर वीडियो को पोस्ट किया है। इससे पता चलता है कि यह व्हाट्सएप पर भी प्रसारित हुआ होगा।
2013 का पुराना वीडियो
जिस वीडियो को सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा इतने आक्रामक रूप से प्रसारित किया गया है, वह किसी हालिया घटना का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसे 2013 में शूट किया गया था। श्रीलंका की सरकार के खिलाफ, श्रीलंका के दूतावास के बाहर लंदन में विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस विरोध की पृष्ठभूमि में, इस द्वीप राष्ट्र में ’इस्लाम धर्म के बढ़ते विकास’ को लेकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कार्यरत एक कट्टरपंथी बौद्ध राष्ट्रवादी संगठन, बोडू बाला सेना द्वारा आयोजित अभियान था।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह खास वीडियो कम से कम मई 2013 से ऑनलाइन उपलब्ध था। यूट्यूब पर यह हाल ही में उपलब्ध था, लेकिन अब इसे डिलीट कर दिया गया है।
अंत में, 2013 के एक विरोध-प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया में व्यापक रूप से झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि यह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने पर श्रीलंका सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करता है।
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