“सोनिया गांधी हिंदुओं से नफरत करती हैं! इस सच्चाई का खुलासा और किसी ने नहीं, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया है।” -(अनुवाद) यह ट्वीट भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने फरवरी 2018 में किया था, जो पोस्टकार्ड न्यूज द्वारा प्रकाशित एक लेख का शीर्षक है।
Sonia Gandhi hates Hindus! This truth is revealed by none other than Former President Pranab Mukherjee https://t.co/YBF7tMjy4h via @postcard_news
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 4, 2018
पोस्टकार्ड न्यूज़ का लेख पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरण ‘द कोलिशन इयर्स’ के एक अंश पर आधारित था। द पोस्टकार्ड न्यूज़ के अनुसार, किताब का यह अंश दिखलाता है कि कैसे सोनिया गांधी स्वाभाविक रूप से हिंदू विरोधी थीं।
पोस्टकार्ड न्यूज के लेख का एक अंश, जिसके अनुसार सोनिया गांधी ने शंकराचार्य की गिरफ्तारी के मुद्दे पर अपनी ‘हिंदू विरोधी’ प्रवृत्ति के कारण विश्वासघात किया था; निम्नलिखित हैः
मुखर्जी ने खुलासा किया है कि कैसे सोनिया गांधी के नेतृत्व में हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। नवंबर 2004 में सत्ता में आने के कुछ महीनों के भीतर, शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को दिवाली के मौके पर हत्या के एक झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के समय, वह त्रिकाल के 2500 साल की तीर्थयात्रा की तैयारी कर रहे थे। गिरफ्तारी के बाद उनपर अश्लील सीडी और छेड़छाड़ जैसे घिनौने आरोप भी लगाए गए। हालांकि, यह आरोप कभी साबित नहीं हुआ। -(अनुवाद)
प्रणब मुखर्जी ने अपनी पुस्तक ‘द कोलिशन इयर्स 1996-2012’ में इस घटना का उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा कि “मैं इस गिरफ्तारी से बहुत नाराज था और कैबिनेट की बैठक में मैंने इस मुद्दे को भी उठाया। मैंने सवाल पूछा, क्या देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना केवल हिंदू संतों तक ही सीमित है? क्या कोई राज्य पुलिस ईद के अवसर पर किसी मुस्लिम धर्मगुरु को गिरफ्तार करने का साहस दिखा सकती है?” (अनुवाद)
इसे एक अखबार की क्लिपिंग के रूप में भी शेयर किया है।
पोस्टकार्ड न्यूज़ के अलावा, चैनल हिंदुस्तान नामक वेबसाइट द्वारा भी इसकी खबर दी गई है।
पुस्तक के अंश के आधार पर गलत निष्कर्ष
सोनिया गांधी को हिंदू विरोधी के रूप में — जिन्होंने यूपीए-I और यूपीए-II में शीर्ष पर रहते हुए हिंदू विरोधी फैसले लिए — चित्रित करने का यह प्रयास, ‘द कोलिशन इयर्स’ पुस्तक में पृष्ठ 209 पर पाए गए गठबंधन वर्षों से संबंधित एक अंश पर आधारित है। इस पृष्ठ में हत्या के मामले में कांची के तत्कालीन शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी से संबंधित मुखर्जी के संस्मरण का संदर्भ है। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सरस्वती को तमिलनाडु में राज्य सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जहां जयललिता के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक का शासन था। गिरफ्तारी में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।
मुखर्जी याद करते हैं कि जब दिवाली का त्योहार चल रहा था वह शंकराचार्य की गिरफ्तारी को लेकर पूरी तरह से असहमत थे, और “गिरफ्तारी के समय को लेकर बेहद आलोचनात्मक थे और सवाल किया था कि क्या भारतीय राज्य के धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांत केवल हिन्दू साधु और संतों तक ही सीमित थे? क्या राज्य मशीनरी ईद के त्योहार के दौरान किसी मुस्लिम धर्मगुरु को गिरफ्तार करने की हिम्मत करेगी?” -(अनुवाद)
पोस्टकार्ड न्यूज द्वारा उपरोक्त अंश का उपयोग यह दावा करने के लिए किया गया कि सोनिया गांधी हिंदुओं से नफरत करती हैं, जबकि तथ्य यह है कि मुखर्जी ने खुद ‘द कोलिशन इयर्स’ में ऐसा कोई दावा नहीं किया है।
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