11 अप्रैल को दक्षिणपंथी वैबसाइट ओपइंडिया ने “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने फेसबुक पेज पर वोट की अपील करते हुए कांग्रेस का प्रचार किया” -(अनुवाद) शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया।
Aligarh Muslim University promotes Congress on Facebook page while appealing to votehttps://t.co/N2lMcCfL83
— OpIndia.com (@OpIndia_com) April 11, 2019
यह एक फेसबुक पोस्ट पर आधारित था, जिसके बारे में माना गया कि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज का पोस्ट था। इस पोस्ट में सभी मतदाताओं से भारी संख्या में मतदान करके चुनाव में भाग लेने का आग्रह किया गया था। इसमें एक तस्वीर भी थी, जिसमें कांग्रेस पार्टी का निशान – खुला हाथ था। इस लेख को लिखने के समय, यह पोस्ट हटा दी गई थी।
लेख की प्रारंभिक टिप्पणी में कहा गया है, “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को, जो गलत कारणों से चर्चा में रहता है, कांग्रेस पार्टी का प्रचार करते पकड़ा गया, जबकि पहले चरण का मतदान…”।
बाद में इसे “जब लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान चल रहा था, तब, ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ नामक एक फेसबुक पेज को कांग्रेस पार्टी का प्रचार करते हुए पकड़ा गया था” द्वारा अपडेट किया गया। ऑल्ट न्यूज़ इस लेख के पिछले संस्करण तक नहीं पहुंच सका। हालाँकि, पहली कुछ पंक्तियाँ अभी भी गूगल परिणामों पर दिखाई देती हैं, जो सीधे सुझाती हैं कि “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय” अपने फेसबुक पेज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को बढ़ावा दे रहा था।
इसी शीर्षक से यह लेख 24 घंटे के भीतर दो बार ट्वीट किया गया। ओपइंडिया ने एक व्यक्ति के एक ट्वीट को भी शामिल किया, जिसने मूल रूप से इस ओर ध्यान दिलाया था कि ‘AMU’ कांग्रेस पार्टी का समर्थन कर रहा था’।
So Aligarh Muslim University openly endorsing @INCIndia ,
Hi @SpokespersonECI is this allowed?
Cc @PrakashJavdekar @myogiadityanath @BJP4UP pic.twitter.com/MWV0IyJJ9X
— चौकीदार (संवैधानिक डकैत शाखा) (@Shivam_h9) April 11, 2019
AMU ने भ्रामक सूचना की निंदा की
ओपइंडिया द्वारा उद्धृत AMU का फेसबुक पेज, विश्वविद्यालय का नकली पेज था। AMU के आधिकारिक फेसबुक पेज ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी न्यूज़’, से नकली पेज की निंदा करते हुए एक संदेश पोस्ट किया गया। इस संदेश में कहा गया, “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, AMU के नाम और लोगो का इस्तेमाल करके किए गए किसी भी भ्रामक पोस्ट के लिए जिम्मेदार या जवाबदेह नहीं है”।
इस मामले को लेकर ऑल्ट न्यूज़ ने AMU के पीआरओ उमर पीरज़ादा से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “हमारा आधिकारिक पेज ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी न्यूज़’ है। जिस पेज के बारे में उन्होंने बात की है, वह AMU से संबंधित नहीं है। हमारे पास यह सोशल मीडिया पेज [अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी न्यूज़] केवल सामाजिक, संस्थान-संबंधी और शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है। हमने दूसरों के नापाक मंसूबों से ना समझौता किया है और न कभी करेंगे। AMU के लोगो और प्रतीक का इस्तेमाल करने वाले किसी व्यक्ति के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं। संबंधित मीडिया के लोगों को किसी भी खबर को लिखने/प्रकाशित करने से पहले तथ्यों को सत्यापित करने के लिए पीआरओ से सलाह लेनी चाहिए थी। यह आपराधिक है क्योंकि यह उच्चतम शिक्षण संस्थान की छवि को धूमिल करता है। यदि इसे नहीं माना गया तो हम नकली अकाउंट [पेज] के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।” -(अनुवाद) जैसा कि पहले कहा गया, ओपइंडिया का अद्यतन लेख अब यह कथन से शुरू होता है, “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय नामक एक फेसबुक पेज को कांग्रेस पार्टी को बढ़ावा देते हुए पकड़ा गया”।-(अनुवाद) हालाँकि, ओपइंडिया ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जिस पेज को पहले के लेख में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पेज के रूप में संदर्भित किया गया था वह नकली पेज था।
मामले को उलझाते हुए, लेख में यह भी बताया गया कि यह अभी निश्चित नहीं हुआ कि वह पेज [अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय] आधिकारिक पेज है। आधिकारिक पेज के पोस्ट में पीआरओ के नंबर का उल्लेख किया गया है। पुष्टि करने के लिए एक बार भी फोन कॉल किया जा सकता था। इसके अलावा, AMU की आधिकारिक वेबसाइट पर उनके फेसबुक पेज [अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी न्यूज़] का लिंक भी है।
पिछले साल होली पर, एक अखबार के एक व्यंग्य लेख के झांसे में आकर उसे सच मानते हुए ओपइंडिया ने एक लेख प्रकाशित किया था।
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