“ये मेरे जीवन में दूसरी बार था जब मुझे पैनिक अटैक आया था. ऐसा लगा जैसे मैं कुछ ज़रूरी चीज़ खो रही हूं. मैंने अपने और अहमद के बारे में बहुत सारी ग़लत बातें सुनी. उन्होंने मुझे गंदी-गंदी गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी. मैं डर गई क्योंकि मुझे लगा कि अहमद मेरी वजह से मर जाएगा. मुझे पैनिक अटैक के बाद अगले 12 घंटे याद नहीं हैं. मेरी बहन मुझसे कहती है कि मैं एक बच्चे की तरह व्यवहार कर रही थी. मुझे अस्पताल ले जाया गया और दो बोतल सलाइन दी गई. डॉक्टरों को मुझे कंट्रोल करने के लिए मेरे हाथ-पैर दबाने पड़े.

उसके बाद जब मैं सड़क से जा रही थी तो मुझे लगा कि सबकी निगाहें मुझ पर हैं. कुछ दिनों के बाद मैंने बाहर जाना बंद कर दिया. ये लोग अब भी मुझ पर नज़र रखते हैं और मैं जहां भी जाती हूं मेरा पीछा करते हैं. मुझे बताओ, मुझसे कहां गलती हुई? क्या किसी से प्यार करना ग़लत है? क्या मुझे उसका बायोडाटा जांचना चाहिए और फिर उससे प्यार करना चाहिए?”

सुनीता और अहमद (अनुरोध पर नाम बदल दिए गए) रिश्ते में आने से पहले पांच साल तक करीबी दोस्त थे. दोनों अक्सर एक-दूसरे के घर जाते थे और साथ में समय बिताते थे. दोनों के परिवार वालों में से किसी ने भी इस रिश्ते पर कभी आपत्ति नहीं जताई. कई अन्य युवा जोड़ों की तरह, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी तस्वीरें पोस्ट कीं और फोटो-शेयरिंग ऐप पर उन दोनों की सार्वजनिक प्रोफ़ाइल थी. एक दिन सुबह, सब कुछ बदल गया.

मई 2023 के अंत में एक दिन सुनीता को एक अजनबी से एक इंस्टाग्राम मेसेज मिला कि उसके इंस्टाग्राम अकाउंट के स्क्रीनशॉट और अहमद के साथ उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं. एक घंटे के भीतर, उसका इनबॉक्स अपमानजनक मेसेज और धमकियों से भर गया. मेसेज में एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ उसके रिश्ते पर सवाल उठाया जा रहा था और उसकी मौत की कामना की गई. शुरुआत में उसने इसे नज़रअंदाज़ किया, लेकिन फिर उसे घबराहट हुई. अजनबियों ने उसके दोस्तों और फ़ॉलोअर्स को ऑनलाइन परेशान करना और धमकी देना शुरू कर दिया. उसके पुरुष हिंदू दोस्तों को भी झूठा फंसाने की कोशिश की गई और दावा किया कि ये मुसलमान हैं जो एक सुनियोजित साजिश के तहत हिंदू लड़कियों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. दबंगों ने कहा कि सुनीता जल्द ही सूटकेस या फ्रिज में पाई जाएगी.

सुनीता ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “उन्होंने मेरी पोस्ट पर कमेंट करना शुरू कर दिया. जब मैंने कमेंट्स ब्लॉक कर दिया, तो उन्होंने मुझे मेसेज भेजना शुरू कर दिया. मैंने मेसेज रिक्वेस्ट भी ब्लॉक कर दिया, तो उन्होंने मेरे इंस्टाग्राम पोस्ट के स्क्रीनशॉट शेयर करना शुरू कर दिया.”

जल्द ही, सुनीता का ऑनलाइन नाईटमेयर असली दुनिया में भी फैल गया. सुनीता के एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ संबंध की ख़बर स्थानीय राईटविंग कार्यकर्ताओं तक पहुंच गई. उसके मुताबिक, कुछ दिनों बाद करीब 25 राइट विंग कार्यकर्ता उसके घर पहुंचे और बाहर से उसे गालियां दीं. सुनीता के पिता को कार्यकर्ताओं ने धमकाया था, उन्होंने सुनीता से खुद की खातिर अहमद से रिश्ता तोड़ने की विनती की.

6 महीने पहले अचानक आई इस मुसीबत से परेशान हुई जिंदगी के बाद सुनीता अभी भी अपने जीवन को फिर से सहेजने की कोशिश कर रही है. अब वो अपनी छुट्टियों के दौरान कॉलेज से अपने होमटाउन लौटने से भी बचती है.

इतने सारे लोगों को सुनीता और अहमद के रिश्ते का पता कैसे चला? ये ऑनलाइन निगरानी करने वाले कौन हैं जिन्होंने उसे टारगेट करके उसे परेशान किया और धमकाया? क्या सुनीता ही एकमात्र पीड़ित थी?

ये विजिलेंट (निगरानी करने वाले) कौन हैं?

सुनीता की कहानी का सबसे चिंताजनक पहलू उसके व्यक्तिगत डिटेल का व्यापक विस्तार था. वो अंतर-धार्मिक कपल के ऑनलाइन उत्पीड़न की बढ़ती प्रवृत्ति का शिकार हो गई, जिसमें अक्सर एक हिंदू महिला और एक मुस्लिम पुरुष शामिल होते हैं. उत्पीड़न की प्रकृति काफी हद तक डॉक्सिंग की तरह है (ये शब्द ‘ड्रॉपिंग डॉक्स (डॉक्यूमेंट)’ वाक्यांश से लिया गया है, जो किसी व्यक्ति की निजी जानकारी और व्यक्तिगत डिटेल के विशेष रूप से सोशल मीडिया पर ग़लत इरादे से एक अनऑथोराइज्ड व्यक्ति द्वारा शेयर आपत्तिजनक चलन को संदर्भित करता है). भारतीय समाज ने पिछले एक दशक में जो गहरा सांप्रदायिक विभाजन देखा है, उसे देखते हुए किसी पर व्यक्तिगत ऑनलाइन अटैक के परिणाम अक्सर विनाशकारी होते हैं, खासकर जब इसमें किसी के धर्म का सवाल होता है.

‘लव जिहाद’ के खिलाफ़ ऑनलाइन निगरानी रखने वाले जो इस चलन में शामिल हैं, उनका मानना ​​है कि वे पीड़ितों के हित में काम कर रहे हैं. ऑल्ट न्यूज़ की जांच से पता चला कि ट्विटर पर 1,00,000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स वाला राइट विंग मीम पेज स्क्विंट नियॉन इस सतर्कता को बढ़ावा देने में अगुवाई की भूमिका निभाता है.

पिछले साल हमने इस ‘सतर्कतावाद’ में एक पैटर्न नोटिस किया. निगरानी करने वालों के तौर-तरीकों में सोशल मीडिया पर अंतर-धार्मिक जोड़ों की तलाश करना और उनकी तस्वीरों को (जो अक्सर इंस्टाग्राम से ली जाती हैं) अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स (जिनके बहुत सारे फॉलोअर्स हैं) पर शेयर करना शामिल है. इन एकाउंट्स के ज़्यादातर फ़ॉलोअर्स ‘लव जिहाद’ के सिद्धांत को मानते हैं, और अंतर-धार्मिक संबंधों के खिलाफ हैं, विशेष रूप से वो मुस्लिम पुरुषों और हिंदू महिलाओं के सबंधों के खिलाफ़ हैं. एक बार जब इस तरह का रिश्ता दर्शकों के सामने आ जाता है, तो कपल को व्यक्तिगत मैसेज सहित ऑनलाइन अटैक का सामना करना पड़ता है. कभी-कभी, ये असली जीवन में भी उत्पीड़न करते हैं. अगर किसी महिला के सोशल मीडिया बायो में उसके धर्म का ज़िक्र करने वाले शब्द या वाक्यांश हैं, तो उन्हें हाइलाइट किया जाता है और उनका मज़ाक उड़ाया जाता है. हिंदू महिला पीड़ितों को अक्सर ‘होंडा शेरनी’ कहा जाता है, जो ‘हिंदू शेरनी’ का संभावित विरूपण है.

सुनीता को परेशान किए जाने के बाद, उसे अजनबियों से ऑनलाइन कई अपमानजनक मैसेज और धमकियां मिलने लगीं. उसे बताया जाने लगा कि उसका भी वही हाल होगा जो श्रद्धा वाकर का हुआ था. श्रद्धा वाकर की हत्या उसके मुस्लिम बॉयफ्रेंड आफताब पूनावाला ने कर दी थी और शव को 32 टुकड़ों में काट दिया था. इन लोगों ने एक मुस्लिम के साथ डेटिंग करने की वजह से उसके लिए नरक की कामना की और कहा कि उसे जलाकर मार दिया जाएगा. ये ऑनलाइन अटैक उस वक्त हुआ जब 16 साल की साक्षी की दिल्ली में उसके मुस्लिम प्रेमी द्वारा हत्या कर दी गई थी जिसके बाद इस सर्किट पर ज़्यादा निगरानी रखी जाने लगी. सुनीता ने कहा, “इन लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि उनकी तरफ से सिर्फ एक शेयर और एक कमेंट किसी लड़की की ज़िंदगी बर्बाद कर सकता है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि राइट विंग X हैंडल @_ahania सुनीता को टारगेट करने वाला पहला मेन अकाउंट था. ट्विटर पर इसके काफ़ी ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं. @_ahania ने पीड़िता की इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल के स्क्रीनशॉट और उसके मुस्लिम प्रेमी के साथ उसकी एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें उन्हें टैग भी किया गया था. ये उनके फॉलोअर्स के लिए इन डिटेल्स को आगे बढ़ाने और पीड़िता के इनबॉक्स को बढ़ाने के लिए काफ़ी था. एक यूज़र ने ट्वीट के कमेंट में पूछा कि क्या सुनीता अभी भी ज़िंदा हैं, जिस पर @_ahania ने जवाब दिया “अभी तक तो, हां.”

स्क्विंट नियॉन को @_ahania का करीबी माना जाता है. @_ahania के ट्वीट के दो दिन बाद स्क्विंट नियॉन द्वारा सुनीता को परेशान किया गया. हालांकि, इनकी कहानी इस नृशंस प्रवृत्ति का सिर्फ एक उदाहरण है. हमने पाया कि अकेले स्क्विंट नियॉन ने पिछले साल लगभग अस्सी महिलाओं के व्यक्तिगत डिटेल्स को आगे बढ़ाया है.

स्क्विंट नियॉन की पूरी कहानी

स्क्विंट नियॉन एक मीम पेज है जिसे 2017 में द क्विंट के पैरोडी हैंडल के रूप में बनाया गया था जब एक रिपोर्टर ने विवादास्पद गीत ‘आंटी की घंटी’ गाने के लिए आयोजित राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों की आलोचना की थी. इसे सोशल मीडिया साइट द्वारा कई बार सस्पेंड किया गया है लेकिन ये फिर से अलग-अलग नामों के साथ वापस आ गया है. इस पेज द्वारा पहले इस्तेमाल किए गए कुछ यूज़रनेम @squintneon और @squintnayan हैं, इन दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था. लेकिन यूज़र फिर से सामने आया, अब एक नए उपनाम @thesquind के तहत काम कर रहा है जो अभी सक्रिय है और अभी सबसे लोकप्रिय राईटविंग इन्फ्लुएंसर में से एक है. ख़ास तौर पर शहरी युवाओं से इसकी अपील की वजह से इसे जाना जाता है.

स्क्विंट नियॉन के कंटेंट घोर मुस्लिम विरोधी होते हैं. फ़ोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत को ‘मीम कंटेंट’ के रूप में इस्तेमाल करने से लेकर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने तक, ये हैंडल लगातार ऐसे कंटेट पोस्ट करता है जो आम तौर पर किसी अकाउंट को सस्पेंड करने का कारण हो सकता है. हालाँकि, स्क्विंट नियॉन आज भी ट्विटर पर सक्रिय है.

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स्क्विंट नियॉन ने गाज़ा के एक रोते हुए लड़के की तस्वीर को मीम कंटेंट में बदल दिया और इस तरह के कैप्शन के साथ कई मीम्स शेयर किए, “ये उस पाउडर वाले को बताओ जो अब 3 महीने से मेरी टाइमलाइन पर रो रहा है.” एक ट्वीट में, उसने ‘मीम प्रतियोगिता’ की भी घोषणा की और अपने फ़ॉलोअर्स से तस्वीर के साथ “अपनी रचनात्मकता दिखाने” के लिए कहा.

युद्ध में जीवित बचे बच्चे की तस्वीर का ‘मेमफ़िकेशन’ इजरायल-हमास संघर्ष के चरम पर भारतीय राईटविंगर द्वारा प्रचारित एक बड़े नैरेटिव का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने युद्ध में होने वाली मौतों की संख्यां के बारे में फ़िलिस्तीन के दावों पर सवाल उठाया था. इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर #Pallywood ट्रेंड करने लगा, जिसमें बताया गया कि फ़िलिस्तीनी शव फ़ेक थे और चोट लगने और मौत का नाटक कर रहे थे. (आर्काइव्स- 1, 2, 3, 4, 5)

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सितंबर 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में बछड़ा काटने के शक में भीड़ द्वारा 52 साल के मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. स्क्विंट नियॉन के लिए, ये घटना अखलाक की तस्वीर के साथ कई मीम बनाने का एक और अवसर भर था. (आर्काइव्स- 1, 2, 3)

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हमने ये भी नोटिस किया कि स्क्विंट नियॉन के कई ट्वीट्स में बंगालियों के प्रति पूर्वाग्रह झलकता है. उदाहरण के लिए, इस हैंडल ने एक बंगाली महिला को टारगेट किया. महिला ने दुर्गा पूजा के दौरान एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें त्योहार के सभी धर्मों में एकता का मेसेज दिया गया था. स्क्विंट नियॉन के ट्वीट में महिला के छोटे बालों का ज़िक्र करते हुए लिखा, “बंगालियों को छोड़कर सभी कैंसर रोगी सहानुभूति के पात्र हैं.” हमें बाद में पता चला कि उस महिला ने जिन कैंसर रोगियों के साथ काम किया है, उनके प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए उसने अपने बाल छोटे कर लिए थे.

स्क्विंट नियॉन के वेरीफ़ाईड हैंडल को BJYM के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर बग्गा, भाजपा नेता कपिल मिश्रा और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला फ़ॉलो करते हैं.

निगरानी के नाम पर ऑनलाइन उत्पीड़न

ऑल्ट न्यूज़ ने 2023 में स्क्विंट नियॉन की गतिविधियों पर नज़र रखी और पाया कि हैंडल ने न केवल नियमित तौर पर अंतरधार्मिक कपल को परेशान किया, बल्कि अन्य फ्रिंज एकाउंट्स (शायद कम फॉलोअर्स वाले) के इसी तरह के पोस्ट को रीट्वीट किया, जिससे उन ट्वीट्स को विजिबिलिटी और पहुँच बढ़ाने में मदद मिली. हमने विशेष रूप से 2023 के मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में इस तरह के रीट्वीट में बढ़ोतरी नोटिस की.

मई, 2023 में हैंडल का पहला टारगेट एक हिंदू महिला थी, जिसे एक मुस्लिम पुरुष को अपना ‘प्यार’ बताने की वजह से टारगेट किया गया था. स्क्विंट नियॉन ने अपने बायो में लिखे ‘जय बजरंग बली’ वाक्यांश को व्यंग्यात्मक ढंग से कोट किया. पीड़िता की निजी इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल के स्क्रीनशॉट उसके प्रेमी के साथ राईट विंग ट्रोल द्वारा ट्वीट किए गए थे. इस ट्वीट को लगभग 3 लाख बार देखा गया और 900 रीट्वीट भी मिले.

नोट: हमने पीड़ितों के इंस्टाग्राम यूज़रनेम को ब्लर कर दिया है.

बाद में संभवतः प्रतिक्रिया और धमकाने के बाद पीड़िता को अपने इंस्टाग्राम बायो से अपने बॉयफ्रेंड का नाम हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसका स्क्विंट नियॉन ने मज़ाक उड़ाया.

हमने जून 2023 से स्क्विंट नियॉन के ट्वीट्स में काफ़ी ज़्यादा बढ़ोतरी देखी जिसमें उसने कई महिलाओं को मुस्लिम पुरुषों के साथ सबंध रखने की वजह से टारगेट किया था. एक ऐसे ही कपल को भी राइट विंग ट्रोल द्वारा टारगेट किया गया था. महिला के बायो के अनुसार, वो हिंदू देवता शिव की भक्त थी, जिसे यूज़र ने ताने के रूप में इस्तेमाल किया था. इस ट्वीट को 100000 से ज़्यादा बार देखा गया और लगभग 1000 रीट्वीट भी मिले.

हमने देखा कि एक यूज़र ने महिला को एक मुस्लिम के साथ संबंध रखने के परिणामों के बारे में ‘चेतावनी’ देने की कोशिश करते हुए मेसेज किया था. यूजर ने कहा, ‘किसी मुस्लिम शख्स से प्यार मत करना वरना सूटकेस में बंद होगी.’

एक अन्य मामले में एक महिला को स्क्विंट नियॉन और उसकी ट्रोल सेना ने बायो में ‘बिग फ़ैन ऑफ़ महाकाल’ लिखने और फिर भी एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ संबंध रखने के लिए टारगेट किया था. ट्वीट में निजी इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल के एक स्क्रीनशॉट के साथ हिजाब पहने हुए महिला की तस्वीर भी थी, जिसके नीचे उसके बॉयफ्रेंड की तस्वीर लगी हुई थी. इस ट्वीट को करीब 2 लाख बार देखा और लगभग 500 बार रीट्वीट किया गया है.

एक यूज़र ने कमेंट किया, ‘सूटकेस दिया जाए तैयारी कर ली इसने.’

एक अन्य मामले में एक महिला को सिर्फ इसलिए टारगेट किया गया क्योंकि उसकी इंस्टाग्राम टाइमलाइन पर दो तस्वीरें थीं – एक जिसमें वो हिंदू देवता शिव से प्रार्थना करती हुई दिखाई दे रही है और एक जिसमें वो हिजाब पहने हुए दिख रही है. स्क्विंट नियॉन ने व्यंग्यात्मक ढंग से ट्वीट को कैप्शन दिया, “महाकाल की दीवानी.”

एक महिला जिसके बायो में ‘सनातनी’ शब्द था, उस पर सिर्फ इसलिए अटैक किया गया क्योंकि उसने एक पोस्ट के नीचे कमेंट्स में एक मुस्लिम व्यक्ति को टैग किया था. हालांकि, उनका रिश्ता क्या है ये स्पष्ट नहीं है, लेकिन फिर भी स्क्विंट नियॉन उसे सार्वजनिक रूप से टारगेट करने और उसके इंस्टाग्राम यूज़रनेम को शेयर करने से पीछे नहीं हटा.

स्क्विंट नियॉन के ट्वीट के बाद एक यूज़र ने कमेंट किया कि महिला ने अपने बायो से सनातनी शब्द हटा दिया है.

ऐसे ही एक और महिला (जो अपने इंस्टाग्राम बायो में खुद को भगवान शिव की भक्त बताती है) को धमकाया और परेशान किया गया. उसके इंस्टाग्राम बायो का एक स्क्रीनशॉट जिसमें यूज़रनेम भी दिख रहा था. इसे दो तस्वीरों के साथ ट्वीट किया गया, पहली तस्वीर में महिला के एक कमेंट का स्क्रीनशॉट था जिसमें उसने बताया था कि वो एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ रिश्ते में थी और दूसरी उस कपल की तस्वीर थी.

एक महिला जो अपने फ़ेसबुक डिस्प्ले पिक्चर में भगवा कपड़ा पहने हुए दिखाई दे रही थी, उसे स्क्विंट नियॉन ने एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ रिश्ते में होने की वजह से सार्वजनिक रूप से टारगेट किया. महिला के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल फ़ोटो का स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर उनके रिलेशनशिप अपडेट के स्क्रीनशॉट के साथ ट्वीट किया जिसका कैप्शन था, ‘डीपी में हर हर महादेव.’

स्क्विंट नियॉन ने सार्वजनिक रूप से एक महिला को उसके बायो में ‘महादेव की दीवानी’ वाक्यांश लिखने और फिर भी इंस्टाग्राम पर एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ एक तस्वीर पोस्ट करने की वजह से शर्मिंदा किया. राइट विंग ट्रोल ने महिला की एक तस्वीर भी ट्वीट की जिसमें वो हिजाब पहने हुए और प्रार्थना करती हुई दिखाई दे रही है. स्क्विंट नियॉन ने लिखा, “इनको मंदिर में अच्छे कपड़े पहनने को बोल दो तो अपने अधिकार के ऊपर 2 किलोमीटर निबंध लिख देंगी.” इस विशेष ट्वीट को ट्विटर पर लगभग 5 लाख बार देखा गया और 2500 रीट्वीट किये गये.

एक अन्य ट्वीट को 3 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 2300 से ज़्यादा रीट्वीट मिले. इसमें स्क्विंट नियॉन ने एक हिंदू महिला की कई तस्वीरें ट्वीट कीं और अपने मुस्लिम प्रेमी (जिसे तस्वीर में टैग किया गया है) के साथ नवमी (दुर्गा पूजा का नौवां दिन) मनाने और दूसरी तस्वीर में हिजाब पहनने के लिए उसकी आलोचना की.

एक और हिंदू महिला और मुस्लिम पुरुष के रोमांटिक संबंध के कारण उन्हें स्क्विंट नियॉन द्वारा परेशान किया गया. दोनों ने अपने इंस्टाग्राम बायो में एक-दूसरे के यूज़रनेम का इस्तेमाल करते हुए अपने रिश्ते का ज़िक्र किया था. ट्वीट पर कमेंट्स में सूटकेस के GIF शामिल थे और यूज़र ये अनुमान लगा रहे थे कि क्या इनके मां-बाप को रिश्ते के बारे में पता था.

एक अन्य घटना में स्क्विंट नियॉन ने एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ तस्वीर शेयर करने के लिए 22 साल की हिंदू महिला को टारगेट किया. हालांकि, ये साफ़ नहीं था कि उनका रिश्ता क्या है, लेकिन कमेंट्स में लिखा गया, “XXX (मुस्लिम लड़के का नाम) अलग है जब तक सूटकेस नहीं आता,” “उन्हें सूटकेस में या 32 टुकड़ों में आराम करने दें.”

नीचे इसी तरह के कई अन्य ट्वीट्स का संकलन है जिसमें स्क्विंट नियॉन के एडमिनिस्ट्रेटर ने सार्वजनिक रूप से मुस्लिम पुरुषों के साथ अंतरधार्मिक संबंधों में होने के लिए हिंदू महिलाओं को सार्वजनिक रूप से उन्हें शर्मिंदा किया है. हमने पीड़ितों के इंस्टाग्राम यूज़रनेम को ब्लर कर दिया है.

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नाबालिगों का पीछा करना और उन्हें निशाना बनाना

ये चलन तब और भी गहरा रूप ले लेती है जब स्वघोषित निगरानी करने वाले नाबालिगों को परेशान करते हैं. उदाहरण के लिए, सितंबर 2023 में, एक फ्रिंज अकाउंट @Raka440 ने 16 साल की एक लड़की के इंस्टाग्राम हैंडल के स्क्रीनशॉट पोस्ट किए. और दावा किया कि वो एक मुस्लिम लड़के के साथ रिश्ते में थी. स्क्रीनशॉट में कथित जोड़े और उनके संबंधित इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल की तस्वीरें शामिल थीं. @Raka440 ने कैप्शन में लड़की के होमटाउन और स्कूल का भी ज़िक्र किया. कहने की ज़रूरत नहीं है कि ट्वीट को स्क्विंट नियॉन ने रीट्वीट किया और इसे हज़ारों बार देखा गया.

एक युवती को निशाना बनाने के एक अन्य मामले में स्क्विंट नियॉन ने पीड़िता की कई तस्वीरें पोस्ट कीं जिनमें से एक में उसे भगवान कृष्ण के रूप में तैयार देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में वो अपने मुस्लिम प्रेमी के साथ हिजाब पहने हुए सेल्फ़ी ले रही है. ट्वीट को पांच लाख बार देखा गया. एक यूज़र ने कमेंट्स में पीड़िता की इंस्टाग्राम स्टोरी का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें वो परेशान करने वालों से उसे अपमानजनक मेसेज न भेजने का अनुरोध करती है. उसने लिखा, “दोस्तों, कृपया हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर मुझे गाली देना बंद करें. लिखने से पहले, क्या आप ये नहीं सोचते कि इसे पढ़ने वाले व्यक्ति पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है?”. ट्रोल हैन्डल ने कुछ कमेंट्स और मेसेज रिक्वेस्ट के स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किए जो उन्हें भेजे गए थे. उनमें से एक में लिखा था, “तुम्हारी लाश भी नहीं मिलेगी.”

जून 2023 में स्क्विंट नियॉन ने एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ फ़ोटो खिंचवाने के लिए एक नाबालिग हिंदू लड़की को टारगेट किया. लड़की ने अपने बायो में ‘सनातनी हिंदू’ होने का दावा किया था, उसके इंस्टाग्राम बायो में धार्मिक लफ़्ज़ ‘राधे राधे’ लिखा था. स्क्विंट नियॉन ने उस व्यक्ति पर लड़की को ग्रूम करने का आरोप लगाया और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो और स्थानीय पुलिस के ट्विटर हैंडल को टैग किया. मोरल पुलिसिंग की एक और कोशिश में स्क्विंट नियॉन ने ट्वीट किया कि वे पीड़ित के पिता के पास भी पहुंचे और उनसे कहा कि ‘हिंदुत्व का अभ्यास घर से शुरू होना चाहिए.’

हमने एक 18 साल की पीड़िता से संपर्क किया जिसे पिछले साल एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ तस्वीरें पोस्ट करने की वजह से परेशान किया गया था. पीड़िता इस शातिर ऑनलाइन उत्पीड़न के समय नाबालिग थी. उसने हमें बताया कि उसकी तस्वीरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के बाद लगभग 80 एकाउंट्स ने उसे अपमानजनक मेसेज भेजे थे. “उन्होंने मुझसे कहा, ‘मुस्लिम के साथ मत रहो, फ्रिज में डाल देगा’, ‘लव जिहाद कर देगा तेरे साथ.” जिस ट्वीट में उनको टारगेट किया गया था, उसे स्क्विंट नियॉन द्वारा रीट्वीट किया गया और आगे बढ़ाया गया.

टारगेट सिर्फ अंतरधार्मिक कपल नहीं

हमने देखा कि जिन लोगों को इन निगरानी करने वालों ने परेशान किया, उनका दायरा अंतरधार्मिक कपल से भी कहीं आगे तक था. उदाहरण के लिए, स्क्विंट नियॉन ने एक हिंदू महिला को केवल एक मुस्लिम पुरुष को ईद की शुभकामना देने के लिए टारगेट किया. वो महिला स्पष्ट रूप से हिंदू देवता शिव की भक्त थी.

मई 2023 में 16 साल की साक्षी के हत्यारे साहिल खान को इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो करने के लिए स्क्विंट नियॉन द्वारा ट्विटर पर कई हिंदू महिलाओं को टारगेट किया गया. ट्वीट को 7 लाख से ज़्यादा बार देखा गया. जिन महिलाओं को टारगेट बनाया गया, उनके बायो पर धार्मिक लफ़्ज़ थे, जिन्हें स्क्विंट नियॉन ने व्यंग्यात्मक ताने के रूप में इस्तेमाल किया.

स्क्विंट नियॉन द्वारा ‘टारगेट किए जाने’ के बाद महिलाओं में से एक ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर साहिल की हरकतों की निंदा की और स्क्विंट नियॉन से उसे परेशान न करने की विनती की. उसने लिखा, “साहिल को उसके किये की सज़ा मिलेगी, आप हमें क्यों परेशान कर रहे हैं? हमने थोड़े न बोला था जा मार दे उस लड़की को. हम खुद रो रहे हैं उस लड़की के लिए ठीक है. साहिल को बहुत गंदी सजा हो भगवान करे जैसा उसने कर है उससे बुरा उसके साथ हो ठीक है. कृपया हमें परेशान न करें.” स्क्विंट नियॉन ने अपने हैंडल के साथ महिला की इंस्टाग्राम स्टोरी का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिससे उसे ट्रोल ने और परेशान करना शुरू कर दिया.

जून में एक अन्य मामले में राईट विंग ट्रोल ने एक हिंदू महिला के इंस्टाग्राम बायो को ट्वीट किया, क्योंकि उसके बायो में ‘अल्हम्दुलिल्लाह’ शब्द था. बाद में उसे इसे हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

ट्विटर के कम्यूनिटी गाइडलाइंस की विफलता

स्क्विंट नियॉन के ज़्यादातर ट्वीट साफ़ तौर पर इस्लामोफ़ोबिक हैं और ये स्पष्ट रुप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कम्यूनिटी गाइडलाइंस की अवहेलना करते हैं. परिणामस्वरूप, 2017 में बनाए गए हैंडल को अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स द्वारा हटा दिया गया. हालांकि, स्क्विंट नियॉन को अलग-अलग यूज़रनेम का इस्तेमाल करके फिर से लाया जा रहा है और ये राईटविंग इकोसिस्टम के बीच पनप रहा है.

ट्विटर की एब्यूज एंड हरास्स्मेंट पॉलिसी के सब क्लौज टार्गेटेड हरास्स्मेंट के मुताबिक, किसी व्यक्ति को टारगेट करने के लिए छोटी अवधि में कई पोस्ट शेयर करना या ग़लत कंटेंट के साथ लगातार रिप्लाई करना प्रतिबंधित है. इसमें किसी व्यक्ति या एकाधिक व्यक्तियों को परेशान करने के लिए समर्पित एकाउंट्स शामिल हैं. ये ग़लत कंटेंट वाले यूज़र्स का ज़िक्र करने या उन्हें टैग करने पर भी रोक लगाता है.

जैसा कि हमारे उपरोक्त डॉक्यूमेंट से स्पष्ट है, स्क्विंट नियॉन चालाकी से इन दिशानिर्देशों को दरकिनार कर देता है जबकि ये अभी भी ट्विटर पर लोगों पर हमला कर उन्हें परेशान करता है. ये हैंडल शायद ही कभी गालियों या अपशब्दों का इस्तेमाल करता है. इसके बजाय, ये पीड़ितों के यूज़रनेम या असली नामों का ज़िक्र किए बिना उनके इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल के स्क्रीनशॉट को शेयर करता है. हालांकि, इतना भी फ़ॉलोअर्स के लिए सोशल मीडिया पर पीड़ितों को ढूंढने और उनका पता लगाने लिए काफी है. कहने की ज़रूरत नहीं है कि पीड़ित पर इसका असर दर्दनाक होता है. इसका मतलब ये भी है कि ज़्यादातर मामलों में इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल का एक स्क्रीनशॉट – परेशान करने वालों के लिए हथियार बन जाता है, जिसके नीति मापदंडों में चलने की संभावना कम होती है. उदाहरण के लिए, कुछ अपमानजनक टेक्स्ट. ट्विटर के कम्यूनिटी गाइडलाइंस और हरास्स्मेंट पॉलिसी में इन खामियों का फायदा उठाकर, स्क्विंट नियॉन जैसे यूज़र बिना किसी डर के अपने टारगेट का उत्पीड़न करते हैं.

इसके अलावा, ट्विटर की निजी जानकारी और मीडिया पॉलिसी में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर कोई तस्वीर बिना सहमति के शेयर की जाती है, जिससे संभावित रूप से नुकसान हो सकता है, तो सिर्फ उसमें दिखाए गए व्यक्ति या उसके अधिकृत प्रतिनिधि ही इस उल्लंघन को रिपोर्ट कर सकते हैं. इसका मतलब ये होगा कि सिर्फ ऑनलाइन उत्पीड़न के पीड़ित (या उनके कानूनी प्रतिनिधि या उनके अभिभावक) ही ट्वीट की रिपोर्ट कर सकते हैं. स्क्विंट नियॉन द्वारा टारगेट किए गए ज़्यादातर पीड़ित इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर सक्रिय हैं, और इसलिए इन पीड़ितों के लिए ये जानना काफी मुश्किल है कि वे जिस उत्पीड़न का सामना वो कर रहे हैं उसके लिए कौन ज़िम्मेदार है.

ओइशानी भट्टाचार्य के इनपुट से

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.