सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें पगड़ी पहने कुछ लोगों के बीच विवाद चल रहा है. यूज़र्स ने इस वीडियो को हाल में जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़ते हुए दावा किया कि ये विवाद शंभू सीमा पर जाने और विरोध करने के लिए ‘मासिक दर’ को लेकर था. पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा फ़ॉलो किए जाने वाले वेरिफ़ाईड अकाउंट ‘@jpsin1’ ने ये दावा किया कि वीडियो ने ‘दलालों के असली रंग’ को उजागर किया है. कैप्शन में लिखा है, “ये वीडियो इन दलालों की पोल खोल रही है. एक महीने तक बॉर्डर पर बैठने के रेट पर बहस हो रही है सामने वाला व्यक्ति ₹40000 बोल रहा है लेकिन जो दलाल पैसे दे रहा है वो कह रहा है यार एक महीने का 35000 ठीक है तेरी खेती बाड़ी तो वहां मजदूर कर ही रहे हैं तेरे को बस यहां बैठता है खाना मिलेगा दारू मिलेगी तो 35000 ले ले.” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 4 लाख से ज़्यादा बार देखा गया. (आर्काइव)

दिल्ली बीजेपी के पूर्व मीडिया प्रमुख और प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘देश की जनता को ये सच्चाई भी देखनी चाहिए.. आंदोलन में जाने के लिए रेट तय नहीं हो पा रहा 35 हजार या 40 हजार.. को लेकर लड़ाई हो रही है..” (आर्काइव)

ऑल्ट न्यूज़ ने जून 2022 में भाजपा द्वारा निष्कासित किए गए नवीन कुमार जिंदल द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचनाओं को पहले भी कई बार खारिज किया है.

कई और X यूज़र ने भी ये वीडियो हाल में चल रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़कर ट्वीट किया. (आर्काइव्स- लिंक 1, लिंक 2)

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो के फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर,ऑल्ट न्यूज़ को टिकटॉक, फ़ेसबुक और यूट्यूब पर ये वीडियो शेयर करने के कई उदाहरण मिले. इसे जनवरी 2024 में शेयर किया गया था. आगे, टिकटॉक पर 18 जनवरी को अपलोड किए गए उसी वीडियो का स्क्रीनशॉट एड किया गया है जो कि किसानों के विरोध प्रदर्शन की शुरुआत से एक महीने पुराना है.

यहां एक और यूट्यूब शॉर्ट भी है जिसमें यही वीडियो है. इसे 20 जनवरी को अपलोड किया गया था.

यानी, वायरल वीडियो दिल्ली में 13 फ़रवरी, 2024 को शुरू हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन से पहले का है.

रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें वीडियो पर जो कैप्शन और कमेंट्स मिले उनसे पता चलता है कि ये विवाद ट्रैक्टर बेचने के लिए किए जा रहे सौदे को लेकर था. वायरल वीडियो को पंजाबी ट्रांसक्रिप्ट करने पर पता चला कि ये बहस ट्रैक्टर को लेकर बातचीत के दौरान हुई थी. जहां एक पक्ष ने 40,000 रुपये की मांग की, वहीं दूसरे ने कीमत को घटाकर 35,000 रुपये और फिर 37,000 रुपये करने की कोशिश की. दूसरे पक्ष ने कहा, “ट्रैक्टर बिल्कुल नया है, सब कुछ इन्सटाल्ड है, आप जाकर चेक कर सकते हैं.”

फ़ेसबुक पर सबंधित की-वर्डस सर्च करने पर, हमें ‘जट्ट जिमीदार blogब्लॉग‘ नामक फ़ेसबुक पेज पर इस वीडियो का 2 मिनट लंबा वर्ज़न मिला जिसका टाइटल (पंजाबी में) था, “देखें, ट्रैक्टर डील कैसे चल रही है.” ये वीडियो 16 जनवरी 2024 को अपलोड किया गया था – अब तक ये वीडियो इंटरनेट पर शेयर किये जाने का सबसे पुराना उदाहरण है.

ਦੇਖੋ ਕਿਵੇਂ ਹੋ ਰਿਹਾ ਸੌਦਾ ਟਰੈਕਟਰ ਦਾ

ਦੇਖੋ ਕਿਵੇਂ ਹੋ ਰਿਹਾ ਸੌਦਾ ਟਰੈਕਟਰ ਦਾ

Posted by Jatt Zimidar Vlog on Monday, 15 January 2024

हमने कई बार व्लॉगर से फ़ोन पर कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की. लेकिन हम उससे बात नहीं कर पाए. हमने नोटिस किया कि उन्होंने द क्विंट से कंफ़र्म किया है कि वीडियो ट्रैक्टर बेचने से संबंधित था और पंजाब के बरनाला में शूट किया गया था. अगर ‘जट्ट ज़िमिदार ब्लॉग’ पेज के एडमिन से हमें जवाब मिलता है तो हम इस आर्टिकल को अपडेट करेंगे.

कुल मिलाकर, ये साफ़ है कि वायरल वीडियो का हाल में चल रहे किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. ये एक ट्रैक्टर की कीमत को लेकर हो रहे विवाद और नोकझोंक का है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.