एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम (सुन्नी मुसलमानों का मज़लिस) नाम के एक संगठन का लेटरहेड है. इस लेटर को कथित तौर पर 29 अप्रैल को जारी किया गया था जिसमें लिखा है कि दुबई के एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम ने कर्नाटक और अन्य राज्यों में 7 मई को होने वाले चुनावों में भाग लेने वाले मुसलमानों के लिए टिकट बुकिंग और पहले से बुक किए गए टिकटों की रीइम्बर्समेंट सहित पूर्ण वित्तीय सहायता की घोषणा की है. लेटर के मुताबिक, इस सहायता का उद्देश्य चुनावों में फासीवादी ताकतों को हराना और मुसलमानों के सच्चे हितैषी कांग्रेस पार्टी को सत्ता पर काबिज़ करना है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा कि कांग्रेस पार्टी को अंतर्राष्ट्रीय मुस्लिम संगठनों का समर्थन मिल रहा है.

अक्सर गलत जानकारी फैलाते हुए पाए जाने वाले अरूण पुडुर ने लेटर ट्वीट करते हुए लिखा कि दुबई की एसोसिएशन ऑफ सुन्नी मुस्लिम, वापस कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए कर्नाटक के मुसलमानों को पूरी तरह से वित्तीय सहायता कर रही है. और यहां हिन्दू घर में सो रहे हैं कि बहुत गर्मी है या झूठ बोल रहे हैं कि मौलाना मोदी ने हिंदुओं के लिए कुछ भी नहीं किया है.

Indu Makkal Katchi नाम के हैंडल ने ये लेटर ट्वीट करते हुए लिखा कि कर्नाटक में मुस्लिम बोर्ड सऊदी अरब में रह रहे भारतीय मुसलमानों को कांग्रेस को वोट दिलवाने के लिए खर्च कर रही है.

अक्सर गलत जानकारी को बढ़ावा देने वाले हैंडल (@AmitLeliSlayer) ने लेटर ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस को अंतर्राष्ट्रीय सपोर्ट मिल रहा है.

भाजपा समर्थक सर्वणाप्रसाद बालासुब्रमण्यम ने लेटर ट्वीट करते हुए लिखा कि दुबई के सुन्नी मुस्लिम कर्नाटक के मुसलमानों को कांग्रेस को वोट करने के लिए उनके फ्लाइट का खर्चा रीइम्बर्स करेगी.

फ़ैक्ट-चेक

हमने देखा कि इस लेटर पर एक पता दिया हुआ है (#2-11TH STREET KHALID BIN WALEED ROAD PLOT NO. UMM HURAIR ONE DUBAI-UNITED ARAB EMIRATES). हमने इस पते को गूगल पर सर्च किया तो पाया कि ये एड्रेस दुबई में पाकिस्तान के कॉनसुलेट जेनरल के वेबसाइट पर उनके दफ्तर के एड्रेस के रूप में मौजूद है. यानी, ये एड्रेस किसी सुन्नी मुस्लिम संगठन का नहीं है.

इसके अलावा इस संगठन के बारे में कोई जानकारी इंटरनेट पर मौजूद नहीं है.

इस लेटर पर 3 कॉन्टैक्ट नंबर भी दिए हुए हैं. हमने जब इन नंबरों को सर्च किया तो पाया कि लेटर में मौजूद पहला नंबर दुबई के एक कॉफी वेंडिंग मशीन बनाने वाली कंपनी Dallmayr ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था. मतलब, ये नंबर किसी मुस्लिम संगठन का नहीं है. हमने इस लेटर में मौजूद बाँकी 2 मोबाइल नंबर पर भी कान्टैक्ट किया है, जवाब मिलने पर हम ये आर्टिकल अपडेट कर देंगे.

कुल मिलाकर, इस लेटर में दी हुई जानकारी फ़र्ज़ी है और इसका किसी संगठन या मुस्लिमों से जुड़े किसी अपील से कोई संबंध नहीं है. कई यूज़र्स ने ये फ़र्ज़ी लेटर को शेयर करते हुए झूठा दावा किया कि दुबई के सुन्नी मुस्लिम संगठन ने देश से बाहर काम कर रहे कर्नाटक के मुसलमानों को कांग्रेस को वोट करने के लिए उनके फ्लाइट का खर्चा देने की बात की.

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