केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी के इन्टरव्यू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें गडकरी कह रहे हैं, “आज गांव, गरीब, मजदूर, किसान दुखी है. इसका कारण यह है कि जल, जमीन, जंगल और जानवर, रूरल एग्रीकल्चर ट्राइबल, यह जो इकॉनमी है यहां अच्छे रोड नहीं है, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं है, अच्छी स्कूलें नहीं है, किसान के फसल को अच्छे भाव नहीं है.” इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपनी ही सरकार की आलोचना की.

कांग्रेस पार्टी ने ये वीडियो बिना संदर्भ के शेयर किया जैसे मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी वर्तमान सरकार पर कटाक्ष कर रहे हो. (आर्काइव लिंक)

इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने वीडियो शेयर कर तंज कसते हुए कहा, “मुझे लगता है कि नितिन गडकरी पर अब कार्यवाही होगी, उन्हें देशद्रोही भी कहा जा सकता है. किसानों के समर्थन में खड़े होकर वो सीधे तौर पर मोदी जी का ‘ग्राफ’ नीचे गिराने की साजिश रच रहे है.” (आर्काइव लिंक)

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, केरल प्रदेश कांग्रेस सेवादल, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के हैन्डल ने भी ये वीडियो शेयर किया.

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महीन खान नाम के यूजर ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि नितिन गडकरी के बयान मोदी शासन द्वारा लाए गए दुर्गति की कहानी बताते हैं. किसान, मजदूर और गरीब खुश नहीं हैं. (आर्काइव लिंक)

फैक्ट-चेक

वायरल वीडियो में दी लल्लनटॉप का लोगो मौजूद था. इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल हिन्दी मीडिया दी लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर सर्च करने पर हमें इस इन्टरव्यू का पूरा हिस्सा 29 फरवरी 2024 को अपलोड मिला.

हमने नितिन गडकरी का पूरा इन्टरव्यू देखा तो पाया कि वायरल वीडियो बिना संदर्भ के भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. वायरल बयान का संदर्भ जानने के लिए इंटरव्यू के 17 मिनट 51 सेकेंड से लेकर 19 मिनट 24 सेकेंड तक देखना ज़रूरी है जिसमें नितिन गडकरी कहते हैं, “मेरा कंसेप्ट ये है कि हमारे देश के विकास में हमारी एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट, जीडीपी में कंट्रीब्यूट करती केवल 12 प्रतिशत, हमारी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर कंट्रीब्यूट करता है 22 से 24 प्रतिशत और सर्विस सेक्टर 52 से 54 प्रतिशत. हमारे एग्रीकल्चर पर जो पॉपुलेशन डिपेंड होती है वह है 65 प्रतिशत. जब गांधी जी थे तब 90 प्रतिशत आबादी गांव में रहती थी और धीरे-धीरे यह 30 प्रतिशत का माइग्रेशन क्यों हुआ? इसका कारण आज गांव, गरीब, मजदूर, किसान दुखी है. इसका कारण यह है कि जल, जमीन, जंगल और जानवर, रूरल एग्रीकल्चर ट्राइबल, यह जो इकॉनमी है यहां अच्छे रोड नहीं है, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं है, अच्छी स्कूले नहीं है, किसान के फसल को अच्छे भाव नहीं है. और यह जो सस्टेनेबल डेवलपमेंट जो होनी है वो हुई है, हुई नहीं ऐसा नहीं है, पर जिस प्रपोर्शन में बाकी पृष्ठ में हुआ उतना नहीं हुआ. हमारी सरकार आने के बाद हम भी बहुत काम कर रहे हैं. हमने 550 एस्परेंट ब्लॉकस् निकाले हैं, 120 एस्परेंट डिस्ट्रिक्ट मोदी जी ने निकाले कि जहां विशेष रूप से काम करें. तो यह जो परिस्थिति है इसमें उपाय यही है जो मेरी फिलोसोफी है कि इस देश में 16 लाख करोड़ का फॉसिल फ्यूल इंपोर्ट होता है. यह फ्यूल अगर 10 लाख करोड़ 5 लाख करोड़ भी अगर किसान इथेनॉल तैयार करेगा, ग्रीन हाइड्रोजन तैयार करेगा, तो हमारे देश का किसान सुखी, समृद्ध, संपन्न होगा गांव में रोजगार निर्माण होंगे.”

यानी, नितिन गडकरी वर्तमान सरकार पर कटाक्ष नहीं कर रहे थे, बल्कि वो लंबे समय की बात कर रहे थे जिसमें महात्मा गांधी के जीवित रहते हुए समय से लेकर पिछली सरकार तक की बात शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने इसमें सुधार और बेहतरी के लिए अपने सरकार के प्रयास बता रहे थे.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).