कई सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो पोस्ट कर रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि सूटकेस में से कुछ लोग एक छोटी बच्ची को निकाल रहे हैं. कथित तौर पर से ऐसा दिखाया गया है कि वीडियो बनाने वाले लोग इस बच्ची को अगवा करने वाले एक व्यक्ति पकड़ रहे हैं.

ट्विटर यूज़र्स @iPSingh_CE, @Rana_Jasvir_007, @abufawaz24 ने ये वीडियो ट्वीट किया. @Rana_Jasvir_007 ने एक ट्वीट के जवाब में ये वीडियो पोस्ट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 1 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टूल क्राउडटेंगल का इस्तेमाल कर हमने देखा कि ये वीडियो कई फ़ेसबुक पेजेज़ और ग्रुप्स ने पोस्ट किया है. इनमें मधुबनी लौकही लाइव [50 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स], विश्व गुरु भारत [30 हज़ार से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स], पब्लिक लाइव [30 हज़ार फ़ॉलोअर्स], कांग्रेस फ़ाइट बैक ! कृपया अपने 100 मित्रों को इस ग्रुप मे जोड़ें [98 हज़ार से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स] शामिल हैं.

हमारी व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

रिवर्स इमेज सर्च और की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें इस वीडियो के बारे में कुछ मालूम नहीं चला. कमेंट सेक्शन में काफ़ी ढूंढने पर भी ऑल्ट न्यूज़ को कोई लीड नहीं मिली. दिसंबर के तीसरे हफ़्ते में हमने ऐसे ही एक वीडियो को ख़ारिज किया था जिसे जाग़रूकता फ़ैलाने के मकसद से बनाया गया था.

जांच करते हुए हमने पंजाब के फ़ैक्ट-चेकर रोज़ाना के प्रवक्ता भगवंत सिंह रूपल से संपर्क किया. भगवंत सिंह ने हमें एक यूट्यूब वीडियो भेजा. वीडियो के कमेंट सेक्शन में एक यूज़र ने दावा किया कि ‘भारती प्रैंक’ नाम के एक चैनल ने ये वीडियो बनाया था और ये एक फर्ज़ी वीडियो है.

इस बात को ध्यान में रखकर, भगवंत की मदद से हमें असली वीडियो मिला. इसे फ़ेसबुक यूज़र राजू भारती ने पोस्ट किया था. ये एक स्क्रिप्टेड वीडियो है. कैप्शन के मुताबिक, “ये पेज फिक्शनल वीडियो पोस्ट करता है; वीडियो में दिख रहे सभी पात्र काल्पनिक हैं. बनाए गए वीडियोज़ सच्ची घटनाओं से प्रेरित हैं और समाज में जाग़रूकता फैलाने के मकसद से बनाए गए हैं. हमारा मतलब किसी भी धर्म, जाति, नागरिकता, लिंग या किसी को बदनाम या अनादर करना नहीं है”. इस वीडियो को 2 करोड़ से ज़्यादा बार देखा गया है.

ध्यान दें कि इस वीडियो में कोई डिस्क्लेमर नहीं है.

राजू भारती ने ऐसे कई प्रैंक वीडियो पोस्ट किए हैं. इन वीडियोज़ में उन्हें एक ही तरह के लाल टोपी पहने देखा जा सकता है. (पहला वीडियो, दूसरा वीडियो, तीसरा वीडियो)

इस तरह, सोशल मीडिया पर बच्ची को अगवा किये जाने का एक नाटकीय वीडियो असली बताकर शेयर किया गया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.