सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़का दूसरे लड़के को जबरन पकड़े हुए है. और एक तीसरा लड़का कैंची से दूसरे लड़के के बाल काट रहा है. तीनों लड़कों के गले में कोई ID कार्ड लटका हुआ है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उन छात्रों के बाल काट दिए जो पश्चिमी कपड़े पहनते हैं और दाढ़ी नहीं रखते हैं.

अक्सर सांप्रदायिक टोन में गलत जानकारी फैलाते हुए पाए जाने वाले अकाउंट क्रीएटली ने ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि बांग्लादेशी इस्लामवादियों ने पश्चिमी कपड़े पहनने और दाढ़ी नहीं रखने वाले छात्रों के बाल काट दिए. (आर्काइव लिंक)

भक्त प्रह्लाद नाम के अकाउंट ने भी वायरल वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया. (आर्काइव लिंक)

द आल्टर्नेट मीडिया नाम के अकाउंट ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बांग्लादेश तालिबान-स्टाइल मोरल पुलिसिंग की तरफ बढ़ रहा है. इसके साथ ही वीडियो के बारे में दावा किया कि इस्लामी भीड़ पश्चिमी कपड़े पहनने या दाढ़ी न रखने पर छात्रों के बाल काट रही है. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें बांग्लादेशी न्यूज़ वेबसाइट Prothom Alo पर 26 सितंबर 2025 को प्रकाशित एक खबर मिली. इस ख़बर की फीचर्ड इमेज वायरल वीडियो से मेल खाती है. ख़बर के मुताबिक, फरीदा परवीन की याद में आयोजित कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने बाल काटकर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया था. आगे लिखा है कि बांग्लादेश के मैमनसिंह में कल्चरल एक्टिविस्ट्स ने कई लोगों के बाल जबरदस्ती काटे जाने के खिलाफ़ मशहूर कलाकार फरीदा परवीन की याद में एक कार्यक्रम में सांकेतिक प्रदर्शन करके विरोध किया. ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे शिल्पाचार्य ज़ैनुल उद्यान में हुआ यह प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के जवाब में थी, जिसमें ताराकांडा के हलीम उद्दीन अकंद के बाल कई लोगों ने जबरदस्ती काट दिए थे. अकंद को स्थानीय रूप से हलीम फकीर के नाम से जाना जाता है. कार्यक्रम की शुरुआत में, आयोजक और कवि शमीम अशरफ के बाल काटे गए.

इस खबर से जुड़े की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें MCC News TV नाम के यूट्यूब चैनल पर 28 सितंबर 2025 को उपलोड किया हुआ 4 मिनट 46 सेकेंड का एक वीडियो मिला जो वायरल वीडियो का लंबा हिस्सा है. वीडियो के टाइटल में लिखा है, ‘ललोन कन्या फरीदा परवीन, जिन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे विरोध में अपने बाल काट लिए थे, उनकी याद में.’

हमें बांग्लादेश के न्यूज़ वेबसाइट The Daily Star पर भी इससे जुड़ी एक खबर 27 सितंबर को प्रकाशित मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, मैमनसिंह में मशहूर लालन गायिका फरीदा परवीन को सम्मानित करने वाला एक कार्यक्रम, बाउल संस्कृति और रीति-रिवाजों पर हाल के हमलों के खिलाफ एक सांस्कृतिक विरोध प्रदर्शन में बदल गया. ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बरोइटोला में सांस्कृतिक संगठन “पोरम्पोरा” द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दिवंगत गायिका को गाने, कविता और श्रद्धांजलि देकर सम्मानित किया गया.

कुल मिलाकर, कई लोगों ने बांग्लादेश में सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं द्वारा बाल काटकर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करने का वीडियो, झूठे दावे के साथ शेयर किया कि इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उन छात्रों के बाल काटे जो पश्चिमी कपड़े पहनते हैं और दाढ़ी नहीं रखते हैं.

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