एक फेसबुक यूजर भोला नाथ वर्मा ने दो वीडियो “देखिये और सोचिज।” लिखते हुए इस सुझाव के साथ पोस्ट किया, कि यह पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट है। वीडियो के साथ पोस्ट किए गए संदेश में सुझाया गया है कि सोशल मीडिया यूजर्स को पाकिस्तान में बालाकोट हवाई हमले के बाद की सच्चाई को समझने के लिए घटनास्थल की यह न्यूज़ रिपोर्ट देखनी चाहिए। इस पोस्ट को 10,000 से ज्यादा बार शेयर और लगभग 9 लाख बार देखा गया है। हालांकि अब इसे हटा दिया गया है।
एक यूजर, मेघा ओशीन ने भी यह वीडियो इस दावे के साथ ट्वीट किया कि पाकिस्तानी पत्रकार हमें हवाई हमले का सबूत दे रहे हैं। इसे अब तक लगभग 1,300 बार रिट्वीट किया गया है।
एक अन्य फेसबुक पेज, 4K Viral Hindustan ने भी यह वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया है।
फेसबुक पोस्टों के कमेंट अनुभाग में और ट्विटर पोस्टों के जवाब में, कई लोगों ने वीडियो की सत्यता को लेकर अपने संदेह व्यक्त किए हैं।
Although I don’t doubt what forces say, but you must check the veracity of this video. The area has trees with short leaves which is typical of desert vegetation, and not of Balakot which doesn’t lack moisture. Check before mass sharing otherwise it may backfire.
— Kaushal Pandey (@kaushalpandey28) March 9, 2019
नाटकीय वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने वह वीडियो देखा जिसे पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल का बताने का प्रयास किया गया है और जिसमें IAF के हवाई हमले से हुई मौतों को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। जब हमने वीडियो के एक-एक फ्रेम को गौर से देखा, तो एक खास फ्रेम में रिपोर्टर द्वारा थामे हुए माइक्रोफोन पर हिंदी में “लाईट टीवी” लिखा पाया। यह एकदम असंभव है कि किसी पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल के माइक्रोफोन पर हिंदी में लोगो हो। इसके अलावा, वीडियो में रिपोर्टर के रूप में दिखलाए गए दोनों व्यक्तियों का व्यवहार, कई मौतों वाली गंभीर घटना को कवर कर रहे पत्रकारों के लिहाज से भी असामान्य है।
उर्दू भाषा की गंभीर त्रुटियां
पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल दिखलाने का प्रयास होने के बावजूद, वीडियो में बोली गई भाषा उर्दू जैसी नहीं लगती। उदाहरण के लिए, रिपोर्टर कहता है, “खुदा की दया से”, जबकि उर्दू भाषी व्यक्ति कहेगा, “खुदा के करम से”। यह भी, कि वीडियो में दोनों ‘ज्यादा’ और ‘निवेदन’ जैसे हिंदी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। अगर ये पाकिस्तानी रिपोर्टर होते तो इनकी जगह, उनके सर्वाधिक पसंदीदा शब्द ‘ज़्यादा’ और ‘गुज़ारिश’ होते।
निष्कर्षतः बालाकोट हवाई हमले का एक नाटकीय न्यूज़ रिपोर्ट पाकिस्तान के बमबारी स्थल से किया गया ग्राउंड-रिपोर्ट बताकर शेयर किया गया है।
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