“जब पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया, मेरे एक दोस्त कमांडर-इन-चीफ जनरल चौधरी ने प्रधानमंत्री नेहरू से जवाबी हमले की अनुमति मांगी क्योंकि रक्षात्मक होना सहायक नहीं था। यह सरल सैन्य रणनीति है; अगर आप रक्षात्मक हैं तो आप पहले ही हार गए हैं। सबसे अच्छा तरीका आक्रामक होना है।”- (अनुवाद) यह ट्वीट, फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री का था, जिसे अब डिलीट कर लिया गया है।

अग्निहोत्री, स्पष्ट रूप से 1965 के भारत-पाक युद्ध का उल्लेख कर रहे थे। “कमांडर-इन-चीफ जनरल चौधरी” से उनका तात्पर्य जनरल जयंतो नाथ चौधरी है, जो 1962 से 1966 तक सेना प्रमुख थे। वह ट्वीट, जिसका स्क्रीनशॉट ऊपर पोस्ट किया गया है, उस शृंखला का पहला ट्वीट है जिसमें अग्निहोत्री ने पाकिस्तान की आक्रामकता के विरुद्ध रक्षात्मक रणनीति अपनाने के लिए, पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बड़ी निंदा की।

अग्निहोत्री के अनुसार, सेना प्रमुख के युद्ध के फैसले के आग्रह पर जवाहरलाल नेहरू ने एक पल के लिए, न केवल सन्देह व्यक्त किया, बल्कि अपने जनरल को रोक दिया, जब वो लाहौर से महज 15 मील दूर थे।

यह ध्यान देने योग्य है कि 1965 का भारत-पाक युद्ध अगस्त-सितंबर 1965 में शुरू हुआ था। युद्ध की शुरुआत पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन जिब्राल्टर से हुई थी, जिसके तहत बड़ी संख्या में पाक सेना के लोग स्थानीय लोगों के रूप में कश्मीर में, राज्य के विद्रोहियों को भड़काने और बाद में इस पर कब्जा कर लेने की उम्मीद में घुसपैठ कर रहे थे।

1965 का भारत-पाक युध्द

1965 का भारत-पाक युध्द जो कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के तीन सेक्टरों में लड़ा गया, कश्मीर में विद्रोह भड़काने के मकसद में पाकिस्तान की नाकामी के साथ समाप्त हुआ। शत्रुता समाप्त करने के लिए सीजफायर की घोषणा के पहले, यह युद्ध निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया था जब भारतीय सैनिकों ने लाहौर पर कब्जे की चेतावनी देते हुए पंजाब में एक नया मोर्चा खोल दिया था।

1965 में प्रधानमंत्री कौन थे?

अगस्त-सितंबर 1965 में जब युद्ध हुआ, तब भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे। यह सामान्य ज्ञान की बात है जिसे इंटरनेट पर आसानी से देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर आजादी के बाद से देश के प्रधानमंत्रियों की सूची है। जवाहरलाल नेहरू की मई 1964 में मृत्यु हो गई थी। उनकी जगह लाल बहादुर शास्त्री ने ली जिनके हाथों में 1965 में देश की सत्ता थी।

इसलिए, 1965 के युद्ध के परिणाम के लिए जवाहरलाल नेहरू पर उंगली उठाना, जबकि वे तब जीवित भी न थे, उटपटांग हरकत के अलावा कुछ नहीं है। इसमें कोई आश्चर्यजनक बात नहीं कि अग्निहोत्री ने ट्वीट की पूरी शृंखला डिलीट कर ली

अग्निहोत्री के ट्वीट्स में विवरण

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि विवेक अग्निहोत्री के ट्वीट्स की शृंखला, जिसे उन्होंने बाद में हटा दिया, को स्वर्गीय आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश की एक किताब से शब्दशः लेकर ट्वीट किया गया था। ओशो की किताब From Darkness To Light’ (अंधकार से प्रकाश की ओर) में एक अध्याय का शीर्षक है ‘Either politicians remain or humanity remains’ (राजनीतिज्ञ रहेंगे या मानवता रहेगी)। इसमें रजनीश एक सवाल “क्या राजनीतिज्ञों के दिमाग होते हैं?” का जवाब दे रहे हैं। जवाब में उन्होंने विस्तृत प्रवचन दिया। इस संवाद की तारीख 29 मार्च 1985 उल्लिखित है।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.