“#बुलंदशहर_इज्तेमा के बवाल के बाद कई स्कूलों में बच्चे फँसे है, रो रहे है, लोग जंगल में है, घरों के दरवाज़े बंद कर के लोग सहमे हूए है- सुदर्शन से लाईव बातचीत में स्थानीय लोग। #बुलंदशहर_में_बवाल @SudarshanNewsTV पर लाईव”। सुदर्शन न्यूज़ के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने यह संदेश ट्वीट किया था। तब्लीगी इज्तेमा तीन दिवसीय इस्लामी सम्मेलन है जो 1-3 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुआ था। 3 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के सियाना तहसील में कथित अवैध गाय हत्या के विरोध में भीड़ द्वारा पुलिस के साथ टकराव के बाद एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई थी। सुदर्शन न्यूज ने शीर्षक “बुलंदशहर_इज्तेमा के बवाल” के साथ ट्वीट करके सूचित किया कि इज्तेमा भी किसी न किसी रूप से इस हिंसा से जुड़ा हुआ है जिसमें पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी गयी थी।

चव्हाणके 3 दिसंबर को बुलंदशहर में गोहत्या की अफवाहों के बाद हुई हिंसा का जिक्र कर रहे थे। हिंसा में गौरक्षको की भीड़ द्वारा एक पुलिस निरीक्षक को मार दिया गया था। बेकाबू भीड़ ने वाहनों में आग लगाई और राज्य संपत्ति को भी निशाना बनाया। चव्हाणके ने बुलंदशहर में हुई इज्तेमा सम्मलेन को इस हिंसा के साथ जोड़ा है। एक अन्य ट्वीट में, चव्हाणके ने “तब्लीगी जमात” को इज्तेमा का आयोजक बताया, और कहा कि यह सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर पहले से है।

सुदर्शन न्यूज़ ने 2 दिसंबर को प्राइम टाइम पर एक कार्यक्रम भी प्रसारित किया था। चव्हाणके ने उसी दिन अपने ट्वीट में इज्तेमा को मजहबी आयोजन के बहाने शक्ति प्रदर्शन को दिखाना बताया था।

बुलंदशहर पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण

बुलंदशहर पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से स्पष्ट किया कि शहर में जो हिंसा की घटनाये हुई है उसका इज्तेमा कार्यक्रम से कोई संबंध नही है। चव्हाणके के ट्वीट को जवाब देते हुए, पुलिस ने झूठी खबरे ना फैलाने की अपील भी की है।

उपर्युक्त ट्वीट में, बुलंदशहर पुलिस ने कहा है कि हिंसा, इज्तेमा आयोजन स्थल से लगभग 45-50 किलोमीटर दूर हुई थी, और कहा कि जांच वर्तमान में चल रही है।

यह ध्यान देने वाली बात है कि इज्तेमा सम्मलेन दारीयापुर नामक इलाके में आयोजित की गई थी, जबकि हिंसा की घटना जिसमें पुलिस निरीक्षक की हत्या हुई वो सियाना के चिंगरावती गांव में हुई। ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल मैप का उपयोग करते हुए पाया कि दोनों स्थानों के बीच की दूरी लगभग 49 किलोमीटर है, जो पुलिस के इस दावे से मेल खाती है कि इज्तेमा सम्मलेन स्थल से 45-50 किलोमीटर दूर हिंसा हुई थी।

बुलंदशहर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा स्पष्टीकरण के बाद भी सुदर्शन न्यूज़ के मुख्य संपादक- सुरेश चव्हाणके ने अभी तक माफी तो नहीं ही मांगी है और ना ही अपने ट्वीट को डिलीट किया है।

इससे पहले जुलाई 2018 में भी, सुदर्शन न्यूज़ ने यूपी पुलिस के खिलाफ मस्जिद द्वारा फरमान पारित करने की झूठी खबर द्वारा दुष्प्रचार फैलाया था। इस प्रकार की रिपोर्टिंग हिंसा को और भड़काने का काम करती है और हिन्दू मुस्लिम संबंधों को बिगाड़ने का काम भी करती है जो पहले से ही तनाव के दौर में हैं। सोशल मीडिया में सांप्रदायिक भावनाओं को फ़ैलाने का यह कोई नया प्रयास नहीं है, लेकिन एक न्यूज़ चैनल द्वारा सांप्रदायिकता की आग को फैलाना चिंताजनक जरूर है।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.