सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें इस दावे से शेयर हो रही हैं कि सीरिया की सेना ने कुछ IS आंतकियो को पकड़ा जिन्होंने महिलाओं के अंतवस्त्र पहने थे. डॉक्टर दीपक पाण्डेय नाम के एक यूज़र ने ये तस्वीरें शेयर करते हुआ लिखा है, “सीरिया की सेना ने कुछ ISआंतकियो को पकड़ा जो महिलाओ के अंतवस्त्र पहनकर लड़ रहे थे। पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया की हमसे कहा गया था की तुम जन्नत में जा रहे हो वहां तुम्हे 72 कुंवारी हुरे मिलेगी, तुम उनके लिए अंतवस्त्र साथ लेकर जाओ ताकि तुम उन्हें अपने हाथो से पहना सको। अल जजीरा.” (ट्वीट का आर्काइव)syriya IS

ध्यान देने वाली बात है कि मेसेज के अंत में ‘अल जज़ीरा’ (एक अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठन) का नाम देकर इसे विश्वसनीय बनाने की कोशिश की गयी है. टीसी मीणा नाम के एक और ट्विटर यूज़र ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए यही दावा किया है . फ़ेसबुक पर भी ये तस्वीरें इन्हीं दावों के साथ शेयर हो रही हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ को इन तस्वीरों का रिर्वस इमेज सर्च करने से 2017 की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स के अनुसार तुर्की सेना के जवानों ने सीरिया के शरणार्थियों के साथ बदसलूकी से पेश आते हुए उन्हें महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स पहनाए.

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द सन में 3 अगस्त, 2017 को छपी एक रिपोर्ट में वायरल हो रही दो तस्वीरों के अलावा भी कुछ तस्वीरें हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, “ये तस्वीरें तुर्की-सीरिया बार्डर की हैं. तुर्की की सीमा में सीरिया के तीन शरणार्थी घुस गए थे. इसके बाद वहां की सेना ने उनकी पिटाई की और उन्हें अपमानित किया. उन्हें जबरदस्ती महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स पहनाए गए.”

रिपोर्ट में बताया गया है, “ये पहली घटना नहीं है जब सीरिया के शरणार्थियों के साथ तुर्की सीमा पर सेना के जवानों ने दुर्व्यवहार किया हो. कुछ दिन पहले ही बॉर्डर पर सीरिया के शरणार्थियों को पीटने और गालियां देने वाला वीडियो जारी हुआ था. जिसके बाद तुर्की सेना के कुछ जवानों को गिरफ़्तार भी किया गया था.”

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डेली मेल ने भी 3 अगस्त, 2017 को इसे रिपोर्ट किया था. खबर के मुताबिक, ट्विटर पर इन तस्वीरों को सीरिया के पत्रकार अहमद अलख़तिब ने पोस्ट किया था. हालांकि ट्विटर पर अब ये हैंडल डिलीट हो गया है

हमने पाया कि तुर्की के एक पत्रकार ने ट्विटर पर इन तस्वीरों को 1 अगस्त, 2017 को पोस्ट किया था. उन्होंने तस्वीरें पोस्ट करते हुए शरणार्थियों का मज़ाक उड़ाया है.

इस तरह 3 साल पुरानी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अजीब कहानी बनाकर शेयर की जा रही हैं. साथ ही इन तस्वीरों को शेयर करते हुए एक समुदाय विशेष पर निशाना साधने की कोशिश की गयी है.

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