“कर्नाटक में 12 मई 2018 को मतदान होगा, गिनती 18 मई 2018 को होगी।” 11.08am बजे भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत के 11.23am बजे घोषणा करने से पहले कर्नाटक चुनाव के तारीखों को मालवीय द्वारा ट्वीट करने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पत्रकारों को झटका लगा।

यह पता चला कि मालवीय कर्नाटक चुनाव के तारीखों की घोषणा को ट्वीट करने में अकेले नहीं थे। कर्नाटक कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रभारी श्रीवत्स ने भी उसी समय ट्विट किया था लेकिन उनके ट्वीट ने ज्यादा ध्यान नहीं खिंचा। दोनों ने बाद में अपने ट्वीट्स डिलीट कर लिए।

मालवीय के ट्वीट ने सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया और कई यूजर्स ने आक्रोश के साथ चुनाव आयोग की निष्पक्षता और प्रक्रिया पर सवाल किए। जब मालवीय से पूछा गया कि चुनाव आयोग की घोषणा से पहले उन्हें तारीखों की जानकारी कैसे मिली तो मालवीय ने दावा किया कि यह खबर टाइम्स नाउ पर आयी थी।

श्रीवत्स ने भी दावा किया कि उन्हें इस खबर की जानकारी स्थानीय और नेशनल मीडिया समाचार चैनलों से मिली थी।

ऑल्ट न्यूज़ ने JIO APP और Yupp TV का उपयोग करते हुए लाइव टीवी प्रोग्राम की जाँच की तो देखा कि टाइम्स नाउ ने सच में अमित मालवीय से पहले यह घोषणा कर दी थी। टाइम्स नाउ ने जब इस खबर का प्रसारण किया था तब समय 11:06/11:07am हो रहा था। “BREAKING: First on Times Now,” “टाइम्स नाउ पर सबसे पहले” मालवीय और श्रीवत्स का टाइम्स नाउ के बाद ट्वीट करने वाला दावा वास्तव में सच था।

यहाँ जिओ ऐप से लिए गए तस्वीर में समय देखा जा सकता है।

नीचे की वीडियो टाइम्स नाउ के उसी समय का प्रसारण दिखाती है।

टाइम्स नाउ ने मालवीय के ट्वीट के कुछ मिनट बाद 11.14am बजे ट्वीट किया था लेकिन यह भी चुनाव आयोग की घोषणा के पहले था। टाइम्स नाउ ने बाद में इस ट्वीट को हटा लिया।

इस जानकारी को लीक करने में टाइम्स नाउ अकेला नहीं था, कई कन्नड़ समाचार चैनलों जैसे- TV9 Karnataka, BTV, TV5 Kannada और Suvarna News ने उसी समय के आसपास चुनाव के तारीखों की जानकारी प्रसारित की थी।

मुख्य चुनाव आयुक्त को जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने सूचित किया कि भाजपा आईटी सेल हेड ने पहले ही तारीखों का एलान करते हुए ट्वीट कर दिया था तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और आश्वासन दिया कि इस लीक की जांच की जाएगी और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस जानकारी का लीक होना असल में चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाता है। हम आशा करते हैं कि चुनाव आयोग इस मामले की गहराई से जाँच करेगा और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.