मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में मुस्लिम समुदाय के एक समारोह का एक वीडियो वायरल हो रहा है. ये वीडियो 19 अगस्त को शूट किया गया था. नीचे एबीपी न्यूज़ के पत्रकार बृजेश राजपूत का एक ट्वीट है जिसमें दावा किया गया कि समारोह में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे. उन्होंने लिखा, “डीजीपी सांसद ने कुछ लोगों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का केस दर्ज किया है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तालिबानी मानसिकता पनपने नहीं देंगे.” बीजेपी यूपी के नेता संतोष सिंह और सुप्रीम कोर्ट के वकील गौरव भाटिया ने घटना के 10 सेकेंड और 16 सेकेंड के क्लिप ट्वीट किए. गौरव भाटिया ने दावा किया, उज्जैन में “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” और “तालिबान” के नारे लगाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया.

विवाद पर बात करते हुए मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने ANI को बताया, “हमने घटना के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. हम तालिबानी मानसिकता को बर्दाश्त नहीं करेंगे.” द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि जीवाजी गंज पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (देशद्रोह) और 153B (राष्ट्रीय एकता के लिए अभियोग, अभिकथन पूर्वाग्रह) के तहत कम से कम 10 युवकों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज़ की.

उज्जैन के एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने मीडिया से कहा, “तालिबान से संबंधित नारे नहीं थे. एक देश विशेष के संबंध में नारे लगाए गए थे.”

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ये नारे इसलिए लगाये गए क्योंकि अधिकारियों ने COVID के कारण समारोह के लिए अनुमति नहीं दी थी. आज तक ने वायरल वीडियो को चलाया और कथित रूप से विवादास्पद सेगमेंट को ‘बीप’ के साथ सेंसर कर दिया. चैनल ने सवाल किया, “उज्जैन: मुहर्रम पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद का क्या काम था?”

इस घटना को इन मीडिया आउटलेट्स ने भी रिपोर्ट किया था – ज़ी न्यूज़, न्यूज़ 18 वायरल्स, IBC 24, कैपिटल TV, पंजाब केसरी MP, ABN तेलुगु, ज़ी MP, लाइव हिंदुस्तान, टाइम्स नाउ नवभारत, न्यूज़रूम पोस्ट, वन इंडिया हिंदी, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स नाउ, NDTV, अमर उजाला, ABP लाइव, फ्री प्रेस जर्नल, TV9 गुजराती, वन इंडिया गुजराती और जनसत्ता आदि.

पॉपुलर यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग ट्यूब और कैपिटल TV ने भी इस दावे को शेयर किया.

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भाजपा सदस्य विकास प्रीतम सिन्हा और मनीष शुक्ला और BJYM सदस्य रवि जंघेला ने इस दावे को और बढ़ाया.

राइट विंग इन्फ्लुएंसर अंशुल सक्सेना और अंकुर सिंह के वीडियो वाले ट्वीट को कुल मिलाकर करीब 7 हज़ार बार रीट्वीट किया गया.

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यूट्यूबर एलविश यादव ने 10 सेकंड के वायरल वीडियो को ट्वीट किया. इसे भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने रीट्वीट किया जिसे 50 हज़ार से ज्यादा व्यूज़ मिले.

बीजेपी समर्थक प्रोपगेंडा मीडिया आउटलेट्स ऑप इंडिया और क्रिएटली ने भी इसी तरह से ये घटना रिपोर्ट की.

फ़ैक्ट-चेक

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि 10 सेकंड और 16 सेकंड का वायरल वीडियो एक ही घटना का है. लंबे वीडियो में 6 सेकंड का ज़्यादा समय है, जिसमें नारे शुरू होने से पहले थोड़ी तालियों की आवाज़ सुनाई देती है. इससे पहले कि हम फ़ैक्ट-चेक शुरू करें, ये ज़िक्र करना ज़रुरी है कि ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो की जांच की है और समारोह में मौजूद लोगों ने हमें दो और क्लिप भेजीं. ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए जाने के आरोप के बारे में उज्जैन के एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “जांच के आधार पर जो वीडियो सामने आए हैं, वे साफ तौर पर दिखाते हैं कि क्या कहा गया है.” उन्होंने हमारे साथ वो वीडियो शेयर नहीं किये.

एक व्यक्ति ने व्हाट्सऐप पर ऑल्ट न्यूज़ से संपर्क किया और जहां नारे लगाये गए थे, उस जगह का बेहतर क्वालिटी का 2 लम्बा वीडियो शेयर किया. इस व्यक्ति ने हमसे नाम उजागर न करने का अनुरोध किया. इस व्यक्ति के अनुसार, वीडियो में मुहर्रम से एक दिन पहले होने वाला ताज़िया समारोह दिखता है. मुहर्रम इस साल भारत में 20 अगस्त को मनाया गया. हमारे सूत्र ने दावा किया कि लोग पाकिस्तान समर्थक नारे नहीं बल्कि ‘काज़ी साहब ज़िंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे.

हमें जो वीडियो भेजे गए उनमें से एक वीडियो नीचे देखा जा सकता है. ये सोशल मीडिया पर वायरल हुए 16 सेकेंड के वीडियो का लंबा वर्ज़न है. पूरे वीडियो में भीड़ “या हुसैन या हुसैन” चिल्लाती है, जो मुहर्रम के दौरान किया जाने वाला एक नारा है. लगभग 20 सेकंड पर एक दाढ़ी वाले आदमी के आने पर भीड़ ताली बजाने लगती है. वीडियो में दो मिनट के बाद से ‘काज़ी साहब ज़िंदाबाद’ साफ़ सुनाई दे रहा है. वीडियो के अंत में, दाढ़ी वाले आदमी के चले जाने पर भीड़ फिर से ताली बजाती है.

नीचे, हमने ऊपर दिए वीडियो के सिर्फ़ उस हिस्से को रखा है जहां ‘काज़ी साहब ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे. ये ध्यान में रखें कि ‘ज़िंदाबाद’ से ठीक पहले नारा ‘ब’ की ध्वनि पर खत्म होता है, न कि ‘न’ पर. दोनों के उच्चारण काफ़ी अलग हैं.

पाठक उस दूसरे वीडियो का ऑडियो भी सुन सकते हैं जो हमें हमारे सूत्र के ज़रिए मिला. इसमें ‘काज़ी साहब ज़िंदाबाद’ सुना जा सकता है.

ऑल्ट न्यूज़ के साथ बातचीत में, काज़ी साहब, जिनका पूरा नाम काज़ी ख़लीक उर रहमान है, ने कहा कि उनके स्वागत में नारे लगाए गए थे. उनकी तारीफ़ में नारा लगाया गया और वो नारेबाज़ी के बाद कार्यक्रम स्थल से चले गए. उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे पर पूरी जांच होनी चाहिए. क़ाज़ी ख़लीक़ उर रहमान को नीचे स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है.

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पहले वीडियो में गुलाबी पगड़ी पहने एक और व्यक्ति को देखा जा सकता है. जो भाजपा सदस्य शबनम अली हैं.

शबनम अली ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “एक प्रत्यक्षदर्शी के रूप में मैं कह सकती हूं कि जिस समय मैं समारोह में मौजूद थी, उस समय पाकिस्तान से संबंधित कोई नारा नहीं लगाया गया था. काज़ी साहब वहां मौजूद थे. वो करीब 2-3 मिनट तक रुके. ‘काज़ी साहब ज़िंदाबाद’ के नारे लगे. सभा में पुलिस मौजूद थी और किसी ने [पाकिस्तान ज़िंदाबाद] के नारे नहीं सुने. उज्जैन में आयोजित होने वाला ये समारोह धार्मिक भाईचारे के लिए आयोजित किया जाता है. समारोह में अलग-अलग धर्मों के लोग शामिल होते हैं. आयोजन के इतिहास में कभी भी देश विरोधी नारे नहीं लगाए गए. मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं कि मुझे उम्मीद है कि पुलिस वीडियो के आधार पर उचित जांच करेगी. किसी विशेष समुदाय को नुकसान नहीं होना चाहिए.”

लंबे वीडियो में कार्यक्रम स्थल पर शबनम अली की तस्वीर वाला एक बैनर देखा जा सकता है.

शबनम अली ने बैनर की एक साफ़ तस्वीर शेयर की जिसमें लोगों को इस्लामिक नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा गया था कि COVID को ध्यान में रखते हुए इस साल जुलूस को स्थगित कर दिया गया है. इसमें लोगों से ज़ियारत (एक पवित्र स्थान, मकबरे या मंदिर की यात्रा) के बाद भीड़ नहीं लगाने का भी अनुरोध किया गया है. शबनम अली ने ऑल्ट न्यूज़ को सूचित किया कि ताज़िया समारोह जुलूस निकालने के बजाय एक जगह पर ही आयोजित किया गया था.

शबनम अली ने सभा में अपनी एक तस्वीर शेयर की जहां वह MP की कांग्रेस नेता माया राजेश त्रिवेदी के साथ दिख रही हैं.

नीचे एक वीडियो है जिसमें शबनम अली, माया राजेश त्रिवेदी, उनके पति पंडित राजेश त्रिवेदी और काज़ी खलीक उर रहमान को देखा जा सकता है. पंडित राजेश त्रिवेदी ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मैं इस कार्यक्रम में मौजूद था, मैंने धार्मिक नारों के बीच ‘काज़ी साहब ज़िंदाबाद’ के नारे सुने. ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं लगाए गए.”

इस तरह, उज्जैन में एक ताज़िया समारोह की क्लिप को इस दावे के साथ शेयर किया गया कि वहां ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे. ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर समारोह के वायरल वीडियो के साथ-साथ अन्य क्लिप्स की जांच की, जिसे बेहतर ऑडियो क्वालिटी के साथ समारोह में शामिल हुए लोगों ने भेजी थी. वीडियो में जो नारा सुनाई देता है, वो है ‘काज़ी साहब ज़िंदाबाद’ और इस बात को कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी कंफ़र्म किया. वीडियो ऑनलाइन आने के बाद से पुलिस ने कम से कम 10 युवकों को गिरफ़्तार किया है. ऑल्ट न्यूज़ ने उज्जैन के एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला से संपर्क किया. उनके मुताबिक, पुलिस के पास मौजूद वीडियो ये साबित करते हैं कि “क्या कहा गया” लेकिन उन्होंने हमारे साथ कथित क्लिप शेयर नहीं की.

लगातार ये दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोजित एक सभा में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए गए. इससे पहले भी ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसे ही कई दावों पर कई रिपोर्टें लिखी हैं जिन्हें यहां पढ़ा जा सकता है.

ताज़िया समारोह के बाद मुस्लिम विरोधी, भड़काऊ नारे लगे

22 अगस्त को प्रकाशित द फ़्री प्रेस जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ”पुलिस ने अब तक 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनमें से गिरफ़्तार 10 आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया है. जीवाजीगंज थाना प्रभारी गगन बादल ने बताया कि अदालत ने शादाब, शानू और अब्दुल्ला को तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया है. बाकी को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.” गिरफ़्तार किए गए लोगों में नरुशेख, अज़हर, ज़फर, सलमान, मोहम्मद समीर, अब्दुल्लाह, शानू, अकबर, वाहिद और शादाब शामिल हैं.

एक तरफ, जहां भाजपा नेता शबनम अली ने समारोह में भाग लिया और ऑल्ट न्यूज़ को ये भी बताया कि उन्होंने पाकिस्तान समर्थक नारे नहीं सुने, वहीं नगर अध्यक्ष विवेक जोशी के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने उज्जैन के एसपी से मुलाकात की और पाकिस्तान और तालिबान के नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

FPJ की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 अगस्त को दबंग हिंदू सेना ने टॉवर चौक पर पाकिस्तान का पुतला जलाते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवधेश पुरी महाराज के नेतृत्व में ‘देश के गद्दारों को गोली मारो सा** को’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. उन्होंने [अवधेश पुरी] कहा, “अगर शहर के काज़ी इस घटना में प्रशासन के साथ सहयोग नहीं करते हैं, तो अगली बार हम उनका पुतला जलाएंगे.”

पुलिस की मौजूदगी में अवधेश पुरी ने इस घटना के खिलाफ़ ये कम्प्लेन पढ़ी, “उज्जैन में मुहर्रम के जुलूस के दौरान लगाए गए पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उज्जैन का नाम बदनाम हुआ है.” पुरी ने न केवल “आरोपियों” के खिलाफ़ सख्त पुलिस कार्रवाई की मांग की, बल्कि ये भी अपील की कि उनके घरों को तोड़ दिया जाए. उन्हें कोई सरकारी सुविधा मिलने से रोक दिया जाए और उनकी संपत्ति को सरकार ज़ब्त कर ले. उन्होंने बार एसोसिएशन से इन “राष्ट्र-विरोधियों” का प्रतिनिधित्व न करने का भी अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “उनका प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी वकील के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.” उनकी ये बात ‘जय श्री राम’ बोलने के साथ खत्म हुई.


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