“सूरत हाइवे पर नाजायेक वसुली करनें वालें पुलिस कर्मियों का पिटाई का विडियो जरुर देखें और आगे शेर करे ये पुलिस वाला इतनी हद करता था कि जिसके पास पुरा कगजात होते हुए भी पैसा लेता था अब ये हाल देखिए इसका”।
फेसबुक उपयोगकर्ता मोहम्मद इकबाल ने यह वीडियो उपरोक्त संदेश के साथ पोस्ट किया जिसमें दावा किया गया कि सूरत में यातायात उल्लंघन के लिए चालकों पर अवैध रूप से जुर्माना वसूलने पर पुलिसकर्मियों को पीटा गया। फेसबुक पर कुछ अन्य लोगों ने भी इसी दावे के साथ यह वीडियो साझा किया।
वीडियो के साथ दो तरह का दावा
कई दूसरे फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने इस वीडियो को साझा करते हुए यह दावा किया कि यह घटना उत्तराखंड के रुड़की में हुई थी। यह वीडियो एक जैसे दावे से साझा किया जा रहा है। उनका संदेश है- “रुड़की में गैरकानूनी वसूली करते हुए पकड़े गए पुलिस वाले ठुकाई हुई जबरदस्त”।
जुलाई से प्रसारित है यह वीडियो
ट्विटर हैंडल @NehalAhAnsari ने यही वीडियो इस संदेश के साथ पोस्ट किया- “आ गए अच्छे दिन? यह कानून व्यवस्था? देखो दोस्तों बेचारी? सब विडियो देखिए?”
आ गए अच्छे दिन?
यह कानून व्यवस्था?
देखो दोस्तों बेचारी?
सब विडियो देखिए?#मोदीहैतोमुमकिनहै pic.twitter.com/hV4p8xucuC— 🌹Nehal Ah Ansari 🌹#INC 🇮🇳 (@NehalAhAnsari6) July 18, 2019
गुजरात के सूरत की पांच महीने पुरानी घटना
वीडियो को गौर से देखने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि विवाद में शामिल लड़कों ने “गवर्नमेंट बॉयज हॉस्टल वांकल” के निशान वाले टी-शर्ट पहने थे।
गूगल पर एक कीवर्ड सर्च से हमें गुजराती मीडिया संगठनों की कई खबरें मिलीं। सूरत जिले के मांगरोल तहसील के वांकल गांव स्थित गवर्नमेंट बॉयज हॉस्टल के छात्र हॉस्टल परिसर में हुए कथित पुलिस अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
इस छात्रावास के छात्रों का आरोप था कि अपने छात्रावास परिसर के अंदर क्रिकेट खेल रहे लड़कों की पुलिसकर्मियों ने पिटाई की थी। प्रमुख गुजराती दैनिक, गुजरात समाचार, द्वारा 14 अप्रैल, 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है, “रविवार को छात्रों ने वांकल -झंखवाव राज्य राजमार्ग पर सड़क की नाकाबंदी कर दी और पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग करते हुए उनके खिलाफ नारे लगाए। सूचना के आधार पर, पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी, जहां छात्रों ने पुलिस को खदेड़ दिया और पुलिस वाहन पर पथराव किया “-(अनुवादित)। उसी घटना का एक अन्य वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
निष्कर्षतः, पुलिस द्वारा अत्याचार करने की एक कथित घटना का विरोध प्रदर्शन कर रहे कॉलेज के छात्रों का फिर से पुलिस के साथ झड़प हो गया। इस घटना का वीडियो झूठे दावे के साथ सोशल मीडिया में साझा किया गया कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए अवैध जुर्माना लगाने पर पुलिसकर्मियों की पिटाई की गई थी।
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