“भारत के दूसरे राज्यों में भी भारतीय सेना के खिलाफ गुस्सा फुट रहा है…यहाँ भारतीय सेना के एक पूरे काफिले पर नाराज स्थानीय लोगों ने घात लगाकर हमला किया, लूटा और बर्बाद किया …यहाँ तक कि सेना के बारूद और गोले भी चुराए गए…भारत के 200 जिले विद्रोह और अलगाववादी आंदोलनों का सामना कर रहे हैं…”(अनुवाद)
उपरोक्त संदेश ज़ैद हामिद ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, जिसमें एक उग्र भीड़ दिखाई दे रही है। वीडियो में, भीड़ को एक सैन्य ट्रक के शीशे को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। ज़ैद हामिद एक विवादास्पद पाकिस्तानी राजनीतिक टिप्पणीकार है। उनके ट्वीट के स्क्रीनशॉट को नीचे पोस्ट किया गया है।
यह ट्वीट अब मौजूद नहीं है क्योंकि भारत में हामिद के अकाउंट पर पाबंदी लगा दी गई है। वीडियो को कुछ यूजर्स ने भी ट्वीट किया है।
Anger is exploding against Indian army even in other states of India…
Here an entire convoy of Indian army ambushed, robbed and destroyed by angry locals…even arms, ammo and shells were stolen….
200 districts of India face insurgencies and seperatist movements… pic.twitter.com/xDqDvqFliG— Eye Link (@Vintagendia) August 21, 2019
2009 का वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को कई कीफ़्रेमों में तोड़ा और गूगल पर इनका रिवर्स-सर्च किया। हमने पाया कि यह वीडियो दस साल पहले यानी 2009 में, यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। वीडियो का शीर्षक था,‘भारतीय सैन्य वाहनों पर हमला करते पेरियार डीके कार्यकर्ता।’-अनुवादित।
इस वीडियो के आधार पर और जिस संदर्भ में इसे यूट्यूब पर अपलोड किया गया था, ऑल्ट न्यूज़ को 2009 के कई समाचार रिपोर्ट मिलीं। भारतीय सेना के वाहनों का यह हाल, श्रीलंका के गृह युद्ध — जिसमें तमिल अलगाववादी समूह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) [जिसे उस वर्ष श्रीलंकाई सेना द्वारा निष्प्रभावी किया गया था]– के दौरान तमिल समर्थकों द्वारा किया गया हमला था। यह घटना कोयंबटूर के पास मई 2009 में हुई थी।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला पेरियार द्रविड़ कज़गम (PDK) और मारुमलेरची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK) के कार्यकर्ताओं ने किया था, जिन्होंने सेना के उस काफिले को इस संदेह में रोका था कि वे हथियार श्रीलंकाई सेना को भेजे जाने थे। दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ट्रकों पर पथराव किया, जिससे मामूली नुकसान हुआ था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस हिंसा के लिए 200 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज़ किए गए थे।
यह वीडियो 2009 का है और श्रीलंका में संघर्ष से संबंधित है। यह जम्मू-कश्मीर, या वहां के हालिया घटनाक्रम से संबंधित नहीं है। वीडियो तमिलनाडु का है।
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