जम्मू-कश्मीर राज्य से संबंधित धारा 370 के प्रमुख प्रावधानों को निष्क्रिय करने के भारत सरकार के निर्णय के बाद सोशल मीडिया में भ्रामक और विघटनकारी सूचनाओं का दौर जारी है। अब, सोशल मीडिया उपयोगकर्ता यह संदेश फैला रहे हैं कि कनाडा सरकार ने “भारतीय सेना के जनरलों और ब्रिगेडियरों को वीजा देने से इनकार कर दिया है जिन्होंने कश्मीर में खुफिया अधिकारियों के रूप में काम किया था”-अनुवादित।
🇨🇦 Canada refuses visa for Indian Army Generals and Brigadiers who served as intelligence officers for their part in #Kashmir: thank you @JustinTrudeau for your brave stance pic.twitter.com/KaCwdsz7jy
— Lord Nazir Ahmed (@nazir_lord) August 21, 2019
जैसा कि लॉर्ड नजीर अहमद के उपरोक्त ट्वीट में देखा जा सकता है, जिसे 5800 से अधिक बार रीट्वीट किया गया है। इस दावे को एक समाचार चैनल की वीडियो रिपोर्ट के हवाले से साझा किया गया है। अहमद ब्रिटेन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य हैं। यह वीडियो 2:20 मिनट का है। ऑल्ट न्यूज़ को कई उपयोगकर्ताओं द्वारा फेसबुक पर साझा किए गए इस वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला। समान दावे से इस वीडियो को पाकिस्तानी सोशल मीडिया में भी व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है।
समान दावा एक वेबसाइट, रिसर्च स्नाइपर्स द्वारा प्रकाशित एक लेख में किया गया है कि भारतीय सेनाधिकारियों को कनाडा सरकार द्वारा कश्मीर में कथित अत्याचार के लिए वीजा देने से मना कर दिया गया है।
तथ्य-जांच: 2010 का वीडियो
यह जानकारी कि कनाडा सरकार ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को कश्मीर में उनकी कथित भूमिका को लेकर वीजा देने से इनकार कर दिया है, इसका भारत सरकार द्वारा हाल ही में अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधानों को अप्रभावी करने के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है। इस संबंध में एक महत्वपूर्ण सुराग वीडियो में दिख रही समाचार चैनल का लोगो- हेडलाइंस टुडे है।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि हेडलाइंस टुडे इंडिया टुडे समूह के स्वामित्व वाले लोकप्रिय अंग्रेजी समाचार चैनल इंडिया टुडे का पूर्व नाम है। 2015 में चैनल का नाम बदल दिया गया था। यह स्वयं इस बात का प्रमाण है कि यदि यह वीडियो ज्यादा पहले का नहीं तो कम से कम 2015 तक का जरूर है। इस वीडियो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर संबधित कीवर्ड के उपयोग से सर्च किया, हमने पाया कि यह वीडियो नौ साल पहले, यानी 2010 में पोस्ट किया गया था।
गूगल पर तारीख और समय के फ़िल्टर का उपयोग करते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने 2010 की समाचार रिपोर्टों की खोज की तो इस राजनयिक धारा से संबंधित कई लेख मिले, जो इसकी चर्चा कर रहे थे कि कनाडा सरकार ने मानव अधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कई पूर्व सेनाधिकारियों और खुफिया अधिकारियों को वीजा जारी करने से इंकार कर दिया था।
अंत में यह बतया जा सकता है कि भारतीय सेनाधिकारियों को कनाडा सरकार द्वारा वीजा देने से इनकार करने का दावा, 2010 की खबरों से संबंधित है और जम्मू-कश्मीर के हालिया घटनाक्रम से इसका कोई संबंध नहीं है।
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