सेब के पेड़ों को काटे जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि भारत सरकार राज्य से संबंधित धारा 370 के प्रमुख प्रावधानों को रद्द करने के हालिया कदम के बाद कश्मीर में सेब के बागानों को नष्ट कर रही है।
آرٹیکل 370 مقبوضہ کشمیر پر قبضہ کے بعد انڈین مودی حکومت نے ظلم کی انتہا کردی
معصوم کشمیریوں کے باغات کاٹنا شروع کردیے
ویڈیو کو زیادہ سے زیادہ شیئر کریںپاکستان حکومت سے گزارش ہے ہماری مدد کرے#BlockAirRoutesForIndia pic.twitter.com/zAN9LkHSRf
— سید علی گیلانی (@syedAliGelani_) August 27, 2019
उपरोक्त ट्वीट 27 अगस्त को पोस्ट किया गया था, और अब तक 550 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका है। साथ के संदेश में कहा गया है कि धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर में बागानों को नष्ट किया जा रहा है। वीडियो 46-सेकंड लंबा है, और फलों से लदे सेब के पेड़ों को काट कर गिराते हुए दिखलाता है।
हिमाचल प्रदेश का पुराना वीडियो
उपरोक्त ट्वीट के टिप्पणी अनुभाग में, एक उपयोगकर्ता ने यह बतलाते हुए कि विचाराधीन वीडियो जुलाई 2018 का है, टिप्पणी की थी कि वह वीडियो कश्मीर का नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश का है, और एक अतिक्रमण विरोधी अभियान का प्रतिनिधित्व करता है।
***#MISLEADING CONTENT***
This video is not from #Kashmir. The video in question is from Himachal Pradesh. As per the High Court’s mandate, a drive to free forest land from encroachers was started. The video is from July 2018.
Link to story: https://t.co/uPOVILweWI— Sagar Kaul (@sagared) August 27, 2019
उपरोक्त ट्वीट में एक यूट्यूब लिंक शामिल था, जिसमें वही वीडियो दिखलाया गया था। इसे जुलाई 2018 में अपलोड किया गया था, और यहां नीचे पोस्ट किया गया है। इस वीडियो के अलावा, ऑल्ट न्यूज़ को जुलाई 2018 में अपलोड किया हुआ एक और वीडियो मिला, जिसमें शिमला में सेब के पेड़ों को गिराते हुए दिखलाया गया था।
सेब के पेड़ों की कटाई एक अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा थी, 2018 में जिसका आदेश हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय ने दिया था। मई 2018 की एक इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट में कहा गया है, “हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के अदालती आदेश को लागू करने के हिस्से के रूप में शिमला के सेब-क्षेत्र में सेब के पौधों की कटाई पूरी करने के लिए विशेष जांच के दल (SIT) को एक सप्ताह का समय दिया।”
इस रिपोर्ट में कहा गया है, “जिन बागान मालिकों के फल देने वाले पौधों पर कुल्हाड़ी चली, उनमें 13 वे लोग शामिल थे, जिन्हें हाईकोर्ट ने ‘बड़े’ सेब उत्पादकों के रूप में पहचाना था, जिन्होंने कथित रूप से 50 से 200 बीघा जंगलों का अतिक्रमण किया था और पिछले चार दशकों के दौरान सेब की अर्थव्यवस्था से समृद्ध हुए थे।”
यह दोहराया जा सकता है कि विचाराधीन वीडियो कश्मीर का नहीं है और ‘भारत सरकार द्वारा सेब के बागानों को नष्ट करने’ का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, जैसा कि दावा किया गया है। यह हिमाचल प्रदेश का है और साल भर से ज्यादा पहले, 2018 का है।
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