कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें एक व्यक्ति चीता के साथ सोते हुए नज़र आ रहा है. दावों के मुताबिक ये वीडियो राजस्थान के मोछाल में स्थित हिंदू मंदिर, पीपलेश्वर महादेव का है. 23 दिसम्बर, 2020 को एक यूज़र ने ये वीडियो शेयर करते हुए ये दावा किया है.
In Rajasthan at Siriholini Village, daily at night a Cheetah with his family comes and sleeps with the priest of Pipaleshwar Temple . This was going on for a while and one day this guy mentioned it to the wildlife department. They fitted a CCTV to record it.
Posted by Anurag Sharma on Wednesday, 23 December 2020
अगस्त महीने से वायरल
ट्विटर यूज़र अनुराग ताम्रकार ने इस वीडियो को शेयर किया जिसे ये लेख लिखे जाने तक 700 से ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.
यह विडियो पिपलेश्वर महादेव मंदिर मोछाल ( सिरोही ) का है हर रोज ये चीता परिवार मन्दिर के सेवक को अपना समझ कर उनके साथ सो जाते हैं। pic.twitter.com/6j31kOgLBZ
— अनुराग ताम्रकार (@anuragtamrakar6) August 6, 2020
इसी तरह अन्य ट्विटर और कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी यह वीडियो शेयर किया.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने जब कीवर्ड सर्च किया तो यह वायरल वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर मिला. इसे डोल्फ सी. वाॅकर ने अपलोड किया था.
इस वीडियो का टाइटल है, ‘Do Cheetahs Prefer Cold Hard Concrete Or Warm Blankets Pillow & A Friend?|Three BIG CAT Night’ और इसे करीब डेढ़ करोड़ व्यूज मिले हुए हैं. इस यूट्यूब चैनल पर लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार वाॅकर साउथ अफ्रीका के पशु अधिकारों के हिमायती हैं और जूलॉजी की पढ़ाई की हुई है. उनके चैनल के करीब 5 लाख सब्सक्राइबर हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने उनके फे़सबुक प्रोफ़ाइल को सर्च किया और हमें पता चला कि उन्हें ‘चीता व्हिस्परर’ के नाम से भी जाना जाता है.
वीडियो डिस्क्रिप्शन के अनुसार, इसमें नज़र आ रहे चीता साउथ अफ्रीका के चीता पालन केंद्र – ‘चीता एक्सपीरियंस’ में पैदा हुए और वहीं पले बढ़े हैं. डिस्क्रिप्शन के अनुसार इनमें से एक चीता को जल्द ही सुरक्षित जंगली क्षेत्र में छोड़ा जाना था. वाॅकर का मानना है कि सोने के मामले में चीता घरेलु बिल्लियों की तरह ही हैं. उन्हें ठंडी ज़मीन के बजाय गर्म और मुलायम बिस्तर ही चाहिए.
NDTV ने 2015 में वाॅकर पर एक लेख लिखा था जिसके अनुसार वे ‘चीता एक्स्पेरिरंस’ में 2014 से ही वालंटियर कर रहे थे.
साफ़ है कि इसे पीपलेश्वर महादेव मंदिर का बताने वाला दावा बिल्कुल ही गलत है. इस वीडियो को साउथ अफ़्रीका के प्रसिद्ध पशु कार्यकर्ता डोल्फ सी. वाॅकर ने 2019 में अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था.
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