भारतीय मौसम विभाग ने 7 अगस्त को रेड अलर्ट जारी कर केरल के इडुक्की, मलप्पुरम, पत्तनमतिट्टा और वायनाड ज़िलों में भारी बारिश की चेतावनी दी थी. यह जानकारी डाउन टू अर्थ ने एक रिपोर्ट में दी थी. इसी के बाद से बाढ़ में बहते मवेशियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो वायनाड का है. ऑल्ट न्यूज़ को इसके फ़ैक्ट-चेक के लिए व्हाट्सऐप (+917600011160) और ऑफ़िशियल ऐप पर कई रिक्वेस्ट मिली हैं.

एक फे़सबुक यू़जर ने यही वीडियो इस कैप्शन के साथ पोस्ट किया, “केरल के कोट्टयम में बाढ़ में बहते मवेशी.”

Kerala Flood

Cattle washed away due to heavy rains in Kottayam, Kerala

Posted by Munnar Cottages Resorts on Saturday, 8 August 2020

फै़क्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर जब कीवर्ड सर्च किया तो यह वायरल वीडियो हमें यूट्यूब पर मिला. इसे अटोलो केसिल ने पिछले महीने अपलोड किया था. इसके डिस्क्रिप्शन के अनुसार वीडियो में मेक्सिको के नायारिट में बाढ़ गायों को बहा ले जा रही है.

इस मेसेज का इस्तेमाल करते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया, ‘Las vacas son arrastradas por el agua de la inundación, Nayarit, México.’ (अटोलो केसिल के वीडियो डिस्क्रिप्शन और अन्य कई रिपोर्ट से अनुवाद किया गया)

ये वीडियो 28 जुलाई को मेक्सिकन न्यूज़ चैनल इमेजेन टेलीविज़न ने अपने यूट्यूब चैनल पर डाला था. यही वीडियो एक स्पेनिश वेबसाइट La Teja ने अपने लेख के साथ पब्लिश किया था. उसके डिस्क्रिप्शन के मुताबिक या घटना नायारिट के ज़क्वालपन की है.

मेक्सिको के एक प्लेटफ़ॉर्म, Uno TV ने भी इस घटना के बारे में लिखा था. इस रिपोर्ट के अनुसार ये मवेशी ईआई काॅन्कल नदी में बह रहे हैं. इस रिपोर्ट में ब्राज़ील के Conexao GeoClima का ट्वीट भी है जिसने इसी वीडियो को दूसरे ऐंगल के साथ पोस्ट किया था.

साफ है कि बहते मवेशियों वाला मेक्सिको का विडियो वायनाड का बताकर शेयर किया जा रहा है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.